Gyanvapi Survey : तालों की गुम चाबी 16 साल बाद आई सामने, आज नक्शा भी खुलेगा


सार

आराजी नंबर 9130 की नापी के लिए तहसील की टीम गठित हो गई है। तहसील रिकार्ड भी कमीशन की कार्यवाही में शामिल किया गया है। तहखाने के बाद दीवारों का सर्वे हो रहा है। कमीशन की कार्यवाही के बाद तहखाने के तालों की चाबी रहेगी अंजुमन के पास ही।

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ज्ञानवापी परिसर का दूसरे दिन का सर्वे रविवार सुबह शुरू हो गया है। परिसर के तहखाने के बंद तालों की चाबी 16 साल बाद सार्वजनिक रूप से सामने आई है। चार जनवरी 1993 को विवाद के बाद बंद हुए तालों की चाबी राजकीय कोषागार में जमा करा दी गई थी। मगर, 2006 में किसी मौके पर चाबियां कोषागार से निकालकर पुलिस को दी गई थी। 

इसके बाद से ही चाबी को लेकर संशय की स्थिति बन गई थी। यही कारण है कि न्यायालय ने चाबी पर संशय होने की ताला खोलने या तोड़ने का आदेश दिया था। उधर, कमीशन वाली जगह आराजी 9130 की नापी के लिए तहसील की टीम का गठन किया गया है। तहसील में दर्ज रिकार्ड को कमीशन की कार्यवाही में शामिल किया गया है। रविवार को तहखानों के बाद दीवारों व अन्य जगहों का सर्वे कराया जा रहा है। कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पास ही इनकी चाबियां रहेंगी।

अदालत के आदेश पर शनिवार की सुबह कमीशन की कार्यवाही शुरू होने से पहले अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सदस्य चाबी लेकर उपस्थित हो गए थे। दरअसल, जिलाधिकारी की ओर से जारी नोटिस में साफ कहा गया था कि अगर चाबी उपलब्ध है तो कमीशन की कार्यवाही के दौरान लेकर उपस्थित रहें। अन्यथा ताला तोड़कर चाबी कोषागार में जमा करा दी जाएंगी। 

यहां बता दें कि तहखानों में बंद तालों की चाबी को लेकर कई सालों से संशय था और कोई भी पक्ष चाबी होने की बात को स्वीकार नहीं कर रहा था। उधर, प्रशासन ने न्यायालय में दिए जवाब में भी चाबी होने से इनकार किया था। हालांकि प्रशासन की ओर से मुस्लिम पक्ष के सहयोग की प्रशंसा के साथ ही यह साफ कर दिया गया है कि कमीशन की कार्यवाही के बाद अंजुमन के पास ही तहखाने के तालों की चाबी  रहेगी।

सबके अपने दावे, न्यायालय में रिपोर्ट बताएगी हकीकत
अदालत के आदेश के बाद शुरू हुई कमीशन की कार्यवाही के दौरान टीम ने पूरी पड़ताल की और तहखाने के अंदर की बनावट, धार्मिक चिन्ह, दीवारों की कलाकृति और खंभों की फोटो व वीडियोग्राफी भी करवाई। न्यायालय से नियुक्त अधिवक्ता आयुक्तों के साथ वादी और प्रतिवादी पक्ष के 52 लोगों की टीम ने एक एक पहलुओं पर गहन जांच की। पहले दिन की कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद कुछ लोगों ने साक्ष्यों को लेकर अपने अपने दावे भी किए। मगर, टीम को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सर्वे से जुड़ी कोई भी जानकारी बाहर नहीं आनी चाहिए। ऐसे में सर्वे टीम के किसी भी सदस्य ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। अब कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद न्यायालय में प्रस्तुत होने वाली रिपोर्ट की हकीकत बयां करेगी।

सर्वे पूरा होने के बाद तैयार होगी रिपोर्ट
अदालत ने कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 17 मई की तिथि निर्धारित की है। रविवार को सर्वे के बाद आगे की रणनीति पर मंथन किया जाएगा। कारण, अगर कमीशन की कार्यवाही पूरी हो जाएगी तो 17 मई को विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह, अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्र और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह संयुक्त रिपोर्ट न्यायालय को सौंपेंगे। यदि टीम को लगता है कि कमीशन के लिए और समय की आवश्यकता है तो वह न्यायालय से अगली तिथि पर रिपोर्ट पेश करने की अनुमति भी मांग सकती है।

यह है पूरा मामला
ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन और परिसर में स्थित अन्य विग्रहों को सरंक्षित करने के लिए याचिकाकर्ता राखी सिंह, मंजू व्यास, सीता साहू, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी ने 18 अगस्त 2021 को वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन के यहां याचिका दाखिल की थी। इस मामले में 26 अप्रैल को कोर्ट द्वारा परिसर का सर्वे का आदेश जारी कर दिया गया था। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अजय कुमार को इसके लिए वकील कमिश्नर नियुक्त किया। 6 मई को पहली बार टीम ने सर्वे शुरू किया और सात मई को सर्वे टीम का मुस्लिम पक्ष के लोगों ने विरोध किया। न्यायालय  में मुस्लिम पक्ष ने वकील कमिश्नर को बदलने की मांग की। हालांकि न्यायालय ने इस प्रति आपत्ति को खारिज करते हुए 12 मई को आदेश जारी किया कि अजय कुमार के साथ विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह को नियुक्त किया था। न्यायालय ने आदेश भी दिया है कि ताला खोलकर या तोड़कर कमीशन की कार्यवाही निर्बाध पूरी कराई जाए। इसमें बाधा डालने वालों पर एफआईआर दर्ज कर सख्त विधिक कार्यवाही का भी आदेश दिया गया है।

कल कब क्या हुआ…

  • 05 बजे से ही गोदौलिया मैदागिन मार्ग पर पुलिस ने बंद कर दिया था रास्ता
  • 07 बजे से काशी विश्वनाथ धाम पहुंचने लगे कमीशन से जुड़े लोग
  • 08 बजे शुरू हो गई तहखानों के सर्वे की कार्रवाई
  • 09:15 बजे तक पहले कमरे का होता रहा सर्वे
  • 10:15 बजे तक हुआ दूसरे कमरे का सर्वे
  • 11 बजे तीसरे कमरे का ताला कटर से काटकर तोड़ा गया
  • 11: 55 पर बाहर निकलने लगे कमीशन से जुड़े लोग
  • 12:20 बजे से खुलने लगे दुकानों के शटर
  • 01 बजे से विश्वनाथ द्वार से शुरू हो गया श्रद्धालुओं का प्रवेश

विस्तार

ज्ञानवापी परिसर का दूसरे दिन का सर्वे रविवार सुबह शुरू हो गया है। परिसर के तहखाने के बंद तालों की चाबी 16 साल बाद सार्वजनिक रूप से सामने आई है। चार जनवरी 1993 को विवाद के बाद बंद हुए तालों की चाबी राजकीय कोषागार में जमा करा दी गई थी। मगर, 2006 में किसी मौके पर चाबियां कोषागार से निकालकर पुलिस को दी गई थी। 

इसके बाद से ही चाबी को लेकर संशय की स्थिति बन गई थी। यही कारण है कि न्यायालय ने चाबी पर संशय होने की ताला खोलने या तोड़ने का आदेश दिया था। उधर, कमीशन वाली जगह आराजी 9130 की नापी के लिए तहसील की टीम का गठन किया गया है। तहसील में दर्ज रिकार्ड को कमीशन की कार्यवाही में शामिल किया गया है। रविवार को तहखानों के बाद दीवारों व अन्य जगहों का सर्वे कराया जा रहा है। कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पास ही इनकी चाबियां रहेंगी।

अदालत के आदेश पर शनिवार की सुबह कमीशन की कार्यवाही शुरू होने से पहले अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सदस्य चाबी लेकर उपस्थित हो गए थे। दरअसल, जिलाधिकारी की ओर से जारी नोटिस में साफ कहा गया था कि अगर चाबी उपलब्ध है तो कमीशन की कार्यवाही के दौरान लेकर उपस्थित रहें। अन्यथा ताला तोड़कर चाबी कोषागार में जमा करा दी जाएंगी। 

यहां बता दें कि तहखानों में बंद तालों की चाबी को लेकर कई सालों से संशय था और कोई भी पक्ष चाबी होने की बात को स्वीकार नहीं कर रहा था। उधर, प्रशासन ने न्यायालय में दिए जवाब में भी चाबी होने से इनकार किया था। हालांकि प्रशासन की ओर से मुस्लिम पक्ष के सहयोग की प्रशंसा के साथ ही यह साफ कर दिया गया है कि कमीशन की कार्यवाही के बाद अंजुमन के पास ही तहखाने के तालों की चाबी  रहेगी।

सबके अपने दावे, न्यायालय में रिपोर्ट बताएगी हकीकत

अदालत के आदेश के बाद शुरू हुई कमीशन की कार्यवाही के दौरान टीम ने पूरी पड़ताल की और तहखाने के अंदर की बनावट, धार्मिक चिन्ह, दीवारों की कलाकृति और खंभों की फोटो व वीडियोग्राफी भी करवाई। न्यायालय से नियुक्त अधिवक्ता आयुक्तों के साथ वादी और प्रतिवादी पक्ष के 52 लोगों की टीम ने एक एक पहलुओं पर गहन जांच की। पहले दिन की कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद कुछ लोगों ने साक्ष्यों को लेकर अपने अपने दावे भी किए। मगर, टीम को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सर्वे से जुड़ी कोई भी जानकारी बाहर नहीं आनी चाहिए। ऐसे में सर्वे टीम के किसी भी सदस्य ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। अब कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद न्यायालय में प्रस्तुत होने वाली रिपोर्ट की हकीकत बयां करेगी।

सर्वे पूरा होने के बाद तैयार होगी रिपोर्ट

अदालत ने कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 17 मई की तिथि निर्धारित की है। रविवार को सर्वे के बाद आगे की रणनीति पर मंथन किया जाएगा। कारण, अगर कमीशन की कार्यवाही पूरी हो जाएगी तो 17 मई को विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह, अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्र और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह संयुक्त रिपोर्ट न्यायालय को सौंपेंगे। यदि टीम को लगता है कि कमीशन के लिए और समय की आवश्यकता है तो वह न्यायालय से अगली तिथि पर रिपोर्ट पेश करने की अनुमति भी मांग सकती है।

यह है पूरा मामला

ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन और परिसर में स्थित अन्य विग्रहों को सरंक्षित करने के लिए याचिकाकर्ता राखी सिंह, मंजू व्यास, सीता साहू, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी ने 18 अगस्त 2021 को वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन के यहां याचिका दाखिल की थी। इस मामले में 26 अप्रैल को कोर्ट द्वारा परिसर का सर्वे का आदेश जारी कर दिया गया था। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अजय कुमार को इसके लिए वकील कमिश्नर नियुक्त किया। 6 मई को पहली बार टीम ने सर्वे शुरू किया और सात मई को सर्वे टीम का मुस्लिम पक्ष के लोगों ने विरोध किया। न्यायालय  में मुस्लिम पक्ष ने वकील कमिश्नर को बदलने की मांग की। हालांकि न्यायालय ने इस प्रति आपत्ति को खारिज करते हुए 12 मई को आदेश जारी किया कि अजय कुमार के साथ विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह को नियुक्त किया था। न्यायालय ने आदेश भी दिया है कि ताला खोलकर या तोड़कर कमीशन की कार्यवाही निर्बाध पूरी कराई जाए। इसमें बाधा डालने वालों पर एफआईआर दर्ज कर सख्त विधिक कार्यवाही का भी आदेश दिया गया है।

कल कब क्या हुआ…

  • 05 बजे से ही गोदौलिया मैदागिन मार्ग पर पुलिस ने बंद कर दिया था रास्ता
  • 07 बजे से काशी विश्वनाथ धाम पहुंचने लगे कमीशन से जुड़े लोग
  • 08 बजे शुरू हो गई तहखानों के सर्वे की कार्रवाई
  • 09:15 बजे तक पहले कमरे का होता रहा सर्वे
  • 10:15 बजे तक हुआ दूसरे कमरे का सर्वे
  • 11 बजे तीसरे कमरे का ताला कटर से काटकर तोड़ा गया
  • 11: 55 पर बाहर निकलने लगे कमीशन से जुड़े लोग
  • 12:20 बजे से खुलने लगे दुकानों के शटर
  • 01 बजे से विश्वनाथ द्वार से शुरू हो गया श्रद्धालुओं का प्रवेश



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