बेटियों ने मां को दिलाया न्याय: जिंदा जलते देखा…सीएम को खून से लिखा था खत, अब मिली कातिल पिता को सजा


बुलंदशहर में बेटा न होने पर जिंदा जलाकर पत्नी को मौत के घाट उतारने वाले दोषी पति को कोर्ट ने बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषी पर कोर्ट ने 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाने में कोर्ट ने दोषी की बेटियों की गवाही को अहम माना है। बेटियों ने ही तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को खून से खत लिखकर मामले में पुलिस के ढुलमुल रवैये का पर्दाफाश किया था। इसके बाद गंभीरता से मामले की जांच हुई और बेटियों को गवाह बनाया गया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव मलिक और पीड़ित के अधिवक्ता संजय शर्मा ने बताया कि ओमवती देवी ने 14 जून 2016 को नगर पुलिस को शिकायत देकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ओमवती ने बताया था कि बेटी अन्नू की शादी नगर के कोठियात निवासी मनोज बंसल के साथ साल 2000 में की थी। इसके बाद अन्नू को दो बेटियां लतिका और तान्या हुईं। 

मनोज को बेटा चाहिए था। वह पांच बार लिंग जांच कराने के बाद गर्भपात करा चुका था। मनोज ने 13 जून को फोन करके मायके वालों को बुलाया। मौके पर पहुंचे तो उसने अन्नू को साथ ले जाने के लिए कहा। उन्होंने साथ ले जाने से इनकार किया तो उसने हत्या की धमकी दी। 

14 जून की सुबह नातिन लतिका बंसल ने सूचना दी कि पिता और अन्य लोगों ने मां को जिंदा जला दिया है। मौके पर पहुंचकर देखा तो अन्नू बुरी तरह से जली हुई आंगन में पड़ी थी। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया। दिल्ली में उपचार के दौरान 20 जून को उसकी मौत हो गई थी। 

 

बेटियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को खून से लिखा था खत

मामले में पुलिस शुरू से ही ढुलमुल रवैया अपनाए हुए थी। अन्नू की मौत के बाद पुलिस ने हत्या की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी। मामले में आठ लोगों को आरोपी बनाया गया था। जांच के बाद पुलिस ने सात लोगों का नाम निकाल दिया था। मनोज के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की चार्जशीट लगाकर कोर्ट में पेश की थी। 

 

अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। दो माह तक कार्रवाई नहीं होने पर अन्नू की बेटी लतिका और तान्या बंसल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को खून से लिखकर खत भेजा था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पीड़ित बेटियों को मिलने के लिए लखनऊ बुलाया। उन्हें दस लाख रुपये की आर्थिक मदद और मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। 

 



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