गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में लगे सिपाहियों पर हमले के आरोपी मुर्तजा अहमद अब्बासी ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन आईएसआईएस के बैंक खाते में लाखों रुपये भेजे हैं। इसकी जानकारी यूपी एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) को मिल गई है। एटीएस मुर्तजा को ढूंढते हुए सिविल लाइंस स्थित आवास पर भी गई थी, लेकिन वह नहीं मिला। मुर्तजा को यह पता चल गया था कि एटीएस ने गिरफ्तारी का जाल बिछा दिया है। लिहाजा, घर से लापता हो गया, फिर आनन-फानन घटना को अंजाम देने पहुंच गया। एटीएस की अब तक की जांच से पता चला है कि मुर्तजा के जिन बैंक खातों से रुपये भेजे गए हैं, इसकी जानकारी मिल चुकी है। चार बैंक खातों का ब्योरा भी मिल चुका है। मुर्तजा के डेबिट कार्ड का नंबर सुरक्षित रख लिया गया है। एटीएस के सूत्रों के मुताबिक, मुर्तजा ने लोन वुल्फ अटैक मॉड्यूल के तहत वारदात अंजाम दिया है। इस मॉड्यूल में बिना किसी टीम के अकेले ही घटना को अंजाम दिया जाता है।
इसमें धारदार हथियार (चाकू या फिर अन्य) का ही प्रयोग किया जाता है। इस माड्यूल को लोन वुल्फ अटैक इसलिए कहते हैं, क्योंकि यह भेड़िए की तरह अकेले हमला करने की रणनीति होती है।
सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात सिपाहियों पर हमले से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। एटीएस के एडीजी, आईजी व एसटीएफ के एडीजी के साथ ही इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के अफसरों ने डेरा डाल दिया है। एनआईए के अफसर भी आ सकते हैं। गुजरात एटीएस के भी आने की चर्चा है।
आतंकी संगठनों की वेबसाइट भी देखता था मुर्तजा
एटीएस के सूत्रों के मुताबिक, मुर्तजा आतंकी संगठनों की वेबसाइट देखता था। सर्च करके पढ़ता था। विवादित किताबें व साहित्य पढ़ने के तथ्य भी सामने आए हैं। मुर्तजा के जब्त लैपटॉप और मोबाइल फोन से भड़काऊ व धार्मिक उन्माद के वीडियो भी मिले हैं।
अब जांच एजेंसी मुर्तजा के नेटवर्क को खंगाल रही है। यह जानने की कोशिश कर रही है कि मुर्तजा किसके संपर्क में आने के बाद आईएसआईएस के बैंक खाते में रकम भेजने लगा। यह किसी के सहयोग के बगैर संभव नहीं है। किसी ने बैंक खाते का नंबर दिया होगा, तभी पैसा भेजा गया।