Stock Market : 2021 में विदेशी खिलाड़ियों ने गिराना चाहा, लेकिन खुदरा निवेशकों के दम पर चढ़ा बाजार


नई दिल्ली. पिछला साल भारतीय शेयर बाजार के लिए अच्छा साबित हुआ. इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी ने कई रिकॉर्ड भी बनाए. हालांकि, महामारी का प्रकोप बढ़ने और अन्य वजहों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अक्टूबर-दिसंबर 2021 तिमाही में जमकर बिकवाली की. खासकर एनएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों में. इससे बाजार में गिरावट आने लगी, लेकिन इसका बहुत ज्यादा असर नहीं हुआ.

इसकी प्रमुख वजह बाजार में आम यानी खुदरा निवेशकों (Retail Investors) की हिस्सेदारी बढ़ना है. एक ओर जब विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे थे, दूसरी ओर खुदरा निवेशकों ने जमकर खरीदारी की, जिससे बाजार को थामने में मदद मिली.

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रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची हिस्सेदारी
एनएसई में सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों (NSE Listed Companies) में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी अक्टूबर-दिसंबर के दौरान रिकॉर्ड स्तर पहुंच गई. उनकी हिस्सेदारी में बढ़ोतरी उस समय हुई, जब विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में लगातार बिकवाली कर रहे थे. दिसंबर तिमाही के दौरान विदेशी निवेशकों की होल्डिंग मूल्य के आधार पर घटकर 9 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई. यह लगातार पांचवीं तिमाही रही, जब विदेशी निवेशकों की होल्डिंग में गिरावट रही.

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एचएनआई की भी रही भूमिका
प्राइम इन्फोबेस के आंकड़ों के मुताबिक, एनएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों में खुदरा निवेशकों और एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल) की हिस्सेदारी बढ़कर 9.58 फीसदी के अब तक के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई. सितंबर 2021 तिमाही में यह हिस्सेदारी 9.25 फीसदी रहा था. इससे पहले महामारी से पहले इन कंपनियों में खुदरा निवेशकों और एचएनआई की हिस्सेदारी 8.29 फीसदी रही थी.

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घटती गई विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी
आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू शेयरों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की हिस्सेदारी दिसंबर तिमाही में घटकर 20.74 फीसदी रह गई. मार्च 2015 अंत में एनएसई की सूचीबद्ध कंपनियों में एफपीआई की हिस्सेदारी 23.5 फीसदी रही थी. इसी तिमाही में एफपीआई ने मुख्य रूप से रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी, कोटक बैंक और एचयूएल जैसी बड़ी कंपनियों में मुनाफावसूली की.

अन्य बाजारों के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन
एफपीआई के लगातार बिकवाली से दिसंबर तिमाही में भारतीय बेंचमार्क ने अधिकांश उभरते और विकसित बाजारों में कमजोर प्रदर्शन किया. अधिकांश बाजारों में एक से 15 फीसदी बढ़त के मुकाबले निफ्टी में एक फीसदी गिरावट रही.

खुदरा निवेशकों की हिस्सदारी 44.7 फीसदी
मूल्य के आधार पर एनएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों में एचएनआई की हिस्सेदारी दिसंबर तिमाही में बढ़कर 2.26 फीसदी पहुंच गई. सितंबर तिमाही में यह आंकड़ा 2.12 फीसदी रहा था. आर्थिक सर्वे 2021-22 के मुताबिक, एनएसई पर कुल टर्नओवर में आम यानी खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी 2019-20 के 38.8 फीसदी से बढ़कर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 44.7 फीसदी पहुंच गई.

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