हार्दिक छोड़ेंगे कांग्रेस?: गुजरात चुनाव से पहले नरेश पटेल पर क्यों टिकी सबकी निगाहें, क्या बड़ा खेल करने वाली है आप?


सार

हार्दिक के किस बयान पर बवाल हो रहा है? हार्दिक के बयान पर उनकी पार्टी का क्या रुख है? हार्दिक की नाराजगी की वजह क्या है? नरेश पटेल कौन हैं? नरेश पटेल की कांग्रेस में आने की कितनी संभावना है? केजरीवाल की गुजरात में सक्रियता का किसे नुकसान होगा? आइये जानते हैं… 

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गुजरात में आने वाले छह से सात महीने के भीतर विधानसभा चुनाव का एलान हो सकता है। चुनाव से पहले राज्य में राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई है। एक तरफ श्री खोडलधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेश पटेल को हर पार्टी अपने साथ जोड़ने की कोशिश में लगी है, तो दूसरी तरफ एक और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल अपनी ही पार्टी से नाराज हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि हार्दिक पार्टी छोड़ सकते हैं। हाल ही में आए हार्दिक के एक बयान ने गुजरात का राजनीतिक पारा और चढ़ा दिया है। इसी बीच आप के गुजरात प्रमुख ने हार्दिक को पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया है। 

हार्दिक के किस बयान पर बवाल हो रहा है? हार्दिक के बयान पर उनकी पार्टी का क्या रुख है? हार्दिक की नाराजगी की वजह क्या है? नरेश पटेल कौन हैं? नरेश पटेल की कांग्रेस में आने की कितनी संभावना है? केजरीवाल की गुजरात में सक्रियता का किसे नुकसान होगा? आइये जानते हैं… 

हार्दिक के किस बयान पर बवाल हो रहा है?
एक इंटरव्यू में हार्दिक ने कहा कि गुजरात कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि मैं पार्टी छोड़ दूं। 2017 में पाटीदारों ने कांग्रेस को वोट दिया। अब कांग्रेस उनका अपमान कर रही है। उन्होंने खुद को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें राज्य कांग्रेस की किसी बैठक में नहीं बुलाया जाता है। किसी भी निर्णय से पहले उनसे सलाह नहीं ली जाती है। 2017 में पाटीदारों का वोट लेने के लिए कांग्रेस ने मेरा इस्तेमाल किया। 2022 में उनका वोट लेने के लिए आप नरेश पटेल का इस्तेमाल करना चाहते हैं। 2027 में आप किसी ओर पाटीदार नेता का इस्तेमाल करेंगे। आपने क्यों मेरा समर्थन नहीं किया और मुझे मजबूत क्यों नहीं किया गया। हार्दिक ने कहा कि कांग्रेस बिल्कुल नरेश भाई को पार्टी में शामिल करे लेकिन क्या उनके साथ भी वैसा ही व्यवहार होगा जैसा मेरे साथ हुआ? हार्दिक ने कहा कि पार्टी में मेरी स्थिति उस नए दूल्हे की तरह है जिसकी शादी होते ही नसबंदी कर दी गई है। 

हार्दिक के बयान पर कांग्रेस का क्या रुख है?
गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने कहा है कि इस मामले में पार्टी ने नेता हार्दिक से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने मीडिया में दिया हार्दिक का बयान देखा है। हम उन्हें पार्टी ऑफिस बुलाकर पूरे मामले में बातचीत करेंगे और ये समझने की कोशिश करेंगे कि मामला क्या है। इसके बाद ही पार्टी इस मामले में कुछ कहने की स्थिति में होगी। 

पाटीदारों का अपमान करने के हार्दिक के आरोप पर ठाकोर ने कहा कि कांग्रेस ने न तो कभी पाटीदारों का अपमान किया और न ही नरेश पटेल का, हमने खुले तौर पर कहा है कि अगर नरेश पटेल आते हैं तो कांग्रेस उनका स्वागत करेगी। हमने हमेशा कहा है कि नरेश पटेल को कांग्रेस में शामिल होना चाहिए। जहां तक उनके पार्टी में शामिल होने की बात है तो इसमें कांग्रेस की ओर से कोई देरी नहीं हो रही है। फैसला नरेश पटेल को करना है।  
 
हार्दिक की नाराजगी की वजह क्या है? 
गुजरात की राजनीति को समझने वाले लोग कहते हैं कि हार्दिक की नाराजगी की बड़ी वजह नरेश पटेल को पार्टी में शामिल करने की कोशिशें बताई जाती हैं। हार्दिक कड़वा पटेल समुदाय से आते हैं वहीं, नरेश पटेल लेउआ पटेल हैं। नरेश अगर पार्टी में आते हैं तो पटेल नेता के तौर पर हार्दिक को अपना कद कम होने का डर है।  
हार्दिक की नराजगी की दूसरी बड़ी वजह है पार्टी में उनकी बातों को नहीं सुना जाना। विशेषज्ञ कहते हैं कि हार्दिक भले पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं, लेकिन पार्टी के फैसले में उनकी नहीं चलती है। पार्टी के अंदर हार्दिक को लेकर पहले से भी असंतोष रहा है। उनकी वजह से कई सीनियर नेता खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। ऐसे नेता हार्दिक का सहयोग नहीं करते हैं। यही बात खुद हार्दिक भी कह रहे हैं।  

नरेश पटेल कौन हैं?
गुजरात की राजनीति में चुनाव से पहले जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है वो नरेश पटेल का  ही है। नरेश श्री खोडलधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। खोडलधाम ट्रस्ट राजकोट के लेउआ पटेल समुदाय का एक अहम संगठन हैं। जब से नरेश पटेल ने राजनीति में जाने के संकेत दिए हैं तब से राज्य की सभी पार्टियां उन्हें अपने पाले में करने की कोशिश में लगी हैं। कांग्रेस के साथ उनकी सात से ज्यादा बैठकें हो चुकी हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भारतसिंह सोलंकी, मौजूदा अध्यक्ष जगदीश ठाकोर की उनसे मुलाकात हो चुकी है।  

नरेश पटेल की भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के साथ भी कम से कम तीन बैठकें हो चुकी हैं। गुजरात में अपनी जड़ें मजबूत करने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी के नेताओं से भी उनकी मुलाकात हुई है। इतना ही नहीं पटेल आप की तारीफ भी कर चुके हैं। बीते कुछ दिनों से उनके आम आदमी पार्टी में शामिल होने की अटकलें भी हैं। 

नरेश पटेल की कांग्रेस में आने की कितनी संभावना है?  

  • नरेश पटेल को पार्टी में शामिल करने को लेकर कांग्रेस में ही दो फाड़ हो गया है। ज्यादातर नेता नहीं चाहते हैं कि उन्हें पार्टी में शामिल किया जाए। दरअसर ऐसी अटकलें हैं कि अगर नरेश पटेल पार्टी में शामिल होते हैं तो पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाना पड़ेगा। पार्टी के लोग ऐसा नहीं चाहते हैं। 
  • एक और बात नरेश पटेल के आने से कांग्रेस को इतना फायदा हो जाएगा ऐसा कहना भी बहुत मुश्किल है। 2017 के चुनाव की बात करें तो उस वक्त हुए पाटीदार आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में पाटीदारों की पुलिस ने घर में घुसकर जमकर पिटाई की थी। इसकी वजह से पाटीदारों में सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा था। इसके बाद भी सूरत जहां सबसेज ज्यादा पाटीदार आबादी है वहां भी भाजपा बड़े अंतर से जीती थी। ऐसे में नरेश पटेल के आने से सारा पाटीदार वोटर कांग्रेस में चला जाएगा ये कहना भी बहुत मुश्किल है। 
  • इन सभी स्थितियों को देखते हुए नरेश पटेल की आप में जाने की अटकलें ज्यादा लगाई जा रही हैं। 

  
केजरीवाल की गुजरात में सक्रियता का किसे नुकसान होगा?
ज्यादातर एक्सपर्ट मानते हैं कि गुजरात में केजरीवाल जितने ज्यादा सक्रिय होंगे उतना ज्यादा वो कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएंगे। आप में जो भी जा रहा है वो या तो कांग्रेस के नेता हैं या उनके वोटर। गुरुवार को ही सौराष्ट्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक इंद्रनील राजगुरु और राजकोट नगर निगम के पूर्व नेता वशरामभाई सागठिया इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के भी आप में जाने की अटकलें हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कांग्रेस नेता वाघेला के साथ हार्दिक पटेल भी आप का दामन थाम सकते हैं।

विस्तार

गुजरात में आने वाले छह से सात महीने के भीतर विधानसभा चुनाव का एलान हो सकता है। चुनाव से पहले राज्य में राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई है। एक तरफ श्री खोडलधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेश पटेल को हर पार्टी अपने साथ जोड़ने की कोशिश में लगी है, तो दूसरी तरफ एक और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल अपनी ही पार्टी से नाराज हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि हार्दिक पार्टी छोड़ सकते हैं। हाल ही में आए हार्दिक के एक बयान ने गुजरात का राजनीतिक पारा और चढ़ा दिया है। इसी बीच आप के गुजरात प्रमुख ने हार्दिक को पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया है। 

हार्दिक के किस बयान पर बवाल हो रहा है? हार्दिक के बयान पर उनकी पार्टी का क्या रुख है? हार्दिक की नाराजगी की वजह क्या है? नरेश पटेल कौन हैं? नरेश पटेल की कांग्रेस में आने की कितनी संभावना है? केजरीवाल की गुजरात में सक्रियता का किसे नुकसान होगा? आइये जानते हैं… 

हार्दिक के किस बयान पर बवाल हो रहा है?

एक इंटरव्यू में हार्दिक ने कहा कि गुजरात कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि मैं पार्टी छोड़ दूं। 2017 में पाटीदारों ने कांग्रेस को वोट दिया। अब कांग्रेस उनका अपमान कर रही है। उन्होंने खुद को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें राज्य कांग्रेस की किसी बैठक में नहीं बुलाया जाता है। किसी भी निर्णय से पहले उनसे सलाह नहीं ली जाती है। 2017 में पाटीदारों का वोट लेने के लिए कांग्रेस ने मेरा इस्तेमाल किया। 2022 में उनका वोट लेने के लिए आप नरेश पटेल का इस्तेमाल करना चाहते हैं। 2027 में आप किसी ओर पाटीदार नेता का इस्तेमाल करेंगे। आपने क्यों मेरा समर्थन नहीं किया और मुझे मजबूत क्यों नहीं किया गया। हार्दिक ने कहा कि कांग्रेस बिल्कुल नरेश भाई को पार्टी में शामिल करे लेकिन क्या उनके साथ भी वैसा ही व्यवहार होगा जैसा मेरे साथ हुआ? हार्दिक ने कहा कि पार्टी में मेरी स्थिति उस नए दूल्हे की तरह है जिसकी शादी होते ही नसबंदी कर दी गई है। 

हार्दिक के बयान पर कांग्रेस का क्या रुख है?

गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने कहा है कि इस मामले में पार्टी ने नेता हार्दिक से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने मीडिया में दिया हार्दिक का बयान देखा है। हम उन्हें पार्टी ऑफिस बुलाकर पूरे मामले में बातचीत करेंगे और ये समझने की कोशिश करेंगे कि मामला क्या है। इसके बाद ही पार्टी इस मामले में कुछ कहने की स्थिति में होगी। 

पाटीदारों का अपमान करने के हार्दिक के आरोप पर ठाकोर ने कहा कि कांग्रेस ने न तो कभी पाटीदारों का अपमान किया और न ही नरेश पटेल का, हमने खुले तौर पर कहा है कि अगर नरेश पटेल आते हैं तो कांग्रेस उनका स्वागत करेगी। हमने हमेशा कहा है कि नरेश पटेल को कांग्रेस में शामिल होना चाहिए। जहां तक उनके पार्टी में शामिल होने की बात है तो इसमें कांग्रेस की ओर से कोई देरी नहीं हो रही है। फैसला नरेश पटेल को करना है।  

 

हार्दिक की नाराजगी की वजह क्या है? 

गुजरात की राजनीति को समझने वाले लोग कहते हैं कि हार्दिक की नाराजगी की बड़ी वजह नरेश पटेल को पार्टी में शामिल करने की कोशिशें बताई जाती हैं। हार्दिक कड़वा पटेल समुदाय से आते हैं वहीं, नरेश पटेल लेउआ पटेल हैं। नरेश अगर पार्टी में आते हैं तो पटेल नेता के तौर पर हार्दिक को अपना कद कम होने का डर है।  

हार्दिक की नराजगी की दूसरी बड़ी वजह है पार्टी में उनकी बातों को नहीं सुना जाना। विशेषज्ञ कहते हैं कि हार्दिक भले पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं, लेकिन पार्टी के फैसले में उनकी नहीं चलती है। पार्टी के अंदर हार्दिक को लेकर पहले से भी असंतोष रहा है। उनकी वजह से कई सीनियर नेता खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। ऐसे नेता हार्दिक का सहयोग नहीं करते हैं। यही बात खुद हार्दिक भी कह रहे हैं।  

नरेश पटेल कौन हैं?

गुजरात की राजनीति में चुनाव से पहले जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है वो नरेश पटेल का  ही है। नरेश श्री खोडलधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। खोडलधाम ट्रस्ट राजकोट के लेउआ पटेल समुदाय का एक अहम संगठन हैं। जब से नरेश पटेल ने राजनीति में जाने के संकेत दिए हैं तब से राज्य की सभी पार्टियां उन्हें अपने पाले में करने की कोशिश में लगी हैं। कांग्रेस के साथ उनकी सात से ज्यादा बैठकें हो चुकी हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भारतसिंह सोलंकी, मौजूदा अध्यक्ष जगदीश ठाकोर की उनसे मुलाकात हो चुकी है।  

नरेश पटेल की भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के साथ भी कम से कम तीन बैठकें हो चुकी हैं। गुजरात में अपनी जड़ें मजबूत करने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी के नेताओं से भी उनकी मुलाकात हुई है। इतना ही नहीं पटेल आप की तारीफ भी कर चुके हैं। बीते कुछ दिनों से उनके आम आदमी पार्टी में शामिल होने की अटकलें भी हैं। 

नरेश पटेल की कांग्रेस में आने की कितनी संभावना है?  

  • नरेश पटेल को पार्टी में शामिल करने को लेकर कांग्रेस में ही दो फाड़ हो गया है। ज्यादातर नेता नहीं चाहते हैं कि उन्हें पार्टी में शामिल किया जाए। दरअसर ऐसी अटकलें हैं कि अगर नरेश पटेल पार्टी में शामिल होते हैं तो पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाना पड़ेगा। पार्टी के लोग ऐसा नहीं चाहते हैं। 
  • एक और बात नरेश पटेल के आने से कांग्रेस को इतना फायदा हो जाएगा ऐसा कहना भी बहुत मुश्किल है। 2017 के चुनाव की बात करें तो उस वक्त हुए पाटीदार आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में पाटीदारों की पुलिस ने घर में घुसकर जमकर पिटाई की थी। इसकी वजह से पाटीदारों में सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा था। इसके बाद भी सूरत जहां सबसेज ज्यादा पाटीदार आबादी है वहां भी भाजपा बड़े अंतर से जीती थी। ऐसे में नरेश पटेल के आने से सारा पाटीदार वोटर कांग्रेस में चला जाएगा ये कहना भी बहुत मुश्किल है। 
  • इन सभी स्थितियों को देखते हुए नरेश पटेल की आप में जाने की अटकलें ज्यादा लगाई जा रही हैं। 

  

केजरीवाल की गुजरात में सक्रियता का किसे नुकसान होगा?

ज्यादातर एक्सपर्ट मानते हैं कि गुजरात में केजरीवाल जितने ज्यादा सक्रिय होंगे उतना ज्यादा वो कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएंगे। आप में जो भी जा रहा है वो या तो कांग्रेस के नेता हैं या उनके वोटर। गुरुवार को ही सौराष्ट्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक इंद्रनील राजगुरु और राजकोट नगर निगम के पूर्व नेता वशरामभाई सागठिया इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के भी आप में जाने की अटकलें हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कांग्रेस नेता वाघेला के साथ हार्दिक पटेल भी आप का दामन थाम सकते हैं।



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