मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह के गाए गीत पर स्टार भारत के नए शो का नाम है, ‘ना उम्र की सीमा हो’। जैसा कि शो का शीर्षक है कहानी भी ऐसी ही है। शो में उम्र दराज लड़के और कम उम्र की लडकी की प्रेम कहानी दिखाई गई। आम तौर पर समाज में ऐसे रिश्ते को लेकर काफी ट्रोल किया जाता है। दीपशिखा नागपाल कहती है, ‘ जब कोई लडकी किसी बड़े उम्र के लड़के से प्रेम करती है तो लोग कहते है, अरे ये तो उसकी बाप के उम्र का है, जब कोई बड़ी लडकी छोटे उम्र के लड़के से प्रेम करती है तो उसको भी खूब ट्रोल किया जाता है। मलाइका अरोड़ा और अर्जुन कपूर को भी इसीलिए काफी ट्रोल किया जाता है। लेकिन उन दोनों का एक दूसरे के प्रति इतना विश्वास है कि लोग क्या कहेंगे इससे उन्हें फर्क नहीं पड़ता है।’
परमेश्वर कहलाने लायक तो हो पति
दीपशिखा कहती हैं, ‘ट्रोल करने से पहले लोग यह क्यों नहीं सोचते है कि जब दो लोग ऐसे प्यार करते हैं, तो उनकी प्यार की परिभाषा अलग होती है। उनका एक दूसरे के प्रति आत्मा से कनेक्शन होता है। मैं मलाइका और अर्जुन कपूर का प्रेम देखकर बहुत खुश होती हूं। लेकिन लोग इन दोनों को कितना ट्रोल करते हैं। उन दोनों में एक दूसरे के प्रति इतना विश्वास है कि लोग क्या कर रहे है उनको इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। हमउम्र में भी शादी करके लोगो ने कौन से झंडे गाड़ लिए हैं? चंद महीनों में तो तलाक हो जा रहे है। इसकी बहुत सारी वजह हो सकती है, लेकिन मेरा सिर्फ यही कहना है कि जब दो लोगों को प्यार होता है तो उनको करने दो, उनकी अपनी जिंदगी है उन्हें जीने दो, उनका जीना हराम मत करो। हमारे मां बाप से सिखाया था कि पति परमेश्वर होता है आप तो परमेश्वर मान लेते हैं, लेकिन सामने वाला भी परमेश्वर कहलाने के काबिल होना चाहिए। मैंने दो बार शादी की लेकिन दोनों नहीं चली।’
संबंध निभाने की हिम्मत होनी चाहिए
अपने रिश्तों की बात चलने पर दीपशिखा कहती है, ‘जब मेरी पहली शादी जीत उपेन्द्र से हुई तो लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि वह उम्र में मुझसे बड़े हैं। लोगों ने ट्रोल करना शुरू कर दिया। मुझे लगता था कि मैं अपने समय से बहुत आगे थी लेकिन रिश्ते आगे नहीं बढ़ पाए। दूसरी शादी जब केशव से हुई तो लोगों ने कहना शुरू किया किया वह तो उम्र में बहुत छोटा है। केशव से भी लोग कहने लगे, तू पागल है, बहुत सारी लड़कियां मिल जाएगी बड़ी उम्र की औरत से शादी क्यों की? इससे कहने वालो का कुछ नहीं बिगड़ता है, लेकिन हम लोगों की बातो में आकर अपने रिश्ते खराब कर लेते हैं। अगर दोनों में संबंध निभाने की हिम्मत नहीं है तो रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चलेगा।’
रिश्ता ऐसा हो जो जिंदगी भर निभा सके
दीपशिखा का मानना है कि जिंदगी बहुत छोटी है, पता नहीं कब क्या हो जाए इसलिए जब तक जियो क्वालिटी लाइफ जियो। वह कहती हैं, ‘कोविड में किसे पता था कि कब कौन चला जाएगा? कितने लोग चले गए, जिंदगी का क्या भरोसा, आज है कल ना हो। रिश्ता ऐसा होना चाहिए जो जिंदगी भर निभा सके और ऐसे रिश्ते रोज नहीं बनते हैं। मैं अपने दोस्तों को बताती रहती हूं अगर कोई एक दूसरे की इज्जत करता है, प्यार करता है तो करने दो। लेकिन जब लोग बोलते हैं कि ऐसी लड़की तो रोज मिल जाएगी, प्यार रोज हो जायेगा तो सुनकर बहुत हैरानी होती है।’
समाज के हिसाब से नहीं चलती जिंदगी
दीपशिखा कहती हैं, ‘जब हम कभी ऐसे रिश्ते में पड़ते है, तो हमारी यही चिंता होती है कि समाज क्या सोचेगा, लोग क्या कहेंगे? ‘ना उम्र की सीमा हो’ में भी इसी तरह का ताना बाना बुना गया है। हालांकि मेरा अलग ट्रैक है और मैं इस शो में सत्यवती की भूमिका निभा रही हूं जो महाभारत काल की कहानी सत्यवती से प्रेरित है। मैं इसमें देव की भूमिका निभा रहे इकबाल खान की सौतेली मां का किरदार निभा रही हूं, लेकिन उसका देव के प्रति सौतेली मां वाला व्यवहार नहीं है। भीष्म की तरह देव अपनी पूरी जिंदगी मेरे बच्चों की देखभाल में लगा देता है और उम्र के एक पड़ाव पर उसे भी एक सच्चे दोस्त की जरूरत महसूस होती है। उसको भी लगता है कि समाज और लोग क्या कहेंगे? लेकिन सच्चाई तो यही है कि जिंदगी समाज और लोगों के कहे मुताबिक नहीं चलती है।’