नवाब मलिक: पीएमएलए कोर्ट में जमानत याचिका का ईडी ने किया विरोध, अदालत ने मांगी स्वास्थ्य रिपोर्ट


सार

इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया तो वहीं पीएमएलए कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को छह मई तक बढ़ा दिया था।

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महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए विशेष पीएमएलए अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। लेकिन ईडी ने जमानत याचिका का विरोध किया है। नवाब मलिक को मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उनकी हालत गंभीर है। 

अदालत ने मांगी मलिक के स्वास्थ्य पर रिपोर्ट 
अदालत ने जेजे अस्पताल से नवाब मलिक के स्वास्थ्य पर रिपोर्ट मांगी है और 5 मई को सुनवाई करेगी कि क्या राकांपा नेता को एक निजी अस्पताल में शिफ्ट किया जाना चाहिए। मलिक के वकील के अनुरोध के बाद अदालत ने मलिक की बेटी नीलोफर और दामाद समीर खान को अस्पताल में उनसे मिलने की अनुमति दी।

इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया तो वहीं पीएमएलए कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को छह मई तक बढ़ा दिया था। मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके तहत हाईकोर्ट ने उनके तत्काल रिहाई के अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया था। मलिक के खिलाफ ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहा है। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- उचित कोर्ट में आवेदन करिए 
जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जांच के इस चरण पर दखल नहीं देंगे। ऐसे में आप उचित कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कीजिए। वहीं मलिक ने अपनी रिहाई की मांग करते हुए कहा था कि पीएमएलए कानून 2005 का है। लेकिन उनकी गिरफ्तारी 1999 में हुए लेन-देन के लिए की गई। 

आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है ईडी
ईडी ने भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एनसीपी नेता नवाब मलिक के खिलाफ बृहस्पतिवार को आरोपपत्र दाखिल किया था। यह मामला मलिक के अंडरवर्ल्ड कनेक्शन और उससे जुड़ी संपत्तियों की खरीद में पैसों की हेराफेरी से जुड़ा है। ईडी के वकीलों ने इस दौरान कहा था कि कोर्ट की रजिस्ट्री में 5,000 से अधिक पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया गया है। धन शोधन रोकथाम कानून के मामलों की विशेष अदालत दस्तावेजों के सत्यापन के बाद आरोपपत्र पर संज्ञान लेगी।  

विस्तार

महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए विशेष पीएमएलए अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। लेकिन ईडी ने जमानत याचिका का विरोध किया है। नवाब मलिक को मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उनकी हालत गंभीर है। 

अदालत ने मांगी मलिक के स्वास्थ्य पर रिपोर्ट 

अदालत ने जेजे अस्पताल से नवाब मलिक के स्वास्थ्य पर रिपोर्ट मांगी है और 5 मई को सुनवाई करेगी कि क्या राकांपा नेता को एक निजी अस्पताल में शिफ्ट किया जाना चाहिए। मलिक के वकील के अनुरोध के बाद अदालत ने मलिक की बेटी नीलोफर और दामाद समीर खान को अस्पताल में उनसे मिलने की अनुमति दी।

इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया तो वहीं पीएमएलए कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को छह मई तक बढ़ा दिया था। मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके तहत हाईकोर्ट ने उनके तत्काल रिहाई के अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया था। मलिक के खिलाफ ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहा है। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- उचित कोर्ट में आवेदन करिए 

जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जांच के इस चरण पर दखल नहीं देंगे। ऐसे में आप उचित कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कीजिए। वहीं मलिक ने अपनी रिहाई की मांग करते हुए कहा था कि पीएमएलए कानून 2005 का है। लेकिन उनकी गिरफ्तारी 1999 में हुए लेन-देन के लिए की गई। 

आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है ईडी

ईडी ने भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एनसीपी नेता नवाब मलिक के खिलाफ बृहस्पतिवार को आरोपपत्र दाखिल किया था। यह मामला मलिक के अंडरवर्ल्ड कनेक्शन और उससे जुड़ी संपत्तियों की खरीद में पैसों की हेराफेरी से जुड़ा है। ईडी के वकीलों ने इस दौरान कहा था कि कोर्ट की रजिस्ट्री में 5,000 से अधिक पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया गया है। धन शोधन रोकथाम कानून के मामलों की विशेष अदालत दस्तावेजों के सत्यापन के बाद आरोपपत्र पर संज्ञान लेगी।  



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