Do you know: लोकसभा और विधानसभा चुनावों में क्या है अंतर? क्या आप जानते हैं ये बातें


पब्लिक ऑफिस में पद धारण करने के लिए व्यक्तियों को चुनने की औपचारिक प्रक्रिया चुनाव कहलाती है। प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता अपनी पसंद के एक उम्मीदवार को अपना वोट डाल सकते हैं, और विजेता वह उम्मीदवार होगा जिसके पास सबसे अधिक वोट होंगे। भारत संसदीय प्रणाली के तहत काम करता है जिसमें केंद्र सरकार और राज्यों के बीच शक्तियों का बंटवारा किया जाता है। राष्ट्रपति देश का मुखिया और सभी रक्षा बलों का सर्वोच्च कमांडर-इन-चीफ होता है। जबकि प्रधानमंत्री लोकसभा के राष्ट्रीय चुनावों में बहुमत वाले राजनीतिक गठबंधन की पार्टी का नेता होता है।

भारत को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक राज्य का एक मुख्यमंत्री होता है जो उस पार्टी या राजनीतिक गठबंधन का नेता होता है जिसने क्षेत्रीय चुनावों या राज्य विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल किया हो। लेकिन प्रश्न ये है कि ये चुनाव है क्या और क्या केंद्र में और राज्यों में नेता चुनने के लिए एक ही चुनावी प्रणाली को फॉलो किया जाता है, तो जवाब मिलेगा बिल्कुल नहीं। जहां केंद्र सरकार चुनने के लिए लोकसभा का चुनाव होता है। वहीं विधान सभा के चुनावों के जरिए राज्यों में नेता या मुख्यमंत्री चुने जाते हैं। आइए जानते हैं कि लोकसभा और राज्य सभा के चुनावों में क्या अंतर है।

लोकसभा चुनाव
लोक सभा जनता के प्रतिनिधियों से बनी होती है। उसे वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुना जाता है। लोकसभा कुल 552 सदस्यों से मिलकर बनी होती है है। इसमें राज्यों का प्रतिनिधित्व करने के लिए 530 सदस्य और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए 20 सदस्य शामिल हो सकते हैं। एंग्लो-इंडियन समुदाय के सदस्यों को अध्यक्ष द्वारा मनोनीत किया जाता है।

राज्यों के बीच कुल निर्वाचित सीटों को इस तरह से बांटा जाता है कि प्रत्येक राज्य को आवंटित सीटों की संख्या और राज्य की जनसंख्या के बीच का अनुपात सभी राज्यों के लिए एक समान हो। भारत की संसद के निचले सदन यानी लोकसभा के सदस्य सीधे वोट द्वारा चुने जाते हैं। 543 सांसदों के चुनाव के लिए हर पांच साल में एक बार चुनाव होता है। एक पार्टी को केंद्र में सरकार बनाने के लिए 272 सांसदों की आवश्यकता होती है, और अगर किसी पार्टी के पास इतने सांसद नहीं हैं, तो वह सरकार बनाने के लिए अन्य दलों के साथ सहयोग कर सकती है। बहुमत वाली पार्टी या गठबंधन का नेता प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेता है।

विधानसभा चुनाव
प्रत्येक वयस्क उम्मीदवार अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में मतदान कर सकता है। राज्य विधान सभा चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार को विधानसभा के सदस्य (एमएलए) के रूप में जाना जाता है। एक विधायक पांच साल तब तक एक सीट पर बना रह सकता है और पांच साल बाद दोबारा चुनाव होते हैं। विधानसभा की कुल संख्या मुख्य रूप से प्रत्येक राज्य के आकार और जनसंख्या पर निर्भर करती है। यहां बहुमत दल के नेता या गठबंधन राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेते हैं।

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