Father’s Day: आज है ‘फादर्स डे’. यह दिन दुनियाभर के सभी पिता को सम्मान देने के लिए सेलिब्रेट किया जाता है. प्रत्येक वर्ष जून महीने के तीसरे रविवार को (इस बार 19 जून) ‘फादर्स डे’ सेलिब्रेट किया जाता है. हर पिता परिवार का मुखिया होता है और रात-दिन अपने परिवार को सुखी रखने, अपने बच्चों की सही तरीके से परवरिश, उनकी देखभाल करने के लिए मेहनत करता है. ऐसे में बच्चों का भी यह फर्ज बनता है कि अपने पापा की सेहत का ख्याल रखें, ताकि बढ़ती उम्र में भी वे स्वस्थ रह सकें और एक मजबूत स्तंभ की तरह हरदम अपनी फैमिली का साथ दें, देखभाल करें. इसके लिए आप अपने पापा की नियमित रूप से कुछ हेल्थ चेकअप ज़रूर कराते रहें. यहां शारदा हॉस्टिपल (ग्रेटर नोएडा) के असिस्टेंट प्रोफेसर- इंटरनल मेडिसिन डॉ. भूमेश त्यागी ने बताए कुछ ज़रूरी रूटीन हेल्थ चेकअप, जिसे हर बच्चे को अपने पिता का नियमित रूप से करवाना चाहिए.
कोलेस्ट्रॉल चेक करवाएं
शारदा हॉस्टिपल (ग्रेटर नोएडा) के असिस्टेंट प्रोफेसर- इंटरनल मेडिसिन डॉ. भूमेश त्यागी के अनुसार, बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के कारण दिल की बीमारियां जैसे- हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट, हार्ट ब्लॉक आदि का खतरा बढ़ जाता है. दरअसल कोलेस्ट्रॉल बढ़न के कारण धमनियों में प्लाक जमना शुरू हो जाता है, जो खून के बहाव (ब्लड सर्कुलेशन) को बाधित करता है.
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ब्लड शुगर चेक करें
ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाने पर डायबिटीज हो जाता है, हालांकि शुरुआत में इसके ज्यादा लक्षण नजर नहीं आते हैं इसलिए 35 की उम्र के बाद साल में 1-2 बार अपना ब्लड शुगर लेवल जरूर चेक करवाना चाहिए. अगर सही समय पर डायबिटीज का पता चल जाए, तो दवाओं और जीवनशैली में बदलाव के द्वारा इसे ठीक किया जा सकता है.
बीएमआई की जांच करवाएं
बीएमआई में व्यक्ति की लंबाई और उसके वजन का अनुपात निकाला जाता है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वो कितना स्वस्थ है. मोटापा आजकल एक बड़ी समस्या है. मोटापा स्वयं कोई रोग नहीं है मगर ये कई तरह के रोगों का कारण बन सकता है.
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विटामिन डी की कमी
शरीर में विटामिन डी की कमी अक्सर 30 साल की उम्र के बाद देखी जाती है. परुषों में यह समस्या बहुत आम है. शरीर में विटामिन डी की कमी की वजह से हड्डियों की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.
किडनी फंक्शन टेस्ट
30 साल की उम्र के बाद हर पुरुष को किडनी फंक्शन टेस्ट जरूर करना चाहिए. क्योंकि 30 के बाद किडनी फंक्शन में कमी का खतरा बढ़ जाता है. जो लोग अल्कोहल का सेवन करते हैं उनके लिए यह टेस्ट जरूरी हो जाता है.
ईसीजी
इस टेस्ट को 35 वर्ष की आयु के बाद कराने की सलाह दी जाती है. यह खासकर हार्ट तक खून पहुंचाने वाली नसों में परेशानी, ब्लॉकेज, ऑक्सिजन की कमी, सीने में तेज दर्द, सांस लेने में तकलीफ या हार्ट अटैक के लक्षणों का पता लगने के लिए किया जाता है.
आंखों की जांच
रेटिना और ऑप्टिक तंत्रिका और आंख के बाहरी और आंतरिक भाग की जांच 40 साल की उम्र के बाद करानी बहुत जरूरी है. इन जांच के बाद आपको यह जानकारी मिल जाती है कि आपकी आंखों की स्थिति कैसी है.
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Tags: Father Day, Health, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : June 19, 2022, 09:00 IST