डिलीवरी के बाद पहले पीरियड को लेकर महिलाओं के मन में बहुत से सवाल होते हैं। अक्सर महिलाओं के मन में यह सवाल होता है कि बच्चे के जन्म के कितने दिन बाद पीरियड्स होंगे। डॉक्टर्स के मुताबिक डिलीवरी के बाद माहवारी आना अक्सर इस बात पर निर्भर करता है कि महिला स्तनपान करवा रही है या नहीं?
प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला के शरीर में कई बदलाव आते है। प्रेगनेंसी के नौ महीनों तक महिला को पीरियड्स नहीं होते हैं। यही वजह है कि डिलीवरी के बाद पहले पीरियड को लेकर महिलाओं के मन में बहुत से सवाल होते हैं। अक्सर महिलाओं के मन में यह सवाल होता है कि बच्चे के जन्म के कितने दिन बाद पीरियड्स होंगे। डॉक्टर्स के मुताबिक डिलीवरी के बाद माहवारी आना अक्सर इस बात पर निर्भर करता है कि महिला स्तनपान करवा रही है या नहीं? आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड्स आते हैं और इस दौरान क्या समस्याएं हो सकती हैं –
इसे भी पढ़ें: सेक्सुअल हेल्थ को लंबे समय तक फिट रखने के लिए आज ही अपनाएं ये 5 आदतें
डिलीवरी के कितने दिन बाद आते हैं पीरियड्स
डॉक्टर्स के मुताबिक, जो महिलाऐं स्तनपान नहीं करा रही हैं या उनके स्तन के दूध का स्तर कम है, उनके लिए डिलीवरी के एक या दो महीने के अंदर मासिक धर्म वापस आना शुरू हो सकता है। वहीं, जो महिलाऐं स्तनपान करवा रही हों, उनमें पीरियड आने का समय अलग-अलग हो सकता है।
स्तनपान के दौरान क्यों नहीं होते पीरियड्स
डॉक्टर्स के मुताबिक, आमतौर पर जो महिलाऐं स्तनपान कराती हैं, उन्हें एक साल तक पीरियड्स नहीं होते हैं, दरअसल, ब्रेस्ट मिल्क बनाने के लिए प्रोलैक्टिन नामक हार्मोन बनता है जो कि प्रजनन हार्मोंस को दबा सकता है। इसके कारण ओवुलेशन नहीं होता है या फर्टिलाइजेशन के लिए एग रिलीज नहीं होते हैं। इसलिए स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को पीरियड्स नहीं आते हैं।
इसे भी पढ़ें: शादीशुदा पुरुषों के लिए बड़े काम की चीज़ है खजूर, रोजाना सेवन से मिलेंगे कई जबरदस्त लाभ
डिलीवरी के बाद पीरियड्स में हो सकती हैं ये समस्याएं
डिलीवरी के बाद जब पहली बार पीरियड शुरू होते हैं, तो ये प्रेगनेंसी से पहले होने वाले पीरियड से अलग होते हैं। डिलीवरी के बाद महिला का शरीर पीरियड के लिए दोबारा तैयार हो रहा होता है। इसलिए डिलीवरी के बाद पहले पीरियड में आपको कुछ शारीरिक परेशानियां हो सकती है, जैसे कि तेज ऐंठन महसूस होना, ब्लड के छोटे छोटे थक्के आना, अधिक ब्लीडिंग होना, तेज दर्द और अनियमित पीरियड। हालाँकि, हर महीने के साथ इन लक्षणों में कमी आने लगती है। हालांकि, अगर महीने में दो बार या इससे ज्यादा बार मासिक धर्म में ऐंठन हो तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लेना जरूरी है।”
– प्रिया मिश्रा
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।