विदेश मंत्रालय: 11-12 अप्रैल को अमेरिका का दौरा करेंगे जयशंकर और राजनाथ सिंह, रूस के साथ कारोबार पर कही ये बात


विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 11 और 12 अप्रैल को अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी। बागची ने बताया कि रक्षा मंत्री और विदेश मत्री चौथे भारत-अमेरिका मंत्रिस्तरीय टू प्लस टू वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। इसका आयोजन 11 अप्रैल को वाशिंगटन डीसी में होना है। 

बागची ने बताया कि यह वार्ता वार्ता दोनों पक्षों के संबंधों को और मजबूत करने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन और दृष्टि प्रदान करने के उद्देश्य से विदेश नीति, रक्षा और सुरक्षा से संबंधित भारत-अमेरिका द्विपक्षीय एजेंडा में क्रॉस-कटिंग मुद्दों की व्यापक समीक्षा करने में सक्षम बनाएगी। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन के साथ एक अलग बैठक भी करेंगे।

भारत-अमेरिका विस्तृत वैश्विक रणनीति भागीतारी को और आगे बढ़ाने के लिए जयशंकर अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ सदस्यों के साथ भी बैठक करेंगे। रूस के साथ कारोबार को लेकर पश्चिमी दबाव की खबरों पर बागची ने कहा कि कोई दबाव नहीं है। प्रतिबंधों की बात चल रही है लेकिन यह पूरे कारोबार पर नहीं है। हमारा ध्यान रूस के साथ हमारे आर्थिक संबंधों को बनाए रखने और उन्हें स्थिर करने पर है।

रूस के साथ कारोबार को लेकर अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह की टिप्पणी को लेकर बागची ने कहा कि हमने रूस के साथ आर्थिक संबंध स्थापित किए हैं। हमारा ध्यान वर्तमान परिस्थितियों में इन संबंधों को स्थिर करने का है। हम इस बारे में बहुत खुले विचार रखते हैं। बागची ने आगे कहा कि मैं समझता हूं कि हमारा रुख बहुत स्पष्ट है। हमारे कार्यों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

लद्दाख के पास बिजली वितरण केंद्रों को निशाना बनाने के लिए चीनी हैकर्स की ओर से की गई दो असफल कोशिशों को लेकर प्रवक्ता ने कहा कि मैं केवल इतना कह सकता हूं कि अपने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों की सुरक्षा के लिए हमारे पास एक व्यवस्था है, एक तंत्र है। बिजली मंत्रालय ने इस मामले में बयान जारी किया है। 

आर्थिक संकट से निपटने में श्रीलंका की हर संभव मदद कर रहे हैं
श्रीलंका में बने भीषण आर्थिक संकट पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम पड़ोसी हैं और करीबी मित्र हैं। हमने पिछले दो-तीन महीनों में 2.5 अरब डॉलर की सहायता श्रीलंका को उपलब्ध कराई है। इसमें ईंधन और भोजन के लिए क्रेडिट सुविधा भी शामिल है, जिसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। उन्होंने कहा कि मार्च मध्य से 2.70 लाख मीट्रिक टन से अधिक डीजल-पेट्रोल श्रीलंका पहुंचाया जा चुका है। इसके अलावा एक अरब डॉलर की क्रेडिट सुविधा के अलावा हमने 40 हजार टन चावल की आपूर्ति भी की है।

बागची ने कहा कि भारत और श्रीलंका के संबंध साझा सांस्कृतिक मूल्यों और हमारे लोगों की आकांक्षाओं पर आधारित हैं। हाल के महीनों में समानता और रुचि पर आधारित हमारे सहयोग को मजबूत किया गया है। हम हाल के घटनाक्रम को इसी परिप्रेक्ष्य में देखते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद तेज आर्थिक रिकवरी के लिए हम श्रीलंका के साथ काम करना जारी रखने के लिए तैयार हैं। यह हमारी पड़ोसी प्रथम नीति के तहत है और हम श्रीलंका हो इस संकट से उबरने के लिए हर संभव मदद उपलब्ध कराएंगे। 

यमन में युद्ध विराम के एलान का स्वागत किया, सकारात्मक उम्मीद
अरिंदम बागची ने कहा कि हम यमन विवाद में दो अप्रैल से शुरू गुए दो महीने के युद्ध विराम की घोषणा का स्वागत करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि यह समझौता एक व्यापक और टिकाऊ युद्धविराम की ओर ले जाएगा और आठ साल के लंबे संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया की दिशा में सकारात्मक गति का निर्माण करेगा।

पाकिस्तान के राजनीतिक संकट को बताया उसका आंतरिक मामला
वहीं, पाकिस्तान में बने राजनीतिक संकट को लेकर बागची ने कहा कि यह उनका आंतरिक मामला है। फिलहाल मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता हूं। हम वहां के घटनाक्रमों को देख रहे हैं लेकिन हम पाकिस्तान के आंतरिक मुद्दों पर टिप्पणी नहीं कर सकते। 



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