Stock Market : तिमाही नतीजों से लेकर यूएस इनफ्लेशन तक, 5 फैक्टर तय करेंगे अगले हफ्ते बाजार की चाल


नई दिल्ली. बीते हफ्ते घरेलू शेयर बाजार में विभिन्न कारणों से तेजी देखने को मिली. विदेशी निवेशकों की बिकवाली की रफ्तार पर ब्रेक और कमोडिटी की कीमतों में मजबूती इसके प्रमुख कारण रहें. सेंसेक्स शुक्रवार को 303 में अंक बढ़कर 54,482 और निफ्टी 88 अंक बढ़कर 16221 के करीब बंद हुआ.

इक्विटी मास्टर के हेड ऑफ रिसर्च राहुल शाह का कहना है कि पिछले 30 साल में ऐसा 11 बार हुआ है कि साल के पहले हिस्से में बाजार का रुख नकारात्मक रहा है. उन्होंने कहा कि इन 11 में से केवल 2 बार ही बाजार दूसरी छमाही में रिकवर कर पाया और बेहतर आंकड़ों के साल का अंत हुआ. पिछले हफ्ते तो बाजार में तेजी दिखी लेकिन क्या आगे भी यह बरकरार रहेगी. अगले हफ्ते किन 5 फैक्टर्स पर बाजार की चाल निर्भर करेगी आज हम उन्हीं के बारे में आपको बताएंगे.

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पहली तिमाही के नतीजे
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजे आना शुरू होंगे. अगले हफ्ते एसीसी, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, जिंदल स्टील एंड पावर, माइंड ट्री, फेडरल बैंक और एचडीएफसी बैंक भी अपने जून तिमाही के नतीजों की घोषणा करेंगे. वहीं, टीसीएस के तिमाही नतीजे शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद आए तो बाजार उस पर सबसे पहले प्रतिक्रिया देगा. बता दें कि टीसीएस का एकीकृत शुद्ध लाभ 5.2 प्रतिशत बढ़कर 9,478 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. ब्रोकरेज के अनुसार, कंपनी अपनी आय व मार्जिन के लक्ष्य से चूक गई है.

डॉलर इंडेक्स
105.85 का स्तर पार करने के बाद रुपये के बाद डॉलर इंडेक्स 107.78 के स्तर पर पहुंच गया है. रुपये के मुकाबले डॉलर 79.25 के स्तर पर पहुंच गया है. अगर इसमें और तेजी आती है तो घरेलू शेयर बाजार में निवेश करने वालों पर दबाव बढ़ जाएगा और यह बाजार के लिए बेहतर स्थिति नहीं है. इसलिए निवेशकों की नजर डॉलर इंडेक्स पर रहेगी.

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अमेरिकी मुद्रास्फीति डेटा
अगले हफ्ते अमेरिकी इनफ्लेशन डेटा भी आने का अनुमान है जो फेडरल रिजर्व द्वारा बढ़ाई गई ब्याज दरों के असर की झलकी दे सकता है. आईआईएफएल के अनुज गुप्ता कहते हैं कि अगर वहां से कोई नकारात्मक खबर आती है तो यहां मार्केट में बिक्री बढ़ सकती है.

फेडरल रिजर्व स्पीच
अगले हफ्ते अमेरिकी केंद्रीय बैंक की आधिकारिक स्पीच भी आ सकती है. जिसमें वे बताएंगे की आगे के लिए ब्याज दरों पर उनकी क्या स्थिति है. गौरतलब है कि अगर इस स्पीच में ब्याज दरों को घटाने की ओर कोई इशारा किया जाता है तो डॉलर के कमजोर होने के अनुमान के तहत घरेलू बाजार में खरीदारी बढ़ सकती है.

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कच्चा तेल
अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन अगले सप्ताह के अंत में भारत-प्रशांत क्षेत्र के दौरे पर होंगी और रूसी कच्चे तेल पर प्रतिबंध की सिफारिश करेंगी. बाजार इस संबंध में सकारात्मक या नकारात्मक किसी भी खबर पर प्रतिक्रिया दे सकता है.

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