बिना लक्षण दिखाए शरीर के इन अंगों को डैमेज कर सकती है डायबिटीज, एक्सपर्ट से जानें कैसे रहें सतर्क


Risk of Diabetes: आजकल के लाइफस्टाल में अनियमित खानपान, लंबे समय तक बैठे रहने का काम, कम पैदल चलना और एक्सरसाइज ना करना कई बीमारियों को खुला न्योता देने के समान है. इस न्योते पर हमारे शरीर में एक बहुत कॉमन बीमारी एंटर करती है, उसका नाम है डायबिटीज (Diabetes), साधारण भाषा में इसे शुगर की बीमारी (मधुमेह) कहा जाता है. डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जो लगभग पूरे शरीर को नुकसान पहुंचाती है, लेकिन दिल, किडनी, आंखों और लिवर को इससे जल्दी और गंभीर नुकसान पहुंचता है. लिवर पर ध्यान न देने के कारण नॉन एल्कोहोलिक फैटी लिवर (non alcoholic fatty liver) का खतरा बढ़ता है. दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट (मेडिसन), डॉक्टर पूजा खोसला (Dr Pooja Khosla) के अनुसार, लगभग 50% टाइप-2 डायबिटीज पीड़ितों में एल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या होती है. वहीं 24 से 70 साल तक के लोगों में आंखों की रोशनी जाने का ये सबसे बड़ा कारण है.

एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लिवर फेलियर या लिवर ट्रांसप्लांट के लिए डायबिटीज दूसरा बड़ा कारण है. डॉ. खोसला ने बताया है कि कैसे डायबिटीज शरीर के प्रमुख अंगों को नुकसान पहुंचाती है और इसे नुकसान से बचाव के लिए पीड़ितों को क्या करना चाहिए.

डायबिटीज इन अंगों को करती है सबसे ज्यादा प्रभावित

हार्ट
डायबिटीज पीड़ितों में ट्राइग्लिसराइड बहुत ज्यादा होता है. खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल (low-density lipoprotein) ज्यादा और गुड कोलेस्ट्रॉल कम होने लगता है. ज्यादा शुगर से एलडीएल में ऐसा बदलाव आता है जिससे वह ब्लड वेसल्स में पहुंचकर सूजन पैदा कर देता है. नलिकाओं (डक्ट) में प्लैक बन जाता है. ये ब्लड फ्लो घटाता है. क्या करें– शुगर, बीपी और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखें. यदि दिल की बीमारी की फैमिली हिस्ट्री है तो इनकी जांच कराएं. डायबिटीज पीड़ित का एलडीएल 70 से कम होना चाहिए.

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आंखें
आप ऐसे समझिए कि आंख एक कैमरा है. इनका अगला हिस्सा लेंस और पिछला यानी रेटिना, फिल्म है. लंबे समय तक शुगर हाई रहने पर रेटिना की महीन ब्लड वेसल में सूजन आ जाती है. इनसे लिक्विड निकलकर आंख के परदे पर आ जाता है. कमजोर नलिकाओं से ब्लड का रिसाव हो सकता है. ये रेटिना को प्रभावित करता है. जिससे धुंधला दिखाई देने लगता है. क्या करें- साल में एक बार रेटिना की जांच जरूर कराएं. अगर स्मोकिंग करते हैं, तो इसे बंद करें. धुएं से निकलने वाले कैमिकल से सूजन बढ़ती है. आंखों में ब्लड फ्लो घटता है.

किडनी
बढ़ी हुई शुगर से किडनी की फिल्टर यूनिट नेफ्रॉन को गंभीर नुकसान पहुंचाती है. ब्लड को फिल्टर करने में समस्या होने लगती है. यूरीन से माइक्रोएलबूमीन प्रोटीन बाहर जाने लगते हैं. शरीर से वेस्ट और अतिरिक्त पानी बाहर नहीं निकल पाते. ब्लड में टॉक्सिंस बढ़ने लगते हैं. किडनी काम करना बंद कर देती है. क्या करें- शुगर है तो यूरीन में माइक्रोएल्बुमिन और किडनी की क्षमता की जांच हर साल कराएं. पत्तेदार सब्जियां, सेब और लहसुन को भोजन में शामिल करें.

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लिवर
डायबिटीज में इंसुलिन हार्मोन की एक्टिविटी में कमी से लिवर में चर्बी जमा होना शुरू हो जाती है. क्योंकि पीड़ित शक्कर, गुड़ और हैवी डाइट नहीं ले पाता, साथ ही एक्सरसाइज का भी आभाव है तो लिवर में चर्बी का जमाव और बढ़ जाता है. ये चर्बी लिवर की सेल्स को डैमेज करती है, जिससे लिवर की गंभीर समस्याएं सामने आती हैं. क्या करें -अल्ट्रासाउंड या फ्रिबोस्कैन कराएं. लिवर फंक्शन से संबंधित टेस्ट से भी पहचान की जा सकती है. लिवर पर चर्बी को कम करने के लिए वजन कंट्रोल करें.

Tags: Diabetes, Health, Health News, Lifestyle

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