नई दिल्ली . कोयले की ऊंची कीमतों से घरेलू स्तर पर कोयला परिवहन के लिए रेलवे पर दबाव बढ़ रहा है. लिहाजा सरकार रेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और ईंधन के तीव्र परिवहन के लिए 14 महत्वपूर्ण कोयला निकासी रेल परियोजनाएं चालू करने पर जोर दे रही है.
इन परियोजनाओं में तोरी-शिवपुर रेलवे लाइन, झारसुगुडा-बरपाली-सरदेगा रेल लिंक और शिवपुर-कठौटिया रेलवे लाइन शामिल हैं. कोयला सचिव ए के जैन की अध्यक्षता में पिछले महीने हुई बैठक में इन परियोजनाओं की स्थिति और प्रगति की समीक्षा की गयी.
रेलवे पर दबाव
ईंधन की ऊंची कीमतों के कारण आयातित कोयला आधारित ताप बिजली संयंत्रों के उत्पादन में और गिरावट आने का अनुमान है. इससे घरेलू कोयले के परिवहन के लिए रेलवे पर दबाव पड़ेगा.
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जैन ने कहा, ‘‘लगभग आठ प्रतिशत ताप बिजली उत्पादन आयातित कोयला आधारित संयंत्रों से होता था, जो कोयले की ऊंची कीमतों के कारण गिरकर तीन प्रतिशत हो गया है. भविष्य में इसके और कम होने का अनुमान है. इससे रेलवे पर दबाव पड़ेगा.’’
कोयला परिवहन बढ़ाने पर जोर
उन्होंने इन हालात में घरेलू स्तर पर कोयला परिवहन बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘कैबिनेट सचिव विशेष रूप से कोयले की ढुलाई के लिए रेलवे की क्षमता की समीक्षा करेंगे, क्योंकि अधिकांश आयातित कोयला आधारित ताप बिजली संयंत्र समुद्र तट पर और दूर स्थित हैं.’’ कोयला सचिव ने कहा कि ये 14 रेल परियोजनाएं कोयले के तेज और प्रभावी परिवहन के लिए महत्वपूर्ण हैं.
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