Good News:अप्रैल में 88 लाख लोगों को रोजगार मिला, महामारी के बाद एक माह में सर्वाधिक नौकरियां मिलीं


सार

सीएमआईई के प्रबंधन निदेशक व सीईओ महेश व्यास ने बताया कि अप्रैल में देश की श्रम शक्ति (labour force) में 88 लाख का इजाफा हुआ। देश में कुल श्रम शक्ति बढ़कर 43.72 करोड़ हो गई।

ख़बर सुनें

देश के जॉब मार्केट को लेकर अच्छी खबर आई है। अप्रैल माह में देश में 88 लाख लोगों को रोजगार मिला है। यह महामारी के बाद एक माह में सर्वाधिक नौकरियां मिलीं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकानॉमी (CMIE) की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। 

हालांकि रोजगार की मांग की तुलना में उपलब्ध नौकरियां अपर्याप्त रहीं। सीएमआईई के प्रबंधन निदेशक व सीईओ महेश व्यास ने बताया कि अप्रैल में देश की श्रम शक्ति (labour force) में 88 लाख का इजाफा हुआ। देश में कुल श्रम शक्ति बढ़कर 43.72 करोड़ हो गई। व्यास के अनुसार महामारी के बाद के अप्रैल में रोजगार में सर्वाधिक बढ़ोतरी हुई है। 

उन्होंने बताया कि मार्च में देश में 42.84 करोड़ लोग रोजगार प्राप्त थे। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021-22 में नौकरियों में औसत मासिक वृद्धि दो लाख रही। सीएमआईई का कहना है कि श्रम शक्ति में 88 लाख की वृद्धि तभी संभव हुई जबकि कुछ कामकाजी उम्र के लोग जो नौकरियों से बाहर थे, अप्रैल में रोजगार पाने में कामयाब रहे। 

इसलिए हुई बढ़ोतरी
रिपोर्ट में कहा गया है कि कामकाजी उम्र की आबादी प्रति माह 20 लाख से अधिक नहीं बढ़ सकती है। इससे आगे किसी भी वृद्धि का मतलब है कि जो लोग नौकरी से बाहर हुए थे, उन्हें पुन: रोजगार मिल गया है। अप्रैल में नौकरियों में 88 लाख की वृद्धि पिछले तीन महीनों के दौरान 1.20 करोड़ की गिरावट के बाद आई है। व्यास ने कहा कि श्रम बाजार गतिशील रहता है क्योंकि रोजगार की एक निश्चित समय पर मांग बढ़ने पर निर्भर करता है। 

उद्योगों में सर्वाधिक 55 लाख नौकरियां, कृषि में घटा रोजगार
अप्रैल में रोजगार में वृद्धि उद्योग और सेवा क्षेत्रों में हुई। आंकड़ों के अनुसार उद्योग जगत में 55 लाख नौकरियां दी गईं। उद्योग के भीतर मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में 30 लाख रोजगार सृजित हुए, जबकि कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में लगभग 40 लाख। सीएमआईई के आंकड़ों से पता चलता है कि कृषि क्षेत्र में रोजगार में 52 लाख की गिरावट आई है।

नौकरियां बेहतर गुणवत्ता की होने की संभावना नहीं
रिपोर्ट के अनुसार कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर में कमी की वजह रबी की कटाई के सीजन की समाप्ति हो सकती है। गेहूं के उत्पादन में गिरावट ने भी इसमें योगदान दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नए उद्योग की नौकरियां बेहतर गुणवत्ता की होने की संभावना नहीं है, क्योंकि वृद्धि मुख्य रूप से दैनिक ग्रामीणों और छोटे व्यापारियों के बीच हुई है।

विस्तार

देश के जॉब मार्केट को लेकर अच्छी खबर आई है। अप्रैल माह में देश में 88 लाख लोगों को रोजगार मिला है। यह महामारी के बाद एक माह में सर्वाधिक नौकरियां मिलीं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकानॉमी (CMIE) की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। 

हालांकि रोजगार की मांग की तुलना में उपलब्ध नौकरियां अपर्याप्त रहीं। सीएमआईई के प्रबंधन निदेशक व सीईओ महेश व्यास ने बताया कि अप्रैल में देश की श्रम शक्ति (labour force) में 88 लाख का इजाफा हुआ। देश में कुल श्रम शक्ति बढ़कर 43.72 करोड़ हो गई। व्यास के अनुसार महामारी के बाद के अप्रैल में रोजगार में सर्वाधिक बढ़ोतरी हुई है। 

उन्होंने बताया कि मार्च में देश में 42.84 करोड़ लोग रोजगार प्राप्त थे। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021-22 में नौकरियों में औसत मासिक वृद्धि दो लाख रही। सीएमआईई का कहना है कि श्रम शक्ति में 88 लाख की वृद्धि तभी संभव हुई जबकि कुछ कामकाजी उम्र के लोग जो नौकरियों से बाहर थे, अप्रैल में रोजगार पाने में कामयाब रहे। 

इसलिए हुई बढ़ोतरी

रिपोर्ट में कहा गया है कि कामकाजी उम्र की आबादी प्रति माह 20 लाख से अधिक नहीं बढ़ सकती है। इससे आगे किसी भी वृद्धि का मतलब है कि जो लोग नौकरी से बाहर हुए थे, उन्हें पुन: रोजगार मिल गया है। अप्रैल में नौकरियों में 88 लाख की वृद्धि पिछले तीन महीनों के दौरान 1.20 करोड़ की गिरावट के बाद आई है। व्यास ने कहा कि श्रम बाजार गतिशील रहता है क्योंकि रोजगार की एक निश्चित समय पर मांग बढ़ने पर निर्भर करता है। 

उद्योगों में सर्वाधिक 55 लाख नौकरियां, कृषि में घटा रोजगार

अप्रैल में रोजगार में वृद्धि उद्योग और सेवा क्षेत्रों में हुई। आंकड़ों के अनुसार उद्योग जगत में 55 लाख नौकरियां दी गईं। उद्योग के भीतर मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में 30 लाख रोजगार सृजित हुए, जबकि कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में लगभग 40 लाख। सीएमआईई के आंकड़ों से पता चलता है कि कृषि क्षेत्र में रोजगार में 52 लाख की गिरावट आई है।

नौकरियां बेहतर गुणवत्ता की होने की संभावना नहीं

रिपोर्ट के अनुसार कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर में कमी की वजह रबी की कटाई के सीजन की समाप्ति हो सकती है। गेहूं के उत्पादन में गिरावट ने भी इसमें योगदान दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नए उद्योग की नौकरियां बेहतर गुणवत्ता की होने की संभावना नहीं है, क्योंकि वृद्धि मुख्य रूप से दैनिक ग्रामीणों और छोटे व्यापारियों के बीच हुई है।



Source link

Enable Notifications OK No thanks