पूरी दुनिया को तबाह करने के लिए काफी है जंगलों में लगने वाली आग, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी


नई दिल्ली: सूरज से आने वाली हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन (Ultraviolet Radiation) को रोकने वाली ओजोन परत (Ozone Layer) के नष्ट होने का खतरा बढ़ता जा रहा है. एक नए वैज्ञानिक शोध में यह बात सामने आई है कि जंगलों में लगने वाली भयानक आग (Wildfire) से उठने वाला धुआं ओजोन परत को नुकसान पहुंचा रहा है. इन शोधकर्ताओं ने कहा कि, अगल जंगलों में होने वाली आग की ये घटनाएं जारी रहती हैं तो ओजोन परत के नष्ट होने से सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें सीधे धरती तक पहुंचेंगी और इससे मानव जीवन को बड़ा खतरा होगा.

इन शोधकर्ताओं की रिसर्च को साइंस जरनल में पब्लिश किया गया है. ओजोन परत पृथ्वी के वायुमंडल में समतापमंडल के शुरु और क्षोभमंडल के ठीक ऊपर स्थित है. यहां पर मौजूद ओजोन सूर्य से आने
वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करती रहती हैं. इस स्टडी में कनाडा की स्पेस एजेंसी का डाटा इस्तेमाल किया गया है. जिसमें यह जानने की कोशिश की गई कि पृथ्वी से उठने वाले धुआं किस तरह ओजोन परत को नुकसान पहुंचा रहा है.

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इस स्टडी में शामिल प्रोफेसर बेर्नेथ ने बताया कि यह धुएं का पहला इतना बड़ा मापन था जिसने दर्शाया कि वह ओजोन नियमाक यौगिकों को और भी ज्यादा प्रतिक्रियाशील यौगिकों में बदल रहा है जिससे ओजोन नष्ट होती है. ध्रुवों की इलाके जैसे छेद की तरह इस नुकसान के भी अस्थाई प्रभाव हैं और समतापमंडल से धुंआ गायब होने के बाद ओजोन का स्तर आग लगने के पहले के स्तर तक पहुंच जाता है, लेकिन अगर जंगलों की आग बढ़ती रही तो ओजोन का क्षरण लंबे समय तक होता रहेगा.

पोलर रीजन में होने वाले छिद्रों की तरह, ओजोन परत को हुए इस नुकसान का अस्थाई प्रभाव होगा लेकिन अगर जंगलों में लगने वाली आग की घटनाएं नहीं रूकीं तो इससे आग से उठने वाला धुआं ओजोन परत को भारी नुकसान पहुंचा सकता है.

Tags: Climate Change, New Study, Ozone



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