परेशानी: भारत में बेरोजगारी दर में हुआ इजाफा, अप्रैल में बढ़कर 7.83 फीसदी हुई, हरियाणा अव्वल


सार

Jobless Rate Rises In April: सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में बेरोजगारी दर अप्रैल महीने में बढ़कर 7.83 फीसदी पर पहुंच गई। इससे पिछले मार्च महीने में यह 7.60 फीसदी पर थी। सबसे ज्यादा बेरोजगारी हरियाणा और राजस्थान में दर्ज की गई है।
 

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एक ओर जहां देश में अर्थव्यस्था तेजी से रिकवर कर रही  है और देश का जीएसटी कलेक्शन नए मुकाम पर पहुंच रहा है, तो वहीं दूसरी ओर देश में बेरोजगारी की समस्या कम होने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही है। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अप्रैल महीने देश की बेरोजगारी दर बढ़कर 7.83 फीसदी पर पहुंच गई। 

ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी कम
गौरतलब है कि इससे पिछले महीने यानी मार्च में देश की बेरोजगारी दर 7.60 फीसदी थी। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में ये बात सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल महीने के दौरान भी बेरोजगारी में इजाफे के मामले में शहरी क्षेत्र आगे रहा है। मतलब, शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी घटी है। आंकड़ों के मुताबिक, शहरों में बेरोजगारी दर मार्च के 8.28 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 9.22 फीसदी हो गई है। वहीं ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर मार्च के 7.29 फीसदी से कम होकर अप्रैल में 7.18 फीसदी पर आ गई है। 

सुस्त मांग और महंगाई का असर
सीएमआईई के अनुसार, देश के विभिन्न राज्यों की बात करें तो हरियाणा में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा रही। जबकि दूसरे नंबर पर राजस्थान का नाम आता है। हरियाणा में यह 34.5 फीसदी और राजस्थान में 28.8 फीसदी दर्ज की गई है। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, सुस्त घरेलू मांग और बढ़ती कीमतों के बीच आर्थिक सुधार की धीमी गति से रोजगार के अवसर प्रभावित हुए हैं। गौरतलब है कि मार्च में उपभोक्ता महंगाई दर 17 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचकर 6.95 फीसदी हो गई है।

श्रमिक भागीदारी भी कम हो गई
मुंबई स्थित सीएमआईई रोजगार के आंकड़ों के साथ ही श्रमिक भागीदारी पर भी पैनी निगाह रखती है और इसके आंकड़े जारी करती है। जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, श्रमिक भागीदारी में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इसमें बताया गया कि देश के कामगारों में नौकरी ढूढ़ने वालों की दर मार्च 2022 में कम होकर 39.5 फीसदी रह गई, जबकि मार्च 2019 में यह आंकड़ा 43.7 फीसदी पर था। इससे इस बात की पुष्टि होती है बड़ी संख्या में पेशवरों ने नौकरी ढूढ़ना बंद कर दिया है। 

विस्तार

एक ओर जहां देश में अर्थव्यस्था तेजी से रिकवर कर रही  है और देश का जीएसटी कलेक्शन नए मुकाम पर पहुंच रहा है, तो वहीं दूसरी ओर देश में बेरोजगारी की समस्या कम होने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही है। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अप्रैल महीने देश की बेरोजगारी दर बढ़कर 7.83 फीसदी पर पहुंच गई। 

ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी कम

गौरतलब है कि इससे पिछले महीने यानी मार्च में देश की बेरोजगारी दर 7.60 फीसदी थी। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में ये बात सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल महीने के दौरान भी बेरोजगारी में इजाफे के मामले में शहरी क्षेत्र आगे रहा है। मतलब, शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी घटी है। आंकड़ों के मुताबिक, शहरों में बेरोजगारी दर मार्च के 8.28 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 9.22 फीसदी हो गई है। वहीं ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर मार्च के 7.29 फीसदी से कम होकर अप्रैल में 7.18 फीसदी पर आ गई है। 

सुस्त मांग और महंगाई का असर

सीएमआईई के अनुसार, देश के विभिन्न राज्यों की बात करें तो हरियाणा में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा रही। जबकि दूसरे नंबर पर राजस्थान का नाम आता है। हरियाणा में यह 34.5 फीसदी और राजस्थान में 28.8 फीसदी दर्ज की गई है। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, सुस्त घरेलू मांग और बढ़ती कीमतों के बीच आर्थिक सुधार की धीमी गति से रोजगार के अवसर प्रभावित हुए हैं। गौरतलब है कि मार्च में उपभोक्ता महंगाई दर 17 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचकर 6.95 फीसदी हो गई है।

श्रमिक भागीदारी भी कम हो गई

मुंबई स्थित सीएमआईई रोजगार के आंकड़ों के साथ ही श्रमिक भागीदारी पर भी पैनी निगाह रखती है और इसके आंकड़े जारी करती है। जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, श्रमिक भागीदारी में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इसमें बताया गया कि देश के कामगारों में नौकरी ढूढ़ने वालों की दर मार्च 2022 में कम होकर 39.5 फीसदी रह गई, जबकि मार्च 2019 में यह आंकड़ा 43.7 फीसदी पर था। इससे इस बात की पुष्टि होती है बड़ी संख्या में पेशवरों ने नौकरी ढूढ़ना बंद कर दिया है। 



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