Overthinking के कारण हो सकती है इमोशनल पैरालाइसिस जैसी गंभीर बीमारी, बचने के लिए अपनाएं यह उपाय


साइकोलॉजिस्ट और बिहेवियरल थेरेपिस्ट डॉ. केतम हमदन ने ज़ी न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में बताया कि ओवरथिंकिंग एक मनोवैज्ञानिक बीमारी है, जो किसी के भी दिमाग का इस्तेमाल करके उसकी जिंदगी बर्बाद कर सकती है। आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताएँगे जिन्हें अपनाकर आप खुद को ज्यादा सोचने की बीमारी से मुक्त कर सकते हैं।

‘खाली दिमाग शैतान का घर’ यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी, ज्यादातर लोगों को दिन के अंत में जब खाली समय मिलता है तो वह सोच-विचार करने लगते हैं। पर कई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें खाली समय मिलें या न मिलें उनके दिमाग में हर समय तरह-तरह के सवाल चलते रहते हैं। थोड़ी बहुत चिंता और सोच-विचार करना जरुरी है पर हद से ज्यादा सोचना गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। ज्यादा सोचने की वजह से आपके काम बिगड़ने लगते है और जिंदगी में तनाव भी बढ़ने लगता है। अगर आप ज्यादा सोचते हैं और सोचते-सोचते अलग ही दुनिया में खो जाते हैं तो आपको खुद पर ध्यान देने की जरूरत है।

साइकोलॉजिस्ट और बिहेवियरल थेरेपिस्ट डॉ. केतम हमदन ने ज़ी न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में बताया कि ओवरथिंकिंग एक मनोवैज्ञानिक बीमारी है, जो किसी के भी दिमाग का इस्तेमाल करके उसकी जिंदगी बर्बाद कर सकती है। आज हम आपको डॉ. केतम हमदन द्वारा बताये गए कुछ ऐसे उपाय बताएँगे जिन्हें अपनाकर आप खुद को ज्यादा सोचने की बीमारी से मुक्त कर सकते हैं।

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STEP 1: डर, चिंता का कारण पहचाने

डॉ. केतम हमदन ने बताया कि अधिकतर लोगों के दिमाग में विचार किसी चिंता, डिप्रेशन, किसी चीज से असुरक्षा के कारण या फिर किसी अनजानें डर की वजह से आते हैं। इसलिए ऐसे विचारों से बचने के लिए सबसे पहले आपको अपने डर या चिंता को पहचानना पड़ेगा, तभी आप ज्यादा सोचने की समस्या से छुटकारा पा सकेंगे।

STEP 2: कारण का सामना करें

डॉ. केतम हमदन ने आगे कहा कि अगर आपको पता चल गया है कि आपको किस चीज से डर लग रहा है या आपको किस चीज की अधिक चिंता हो रही है तो उस कारण के अच्छे और बुरे पहलू को एक कागज पर लिखकर बार-बार पढ़ें। ऐसा बार-बार करने से आप उस कारण का आसानी से सामना कर सकेंगे और फिर सब पॉजिटिव और नार्मल लगने लगेगा। यह प्रक्रिया अजीब हैं पर यकीनन आपकी मदद करेगी।

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STEP 3: खुद का ध्यान भटकायें

डॉ. केतम हमदन ने कहा कि जब भी आपको लगे कि आप ज्यादा सोच रहे हैं तो इस तुरंत अपना ध्यान इधर-उधर लगाएं। आप अपना पसंदीदा काम कर सकते हैं या फिर व्यायाम कर सकते हैं अगर इनमें से कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं तो वॉक करें। कई रिसर्च में पाया गया है कि पांच मिनट वॉक करने से दिमाग में फील-गुड एंडोर्फिन हॉर्मोन रिलीज होते हैं जिससे आप अच्छा और फ्रेश महसूस करते हैं।

डॉ. केतम हमदन ने सलाह देते हुए कहा कि अगर आप खुद को ओवरथिंकिंग करने से नहीं रोक पा रहे हैं तो परिस्थिति के गंभीर होने से पहले किसी मेन्टल हेल्थ एक्सपर्ट की मदद जरूर लें। ओवरथिंकिंग की वजह से किसी भी व्यक्ति को सिरदर्द, थकान, इंसोम्निया, खराब पाचन जैसी समस्या झेलनी पड़ सकती हैं पर अगर परिस्थिति गंभीर हो जाए तो व्यक्ति को इमोशनल पैरालाइसिस भी हो सकता है। इस समस्या में इंसान बोलने, हिलने या काम करने लायक नहीं बचता।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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