प्रवर्तन निदेशालय की जांच में खुलासा, 1997 से टैप हो रहे हैं NSE कर्मचारियों के फोन


हाइलाइट्स

एनएससी फोन टैपिंग मामले में पूर्व पुलिस कमिश्‍नर पांडे भी हैं आरोपी.
चित्रा रामकृष्‍ण पर एनएसई को-लोकेशन घोटाले में भी है केस दर्ज.
सीबीआई और ईडी मामले की कर रही है जांच.

नई दिल्‍ली. नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (NSE) के कर्मचारियों के फोन 1997 से टैप हो रहे हैं. फोन टैपिंग के आरोप में गिरफ्तार एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्‍ण (Chitra Ramakrishna) के मामले की सुनवाई कर रही दिल्‍ली की एक अदालत में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यह बात कही. 2009 से 2017 के बीच एनएसई कर्मचारियों के फोन टैप करने के आरोप में ईडी ने चित्रा और मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्‍नर संजय पांडे के खिलाफ केस दर्ज किया है.

सोमवार को ईडी ने चित्रा रामकृष्‍ण का चार दिन का रिमांड हासिल कर लिया. ईडी ने कोर्ट को बताया था कि जांच में कुछ नए तथ्‍य सामने आए हैं, जिनके बारे में चित्रा से पूछताछ करनी है. साथ ही कुछ अन्‍य संदिग्‍ध व्‍यक्तियों और चित्रा को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है. ईडी के वकील एनके मट्टा ने पांच दिन का रिमांड मांगा था, लेकिन कोर्ट ने चार दिन का ही रिमांड दिया.

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1997 से जारी है फोन टैपिंग

इंडियन एक्‍सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के वकील मट्टा ने बताया कि ईडी की पूछताछ में सामने आया है कि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज के कुछ कर्मचारियों के फोन 1997 से ही टैप किए जा रहे थे. मट्टा ने कहा, “चित्रा को तीन अन्‍य लोगों के सामने बैठाकर पूछताछ की गई और उन तीनों ही व्‍यक्तियों के बयान रिकॉर्ड किए गए. पूछताछ में सामने आया कि एनएसई कर्मचारियों के फोन 1997 से ही टैप किए जा रहे थे.”

प्रवर्तन निदेशालय के जांच अधिकारी ने कोर्ट में कहा कि चित्रा से ओर पूछताछ की आवश्‍यकता है. फोन टैपिंग में शामिल कुछ अन्‍य व्‍यक्तियों से चित्रा का आमना-सामना कराया जाना है. इसके अलावा फोन टैपिंग से जुड़े कुछ अन्‍य सबूत भी ईडी ने जुटाए हैं. इन सबूतों के आधार पर भी इस मामले में चित्रा की संलिप्‍तता निर्धारित करने के लिए ईडी को चित्रा को रिमांड पर लेना होगा.

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सीबीआई ने दर्ज किया था केस

ईडी का यह वर्तमान केस सीबीआई की एक एफआईआर पर आधारित है. सीबीआई ने पूर्व पुलिस कमिश्‍नर संजय पांडे और उसकी कंपनी आईसेक सिक्‍योरिटीज, चित्रा रामकृष्‍ण और कुछ अन्‍य लोगों पर मामला दर्ज किया था. एनएसई को-लोकेशन घोटाले की जांच के दौरान ही एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आईसैक सिक्‍योरिटीज ने एनएसई के कुछ कर्मचारियों के अवैध तरीके से फोन टैप किए और इसकी ट्रांस्क्रिप्‍ट आरोपियों को दी. ईडी द्वारा दायर केस के अनुसार पांडे की कंपनी ने चित्रा रामकृष्‍ण के इशारे पर एनएसई कर्मचारियों के फोन टैप किए थे. इस काम के लिए आईसैक को 4.54 करोड़ रुपये दिए जाने की बात भी आरोपियों के बीच हुई थी.

Tags: CBI investigation, ED, NSE

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