तिरुवनंतपुरम. केरल के मलमपुझा इलाके में पहाड़ पर 26 घंटों से ज्यादा समय से फंसे बाबू को बचाने का काम जारी है. राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने जानकारी दी है कि बचाव कार्य के भारतीय सेना की दो टुकड़ियां मौके पर हैं और सैनिक युवक से बात कर पा रहे हैं. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि बचाव कार्य को आज और तेज किया जाएगा. खास बात है कि इससे पहले भी युवक के बचाने के कई प्रयास असफल हो चुके हैं.
बाबू को बचाने के लिए एनडीआरएफ टीम द्वारा पहले चलाया गया हेलीकॉप्टर बचाव अभियान असफल रहा था. पलक्कड़ में तेज हवाओं के चलते हेलीकॉप्टर लौट रहा था. फिलहाल एनडीआरएफ की दो सदस्यीय टीम और दमकल और पुलिस की टीम मौके पर है. उम्मीद है कि अधिक सैनिकों के आने पर बाबू को बचा लिया जाएगा. कई घंटों से पहाड़ में फंसे होने के कारण बाबू की सेहत को लेकर भी चिंताएं बनी हुई हैं.
रात की भीषण ठंड और दिन की भीषण गर्मी से भी जूझना पड़ रहा है. आज हेलीकॉप्टर के जरिए बाबू को पानी और खाना पहुंचाने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. दोपहर तक पहाड़ी के एक ओर से लोग बाबू को देख सकते थे. बाबू ने अपने कपड़े फेंक कर लोगों को इशारा किया था. लेकिन दोपहर तक कोई सूचना नहीं मिली. हालांकि दूरबीन से देखा गया, दृष्टि स्पष्ट नहीं है. माना जाता है कि बाबू को लकवा मार गया था क्योंकि घंटे बीत चुके थे.
भाषा के अनुसार, इससे पहले बचाव दल के एक सदस्य ने एक मीडिया चैनल को बताया था कि जहां दिन में गर्मी तेज और असहनीय होती है तो वही शाम और देर रात तक हवा और ठंडी हो जाती है और जंगली जानवरों का भी खतरा बना रहता है जिससे बचाव प्रयासों में मुश्किलें आ सकती हैं. बचावकर्मी ने कहा कि युवक को बचाने के लिए एक अन्य टीम रास्ते में हैं.
स्थानीय लोगों के अनुसार, युवक ने दो अन्य लोगों के साथ सोमवार को चेराड पहाड़ी की चोटी पर चढ़ने का फैसला किया था, लेकिन दो अन्य बीच में ही उतर गये थे. स्थानीय लोगों ने बताया कि हालांकि बाबू लगातार ऊपर चढ़ता रहा और वहां पहुंचने के बाद फिसल कर गिर गया और पहाड़ के मुहाने पर चट्टानों के बीच फंस गया.
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