मोटे लोगों को सबसे पहले घेरती हैं शरीर के इन अंगों से जुड़ी बीमारियां, कई हैं जानलेवा


नई दिल्‍ली. अमेरिकी मेडिकल एसोसिएशन ने कई साल पहले ही घोषणा कर दी थी कि मोटापा एक बीमारी है. वहीं डब्‍ल्‍यूएचओ ने भी मोटापे को गंभीर वैश्विक समस्‍या के रूप में स्‍वीकार किया लेकिन भारत में अभी भी इसे लेकर कोई खास जागरुकता नहीं है. मोटापा बढ़ना यहां आम क्रिया है और इसे घर की सुख समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है. जबकि स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों का कहना है कि मोटापे के चलते यहां बीमारों की संख्‍या बढ़ रही है. इसकी वजह ये है कि मोटे लोगों को सबसे पहले बीमारियां घेरती हैं. इनमें भी कई बीमारियां तो ऐसी हैं जिनमें मरीज की जान भी जा सकती है. लिहाजा मोटापे के खिलाफ कदम उठाना जरूरी है.

एंडोक्राइन सोसायटी ऑफ इंडिया के पूर्व अध्‍यक्ष और एंडोक्राइनोलॉजिस्‍ट डॉ. संजय कालरा बताते हैं कि मोटापे को लेकर सबसे पहले ये स्‍वीकार करना जरूरी है कि यह एक बीमारी है. इसके बाद इसका इलाज किया जाना जरूरी है. मोटापा अकेले चलने वाली बीमारी नहीं है, यह अपने साथ 200 से ज्‍यादा तरह की बीमारियां लेकर चलता है जो शरीर के अलग-अलग विभागों या अंगों से जुड़ी होती हैं. इनमें से कई बीमारियां इतनी खतरनाक हैं कि इनसे न केवल पूरा जीवन स्‍तर बदल सकता है बल्कि इनकी मृत्‍युदर भी काफी ज्‍यादा है. मोटापे (Overweight) के चलते पैदा होने वाली इन बीमारियों में शारीरिक और मानसिक दोनों ही प्रकार के रोग शामिल हैं.

ये हैं मोटापे से होने वाली प्रमुख बीमारियां
डॉ. कालरा कहते हैं कि मोटापे से ग्रस्‍त लोग सिर्फ मोटापे से ही नहीं जूझते बल्कि इन 9 प्रकार की बीमारियों के शिकार सबसे पहले होते हैं. कई रिसर्च और अध्‍ययनों में भी सामने आया है कि मोटापा आज

मेटाबोलिक संबंधी बीमारियां
इन बीमारियों में डायबिटीज, ब्‍लड प्रेशर और हार्ट की बीमारी, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, सेरेब्रोवैस्‍कुलर डिजीज, पित्‍त की थैली में पथरी, फैटी लिवर या लिवर का बढ़ जाना आदि शामिल हैं.

मस्‍कुलोस्‍केलिटल या मांसपेशियों सबंधी बीमारियां
इनमें जोड़ों का दर्द, ऑस्टियोअर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, सार्कोपैनिक ओबेसिटी आदि प्रमुख बीमारियां शामिल हैं.

साइकोलॉजिक या मानसिक बीमारियां
मोटापे का मानसिक रोगों से सीधा संबंध है. अगर कोई मोटा है तो उसे मानसिक समस्‍याएं होने की संभावना सबसे ज्‍यादा है वहीं अगर कोई मानसिक रोगों से जूझ रहा है तो वह मोटापे का शिकार हो सकता है. इस श्रेणी में डिप्रेशन यानि अवसाद, एंग्‍जाइटी, सोशल स्टिग्‍मा, ईटिंग डिसऑर्डर्स, नींद न आना या नींद का ठीक तरह न आना आदि शामिल हैं.

मिरर या कॉस्‍मेटिक संबंधी परेशानियां
मोटे लोगों में चेहरे पर झाइयां यानि हाइपरपिग्‍मेंटेशन होने की भी शिकायत बढ़ जाती है, अगर उनका वजन थोड़ा कम होता है तो भी चेहरे और शरीर पर कई निशान रह जाते हैं. इसके अलावा गर्दन, पेट, हाथ, पैर या शरीर के मुड़ने वाले हिस्‍सों की त्‍वचा पर चकत्‍ते पड़ना, खुजली होना, पानी आना आदि की भी परेशानी हो सकती है.

मेलिग्‍नेंसी यानि ब्रेस्‍ट कैंसर, एंडोमेट्रियल
वैसे तो मोटापे के चलते 13 प्रकार के कैंसर होने की संभावना रहती है. इसके अलावा कुछ विशेष प्रकार के कैंसर जैसे महिलाओं में ब्रेस्‍ट कैंसर और यूट्रस में होने वाला एंडोमेट्रियल कैंसर होने की आशंका ज्‍यादा बढ़ जाती है.

मेटर्निटी या माहवारी संबंधी बीमारियां
मोटापे के चलते महिलाओं को गर्भधारण करने में समस्‍या आती है. बांझपन की शिकायत पैदा हो सकती है, इसके अलावा पॉलिसिस्‍ट‍िक ओवरी सिंड्रोम जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं.

मैस्‍कुलिनिटी संबंधी बीमारियां
मोटापे के कारण लोगों में स्‍पर्म की गुणवत्‍ता कम हो जाती है. इसे अल्‍पशुक्राणुता यानि ऑलिगोस्‍पेर्मिया भी कहते हैं. मोटे लोगों में स्‍पर्म कम बनते हैं. इसके अलावा पुरुषों में हाइपोगोनेडिज्‍म की बीमारी हो सकती है. इसमें पुरुषों को ज्‍यादा थकान की शिकायत होती है. किसी भी काम के लिए ऊर्जा नहीं बचती. यह अवसाद का भी एक लक्षण हो सकता है.

मृत्‍यु दर का बड़ा खतरा
मोटापे के चलते होने वाली जानलेवा बीमारियों के कारण मृत्‍युदर बढ़ती है. फिर चाहे हार्ट संबंधी बीमारी हो या किसी अन्‍य ऑर्गन संबंधी.

पैसा संबंधी परेशानी यानि स्‍वास्‍थ्‍य पर ज्‍यादा खर्च
मोटापा बढ़ने पर लोग इसे कम करने, खान-पान से लेकर दवाओं तक पर ज्‍यादा खर्च करते हैं. वहीं साथ में कोई अन्‍य बीमारी होने पर इलाज में पैसा खर्च करते हैं. उनका स्‍वास्‍थ्‍य पर खर्च बढ़ जाता है.

मोटापे से निजात के लिए आज ही शुरू करें पहल
डॉ. कालरा कहते हैं कि मोटापे से निजात पाने के लिए किसी समय का इंतजार न करें बल्कि आज और अभी से इसपर जीत हासिल करने के लिए जुट जाएं. न केवल लोगों को बल्कि समाज को भी इसमें योगदान देने की जरूरत है. न केवल बड़ों को बल्कि छोटे बच्‍चों के मोटापे पर भी ध्‍यान देने की जरूरत है. जंक फूड, फास्‍ट फूड से बचाव जरूरी है. सभी लोगों को पोषणयुक्‍त खान-पान से लेकर योग, व्‍यायाम, मेहनत आदि करने की जरूरत है. जितना हो सके तनाव मुक्‍त रहें. इसके अलावा अगर किसी रोग की वजह से मोटापा बढ़ रहा है तो तुरंत किसी एंडोक्राइनोलॉजिस्‍ट या स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ से मिलने की जरूत है.

Tags: Heart Disease, Obesity

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