हाइलाइट्स
जीपीएफ पर अभी सरकार 7.1 फीसदी का सालाना ब्याज दे रही है.
GPF में कुल जमा राशि का 75 फीसदी तक लोन लिया जा सकता है.
ईपीएफ में 10 साल तक अंशदान करने वाला व्यक्ति पेंशन का हकदार हो जाता है.
नई दिल्ली. पढ़ाई पूरी कर नौकरी तलाश रहे नागपुर के सुमित कुमार के मन में जितने सवाल अपने करियर को लेकर हैं, उतनी ही आशंकाएं वेतन में होने वाली कटौती को लेकर भी हैं. सुमित इस बात को लेकर ज्यादा कंफ्यूज रहते हैं कि क्या ईपीएफ, जीपीएफ और पीपीएफ एक ही बला का नाम है?
सुमित की तरह लाखों नौकरीपेशा के मन में इस तरह के सवाल आते होंगे. दरअसल, एक जैसे नामों की वजह से यह कंफ्यूजन पैदा होता है, लेकिन असल में यह तीनों ही योजनाएं पूरी तरह अलग हैं. चाहे इन पर मिलने वाला ब्याज हो या निवेश की शर्तें, सभी बिलकुल अलग हैं. हां, इनमें से दो योजनाओं का नियंत्रण कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ के हाथ में रहता है. एक्सपर्ट के जरिये आज हम इन तीनों योजनाओं की बारीकियां समझने का प्रयास करते हैं.
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GPF यानी जनरल प्रोविडेंट फंड
जीपीएफ (GPF) खाता विशेष रूप से सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए होता है. सरकार के साथ कर्मचारी भी अपने वेतन का न्यूनतम 6% योगदान करते हैं और रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि मिलती है. GPF का मैनेजमेंट पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक मंत्रालय, लोक शिकायत और पेंशन के अंतर्गत किया जाता है. जीपीएफ पर अभी 7.1 फीसदी का ब्याज मिल रहा है.
GPF एडवांस में आप बिना ब्याज़ के लोन ले सकते हैं. यह लोन बच्चों की शिक्षा, मेडिकल इमरजेंसी, विवाह, घर खरीदने समेत कई जरूरतों के लिए मिलता है. GPF ग्राहक 12 महीने के वेतन या GPF बकाया के 75 फीसदी तक (जो भी कम हो) लोन ले सकता है. लोन ली गई राशि 60 महीने की किस्तों में चुकाई जा सकती है. जीपीएफ में किया गया अंशदान और इस पर मिलने वाला ब्याज दोनों ही टैक्स फ्री होता है.
EPF यानी कर्मचारी भविष्य निधि
EPF भी सरकारी बचत योजना है, जो संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए है. 20 या इससे अधिक कर्मचारियों वाली किसी भी कंपनी को EPF के तहत रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है और अपने कर्मचारियों को इसका लाभ देना भी. ईपीएफ के तहत 10 साल तक अंशदान करने वाला व्यक्ति पेंशन का हकदार हो जाता है. इसमें कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी अंशदान किया जाता है, जबकि नियोक्ता भी इतना ही अंशदान करता है.
EPF फंड पर मौजूदा ब्याज दर 8.1 फीसदी है. हर ईपीएफ खाताधारक को 12 अंकों का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) दिया जाता है. EPF से भी मेडिकल इमरजेंसी, शिक्षा, विवाह आदि के लिए कर्ज लिया जा सकता है, जो कुल फंड का 75% हो सकता है. ईपीएफ में किया गया अंशदान भी पूरी तरह टैक्स मुक्त होता है और इस पर मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स नहीं लगता है.
PPF यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड
वैसे तो पीपीएफ भी एक तरह से सरकारी योजना है, लेकिन इसमें नौकरीपेशा, बेरोजगार, बिजनेसमैन या कोई भी भारतीय नागरिक खाता खुलवा सकता है. PPF में न्यूनतम 500 रुपये के साथ निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें एकमुश्त या सालाना 12 किस्तों योगदान किया जा सकता है. पीपीएफ पर अभी 7.1 फीसदी का सालाना ब्याज मिल रहा है.
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पीपीएफ की मेच्योरिटी अवधि 15 साल है, लेकिन उससे पहले बीमारी, बच्चों की शिक्षा जैसे काम के लिए पैसे निकाल सकते हैं. अगर आप खाते को समय से पहले बंद कराते हैं तो जमा रकम का 1 फीसदी पेनाल्टी चुकाना होगा. इस पर आपको लोन भी मिल जाता है. पीपीएफ में अंशदान पर सालाना 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट मिलती है, जबकि इस पर मिलने वाला रिटर्न भी टैक्स के दायरे से बाहर रहता है.
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Tags: Business news in hindi, EPFO account, GPF, PPF account
FIRST PUBLISHED : July 26, 2022, 14:44 IST