इटैलियन सुपरवाइजरी अथॉरिटी ने इस सर्विस पर बैन लगाया है। इसका कहना है कि गूगल की यह सर्विस डेटा प्रोटेक्शन कानून का उल्लंघन करती है क्योंकि इससे यूजर्स का डेटा अमेरिका में ट्रांसफर होता है, जहां डेटा प्रोटेक्शन का पर्याप्त स्तर नहीं है। इटैलियन सुपरवाइजरी अथॉरिटी ने इटली की सभी वेबसाइट्स को गूगल एनालिटिक्स को हटाने के लिए कहा है। इसके लिए 90 दिनों की समयसीमा दी गई है। इससे पहले फरवरी में फ्रांस के एक रेगुलेटर ने कहा था कि गूगल एनालिटिक्स से फ्रांस की वेबसाइट्स के यूजर्स का डेटा अमेरिकी इंटेलिजेंस सर्विसेज के पास जाने का रिस्क है। फ्रांस की सभी वेबसाइट्स को EU के रेगुलेशन का पालन करने का ऑर्डर भी दिया गया था।
ऑस्ट्रिया की डेटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने भी इस वर्ष की शुरुआत में कहा था कि गूगल एनालिटिक्स GDPR कानून का उल्लंघन कर रही है। लगभग दो वर्ष पहले EU के कोर्ट ऑफ जस्टिस ने एक बड़े फैसले में EU के देशों में कंपनियों पर उनके डेटा को प्राइवेसी शील्ड कहे जाने वाले फ्रेमवर्क के इस्तेमाल से अमेरिका में ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी थी। Google की ओर से इस मामले में कोई स्टेटमेंट नहीं दिया गया है। हालांकि, कंपनी ने वेब एनालिटिक्स के लिए बड़ी मात्रा में डेटा एकत्र करने वाली अपनी यूनिवर्सल एनालिटिक्स सर्विस को बंद कर दिया है। इसके बजाय कंपनी ने प्राइवेसी से जुड़े कानूनों का पालन करने और अज्ञात किए गए डेटा का इस्तेमाल करने के लिए Google Analytics 4 सर्विस शुरू की थी।
हालांकि, EU ने इस सर्विस को लेकर भी आशंकाएं जताई हैं। इटली की अथॉरिटी ने अपने फैसले में कहा है, “एक IP एड्रेस पर्सनल डेटा होता है और इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता।” यूरोप की कंपनियों की ओर से पाबंदियां लगाए जाने के बाद यूरोप के लोकल एनालिटिक्स सर्विस प्रोवाइडर्स को बिजनेस बढ़ाने का मौका मिलेगा।
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