Foreign Portfolio Investors- FPI: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भारतीय बाजार से लगातार अपना पैसा निकाल रहे हैं. पैसा निकासी का यह सिलसिला पिछले 6 महीने से जारी है. मार्च में अबतक एफपीआई ने भारतीय बाजारों से करीब 45,608 करोड़ रुपये निकाले हैं. एफपीआई की बिकवाली नए साल के पिछले दो महीनों की तुलना में मार्च के सिर्फ 11 दिनों में सबसे अधिक है. इस साल अब तक कुल 1 लाख 10 हजार 63 करोड़ की निकासी की जा चुकी है. इस साल लगातार तीसरे महीने इक्विटी बाजार में अधिकांश बिकवाली हुई, जबकि विदेशी निवेशक लगातार दूसरे महीने ऋण बाजार में विक्रेता रहे.
एक्सपर्ट मान रहे हैं कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से भारत का जिंस बाजार सबसे ज्यादा प्रभावित होगा, इस वजह से विदेशी निवेशक हाथ खींच रहे हैं. कच्चा तेल (Crude oil price) इस समय कई सालों के उच्चतम स्तर पर है. रुपए पर दबाव जारी है. और दुनियाभर की निगाहें फेडरल रिजर्व (US Federal reserves) की नई ब्याज दरों पर हैं. और इन सबके अलावा रूस-यूक्रेन में छिड़ा युद्ध बाजार को सबसे ज्यादा प्रभावित कर रहा है.
इन तमाम परिस्थितियों के बीच विदेशी निवेशक (Foreign Portfolio Investors) भारतीय बाजार से अपना निवेश निकाल रहे हैं.
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने दो से 11 मार्च के दौरान शेयरों से 41,168 करोड़ रुपये निकाले हैं. इसके अलावा उन्होंने ऋण या बांड बाजार से 4,431 करोड़ रुपये तथा हाइब्रिड माध्यमों से 9 करोड़ रुपये की निकासी की है. इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 45,608 करोड़ रुपये रही है. फरवरी और जनवरी 2022 में एफपीआई की निकासी 35,592 करोड़ और 33,303 करोड़ रुपये की रही.
विदेशी निवेशक पिछले साल अक्टूबर से लगातार बिकवाली कर रहे हैं. अक्टूबर से अब तक विदेशी निवेशक भारत के बाजार से 1.48 लाख, 584 करोड़ की निकासी कर चुके हैं. शेयर बाजार और बॉन्ड मार्केट को मिला दें तो यह राशि 1.56 लाख, 862 करोड़ रुपए की है.
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