Explained: यूक्रेन में भारतीय छात्र कैसे फंसे, मोदी सरकार ने फैसला लेने में देरी की या कोई और वजह, जानें सबकुछ


सार

अब सवाल उठता है कि यूक्रेन में भारतीय छात्र आखिरकार फंसे कैसे? क्या भारत सरकार ने उन्हें निकालने के लिए फैसला लेने में देरी की या उनके लिए सही एडवायजरी जारी नहीं की गई? इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे इस स्पेशल रिपोर्ट में…

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यूक्रेन पर रूस के हमले लगातार तेज होते जा रहे हैं। राजधानी कीव और खारकीव के अलावा कई शहरों को रूस की सेना ने घेर रखा है। हालात ऐसे हैं कि यहां काफी भारतीय छात्र भी फंस गए हैं, जिन्हें निकालने के लिए भारत सरकार लगातार कोशिश कर रही है। इस संबंध में रूस और यूक्रेन से लगातार बात की जा रही है। अब सवाल उठता है कि यूक्रेन में भारतीय छात्र आखिरकार फंसे कैसे? क्या भारत सरकार ने उन्हें निकालने के लिए फैसला लेने में देरी की या उनके लिए सही एडवायजरी जारी नहीं की गई? इस स्पेशल रिपोर्ट में रूबरू होते हैं कि यूक्रेन पर रूस के हमले से पहले भारत सरकार ने क्या-क्या कदम उठाए। साथ ही, जानते हैं कि इसके बावजूद भारतीय छात्र यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में कैसे फंस गए?

गौरतलब है कि भारत सरकार की तरफ से कीव स्थित भारतीय दूतावास ने पहली एडवायजरी 15 फरवरी को जारी की थी। इसमें साफ-साफ कहा गया था कि यूक्रेन में वर्तमान हालात को देखते हुए यहां रहने वाले भारतीय निवासी विशेषकर छात्र, जिनका रुकना अनिवार्य नहीं है, भारत लौट आएं। इसके अलावा भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई थी कि वह यूक्रेन की गैरजरूरी यात्राएं न करें। साथ ही, भारतीय नागरिकों को अपनी वर्तमान स्थिति के बारे में यूक्रेन में स्थित भारतीय दूतावास को जानकारी देने के लिए भी कहा गया था। 

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बता दें कि इस वक्त यूक्रेन के विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र आधा ही बीता है। ऐसे में जो विश्वविद्यालय ऑनलाइन क्लासेज के लिए तैयार नहीं थे, वहां पढ़ने वाले छात्र रुकने के लिए मजबूर हो गए। यह बात गौर करने लायक है कि 2015 के दौरान यमन के लिए एडवायजरी जारी करते वक्त केंद्र सरकार ने सभी भारतीयों को देश छोड़ने की सलाह दी थी, लेकिन यूक्रेन के मामले में ऐसा नहीं किया गया।

15 फरवरी को एडवायजरी जारी करने के बाद भारतीय दूतावास ने अगले दिन यूक्रेन में मौजूद छात्रों के कुछ सवालों के जवाब दिए। इसमें पहला पॉइंट फ्लाइट्स में सीटें नहीं मिलने के बारे में सवाल पूछा गया था, जिसमें फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाने की जानकारी दी गई थी। 

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यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए एयर इंडिया ने भारत-यूक्रेन के बीच तीन फ्लाइट्स चलाने का एलान 18 फरवरी को किया। एयरलाइन ने बताया कि 22 फरवरी, 24 फरवरी और 26 फरवरी को तीन अलग फ्लाइट्स चलेंगी। 

बता दें कि उससे पहले तक भारत-यूक्रेन के बीच सिर्फ एक ही डायरेक्ट फ्लाइट चल रही थी और वह भी रोजाना ऑपरेट नहीं होती थी। हालांकि, तीनों नई फ्लाइट्स में भी सीटें काफी तेजी से फुल हो गईं और छात्र भारत सरकार से मदद की गुहार लगाने लगे। वहीं, कुछ छात्रों ने फ्लाइट काफी महंगी होने की भी जानकारी दी।

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कीव स्थित भारतीय दूतावास ने 20 फरवरी को दूसरी एडवायजरी जारी की। इसमें यूक्रेन में मौजूद जिन भारतीय नागरिकों का यूक्रेन में रुकना जरूरी नहीं है और सभी छात्र व्यवसायिक या चार्टर फ्लाइट्स से निकल जाएं। अहम बात यह थी कि इस एडवायजरी में सभी छात्रों का जिक्र किया गया था। 

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भारतीय दूतावास की ओर से दूसरी एडवायजरी जारी होने के अगले दिन यानी 21 फरवरी को तीन और उड़ानों का एलान किया गया। ये उड़ानें 25 फरवरी और 27 फरवरी को चलने की जानकारी दी गई। 

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22 फरवरी को भारतीय दूतावास की ओर से एक और एडवायजरी जारी की गई। इसमें छात्रों से स्पष्ट रूप से कहा गया कि विश्वविद्यालयों से ऑनलाइन क्लासेज की पुष्टि करने की जगह वे यूक्रेन छोड़ दें। इसमें छात्रों को सलाह दी गई कि अपनी सुरक्षा के मद्देनजर वे अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ दें। 

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22 फरवरी को एयर इंडिया की पहली फ्लाइट कीव से 242 भारतीयों को लेकर दिल्ली पहुंची। इसके बाद पांच और फ्लाइट्स कीव जानी थीं। वहीं, उनकी संख्या और बढ़ाने का एलान भी किया गया था, लेकिन 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर बमबारी शुरू कर दी, जिसके चलते यूक्रेन का एयरस्पेस बंद कर दिया गया और एयर इंडिया की दूसरी फ्लाइट को बीच रास्ते से ही लौटा दिया गया। 

विस्तार

यूक्रेन पर रूस के हमले लगातार तेज होते जा रहे हैं। राजधानी कीव और खारकीव के अलावा कई शहरों को रूस की सेना ने घेर रखा है। हालात ऐसे हैं कि यहां काफी भारतीय छात्र भी फंस गए हैं, जिन्हें निकालने के लिए भारत सरकार लगातार कोशिश कर रही है। इस संबंध में रूस और यूक्रेन से लगातार बात की जा रही है। अब सवाल उठता है कि यूक्रेन में भारतीय छात्र आखिरकार फंसे कैसे? क्या भारत सरकार ने उन्हें निकालने के लिए फैसला लेने में देरी की या उनके लिए सही एडवायजरी जारी नहीं की गई? इस स्पेशल रिपोर्ट में रूबरू होते हैं कि यूक्रेन पर रूस के हमले से पहले भारत सरकार ने क्या-क्या कदम उठाए। साथ ही, जानते हैं कि इसके बावजूद भारतीय छात्र यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में कैसे फंस गए?



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