Gemology: इन 2 राशियों की किस्मत खोलकर मालामाल कर सकता है हीरा, बस पहनने से पहले इस बात का रखें ध्यान


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Gemology: रत्न और ज्योतिष का संबंध बहुत घनिष्ठ है, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हर ग्रह एक रत्न का प्रतिनिधि होता है जो मनुष्य की राशि के हिसाब से उस ग्रह विशेष के दुष्प्रभावों को नष्ट करके उसकी किस्मत खोलने की क्षमता रखता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रत्नों में ऐसी शक्तियां होती हैं कि अगर सही समय और सही ग्रह की स्थिति देखकर धारण किया जाए तो उसका बहुत ही पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है, आज इस कड़ी में हम आपको बताने वाले हैं हीरा रत्न के बारे में।

हीरा, दुनिया के सबसे कीमती रत्नों में से एक माना जाता है। यह महिलाओं का पसंदीदा रत्न होता है। हीरा का संबंध शुक्र ग्रह से होता है, ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख सुविधाओं का ग्रह माना जाता है। इसे प्यार, वैभव और विलासिता का ग्रह कहते हैं। ज्योतिष अनुसार कुछ विशेष परिस्थितियों में ही हीरा धारण किया जा सकता है।

आइए जानते हैं वो कौन सी दो राशियां हैं जिन्हें हीरा या फिर वाइट टोपाज यानी कि सफेद पुखराज सूट करता है और उसकी वजह से वो अपनी सुख समृद्धि में वृद्धि कर सकते हैं।

वृषभ राशि

वृष राशि का स्वामी शुक्र है और इस राशि में जन्म लेने वाले लोग विलासी और अधिक उत्तम चीजों से प्रभावित होते हैं। शुक्र का रत्न हीरा है और वृष राशि के लोगों को हीरा धारण करना चाहिए। ग्रह की यह ब्रह्मांडीय ऊर्जा वृषभ राशि के तहत पैदा हुए लोगों को एक बेजोड़ कल्पना और एक भव्य जीवन की इच्छा दे सकती है। हीरा अखंडता शुद्ध, विश्वास और पवित्रता का प्रतिनिधित्व करता है। रत्न पहनने वालों को अधिक भरोसेमंद होने के साथ-साथ धैर्यवान और दृढ़निश्चयी बनाने में मदद करता है। यह भी माना जाता है कि यह पहनने वाले को ईर्ष्या और लालच से बचाता है।

तुला राशि

शुक्र द्वारा नियंत्रित दूसरी राशि तुला है। इस राशि में जन्म लेने वाले लोग अपनी प्रतिभा में अधिक आविष्कारशील होते हैं फिर भी उसी तरह वे अपने जीवन में भावनात्मक उथल-पुथल से भी पीड़ित होते हैं। शुक्र से जुड़ा रत्न, यानी हीरा जिसे सफेद पुखराज भी कहा जाता है, उन्हें अपनी रचनात्मकता बढ़ाने और अपने भावनात्मक तनाव से बचाने के लिए उपयोग करना चाहिए। यह एक आदर्श पत्थर भी है जो किसी के व्यक्तित्व और कल्पनाशील दिमाग का जश्न मनाता है।

कैसे धारण करें हीरा?

हीरा धारण करने के लिए इसे सोने या चांदी की अंगूठी में बनवाना चाहिए। हीरा को शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को सूर्योदय के बाद धारण करना चाहिए। हीरा धारण करने के लिए सबसे पहले इसे दूध, गंगाजल, मिश्री और शहद मिलाकर पानी में डाल दें और फिर धूप दिखाकर शुक्रदेव के बीज मंत्र का 108 बार जाप करें और हीरे की अंगूठी को मां लक्ष्मी के चरणों मे अर्पित कर दें। कुछ समय बाद इसे धारण कर लें, हीरा पहनने के 20 से 25 दिन में आपको इसका असर दिखने लगेगा। 7 साल बाद हीरे को बदलकर नया हीरा पहन लें।

ज्योतिषी चिराग दारूवाला विशेषज्ञ ज्योतिषी बेजान दारूवाला के पुत्र हैं। उन्हें प्रेम, वित्त, करियर, स्वास्थ्य और व्यवसाय पर विस्तृत ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है।

वेबसाइट- bejandaruwalla.com

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