दुबई की वर्चुअल एसेट्स रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाएगी Metaverse हेडक्वार्टर


वर्चुअल एसेट्स के रेगुलेशन के लिए दुबई में हाल ही में बनाई गई अथॉरिटी VARA ने मेटावर्स में अपनी मौजूदगी पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए VARA ने मेटावर्स से जुड़ी फर्म Sandbox के साथ पार्टनरशिप की है। VARA की योजना एक वर्चुअल हेडक्वार्टर बनाने की है। इसे MetaHQ कहा जाएगा। इसके साथ ही VARA ने Web3 में आगे बढ़ने का लक्ष्य रखा है। 

मेटावर्स में मौजूदगी दर्ज कराने वाली VARA पहली क्रिप्टो रेगुलेटरी अथॉरिटी होगी। दुबई के क्राउन प्रिंस और दुबई एग्जिक्यूटिव काउंसिल के चेयरमैन Sheikh Rashid Al Maktoum ने बताया, “VARA के रिसोर्सेज को मेटावर्स के जरिए बढ़ाने से दुबई एक प्रोटोटाइप डीसेंट्रलाइज्ड रेगुलेटर मॉडल तैयार कर रहा है। इसके लिए विभिन्न देशों की अथॉरिटीज और इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स को निमंत्रित किया जाएगा।” Bloomberg Intelligence ने हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा था कि मेटावर्स का मार्केट 2024 तक 800 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। कैरिबियाई देश बारबाडोस ने मेटावर्स में एक डिजिटल दूतावास खोलने की योजना बनाई है। 

क्रिप्टो से जुड़े नए कानून का उल्लंघन करने वालों को सजा देने का अधिकार भी VARA के पास है। यह उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने के अलावा और उनके कारोबार को बंद कर सकती है। दुबई के निवासियों को क्रिप्टो से जुड़ी एक्टिविटीज में शामिल होने से पहले  VARA के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वर्चुअल एसेट्स से जुड़े कारोबारों को भी VARA को डिटेल्स देनी होंगी। दुबई में क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़े कानून को लागू करने का उद्देश्य इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स को लागू करना और इस इंडस्ट्री को बढ़ाना है। इससे क्रिप्टो इनवेस्टर्स के लिए सुरक्षा और पारदर्शिता को भी पक्का किया जाएगा।

बहुत सी बड़ी फर्में UAE के दुबई और अबु धाबी जैसे रीजंस में अपने ऑफिस खोल रही हैं। इनमें क्रिप्टो एक्सचेंज Binance भी शामिल है। दुबई में क्रिप्टो सेगमेंट को बढ़ावा देने के लिए अलग जोन बनाने की भी योजना है। इससे खाड़ी देशों में क्रिप्टो में इनवेस्टमेंट करने वालों की संख्या भी बढ़ सकती है। हाल ही में क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX के दुबई में हेडक्वार्टर शिफ्ट करने की अटकलें लगी थी। हालांकि, एक्सचेंज ने यह ने स्पष्ट किया था कि उसका हेडक्वार्टर मुंबई में है और इसी शहर में रहेगा। इन अटकलों की वजह देश में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर लागू किए गए टैक्स कानून और इनसे एक्सचेंज के बिजनेस पर असर पड़ने की आशंका थी। 
 

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