क्या 160 किमी की रफ्तार से गेंद फेंकने के लिए ट्रक खींचने पड़ते हैं? शोएब अख्तर ने बताया पूरा फॉर्मूला


नई दिल्ली. उमरान मलिक ने आईपीएल 2022 में अपनी रफ्तार से सबको चौंकाया है. उन्होंने इस सीजन में 157 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड बनाया है. तब से ही इस बात की चर्चा तेज हो गई है क्या उमरान क्रिकेट इतिहास की सबसे तेज गेंद फेंकने के शोएब अख्तर के रिकॉर्ड को तोड़ पाएंगे? हालांकि, इस चर्चा के बीच पाकिस्तान के पूर्व पेसर शोएब अख्तर ने एक चौंकाने वाला दावा किया है. अख्तर ने कहा है कि अपनी गेंदबाजी की रफ्तार बढ़ाने के लिए वो रात को ट्रक खींचा करते थे. इसी वजह से उनकी गेंदबाजी की रफ्तार बढ़ी और उन्होंने विश्व क्रिकेट में सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड बनाया.

शोएब ने 2003 के विश्व कप में सबसे तेज फेंकने का रिकॉर्ड बनाया था. उन्होंने तब इंग्लैंड के बल्लेबाज निक नाइट को 100.23 मील यानी 161.3 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंककर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. अख्तर का यह रिकॉर्ड आज तक कोई गेंदबाज नही तोड़ पाया है.

शोएब अख्तर ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत में 2003 के विश्व कप में सबसे तेज रफ्तार गेंद फेंकने के रिकॉर्ड के पीछे की कहानी बताई. उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने 100 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकी थी. अख्तर ने कहा, जब आप 155 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं, तो याद रखिए कि 5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार अभी भी आपके अंदर बाकी है. हालांकि, उस अतिरिक्त स्पीड को हासिल करने के लिए आपको ट्रेनिंग भी ज्यादा करनी होगी. मैं 157-158 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी तो कर रहा था. लेकिन 160 का आंकड़ा हासिल नहीं कर पा रहा था. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?

मैंने रात में ट्रक खींचना शुरू किया: अख्तर
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज अख्तर ने आगे अपनी उस खास ट्रेनिंग का खुलासा किया, जिसके दम पर वो इस मुकाम को हासिल कर पाए. अख्तर ने बताया कि मैंने टायर बांधकर दौड़ना शुरू किया. लेकिन जल्द ही यह महसूस किया वो हल्के हैं. इसके बाद मैंने अपने कंधों से छोटी-छोटी गाड़ियां खींचनी शुरू कीं. इस्लामाबाद में रात के वक्त सड़कों पर ट्रैफिक कम होता है तो मैं रात को गाड़ियां खींचता था. मैं अपने रन अप से ट्रक या छोटी गाड़ियों की स्पीड मैच करने की कोशिश करता था. फिर, मुझे लगा कि गाड़ियां छोटी हैं. इसलिए मैंने ट्रक खींचना शुरू किया. मैं 4-5 मील यानी 8 किलोमीटर तक ट्रक खींचता था.

‘मैंने दो महीने तक कड़ी ट्रेनिंग की’
उन्होंने आगे कहा, “जब मैंने 26 गज की पिच पर गेंदबाजी शुरू की तो मेरी गति स्पीड 142-143 किमी प्रति घंटा तक आ गई. लेकिन मेरा टारगेट 150 किमी प्रति घंटे को छूना था. तब मेरी मांसपेशियां काफी मजबूत थीं. इसलिए मैंने पुरानी गेंदों से बॉलिंग शुरू कर दी. इसके बाद मैंने नई गेंद से अभ्यास शुरू किया. मैं शरीर के बायो मैकेनिक्स के साथ खेल रहा था. यह सिलसिला दो महीने तक चला और फिर मैंने 150 किमी प्रति घंटा की रफ्तार हासिल कर ली.”

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‘मेरी तेज रफ्तार गेंद से पाकिस्तानी बल्लेबाज भी डरते थे’
अख्तर ने खुलासा किया कि 2003 का विश्व कप आने तक, उन्हें इतना भरोसा था कि वह रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं. उन्होंने बताया, “जब मैंने 2003 विश्व कप के दौरान नेट्स में गेंदबाजी की, तो बल्लेबाज मेरी रफ्तार से डर गए थे, वो मुझसे कहते थे कि तुम इतनी तेज गेंद फेंक रहे हो कि हमें मार डालोगे. वो मुझसे पूछते थे कि कैसे तुमने अपनी गेंदबाजी की रफ्तार इतनी बढ़ा ली. मैंने उन्हें बताया कि मैं काफी कड़ी ट्रेनिंग के दौर से गुजरा हूं. क्योंकि मुझे हर हाल में 100 मील प्रति घंटे के बैरियर को तोड़ना है.

Tags: IPL 2022, Shoaib Akhtar, Umran Malik

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