हरियाणा: बच्चों को जुलाई तक बिना वर्दी स्कूल आने की छूट, बाजार में यूनिफॉर्म की कमी की फैली थी अफवाह, माफिया को झटका


अमर उजाला ब्यूरो, चंडीगढ़
Published by: भूपेंद्र सिंह
Updated Sun, 10 Apr 2022 01:42 AM IST

सार

स्कूल संचालक और शिक्षक बच्चों को वर्दी खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे। सभी डीईओ-डीईईओ को आदेश जारी कर दिए गए हैं। बाजारों में स्कूलों की वर्दी की कमी की अफवाह फैलाकर खरीद को लेकर अफरातफरी का माहौल बना दिया गया।

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हरियाणा सरकार ने लाखों स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। जुलाई महीने तक बच्चे बिना वर्दी के स्कूल आ सकेंगे। उन्हें वर्दी खरीदने के लिए सरकारी, निजी स्कूल बाध्य नहीं कर पाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शनिवार को सभी डीईओ, डीईईओ को व्हाट्सएप ग्रुप पर आदेश जारी कर दिए हैं। लिखित आदेश सोमवार को भेजे जाएंगे।

सरकार के ताजा निर्णय से वर्दी माफिया को बड़ा झटका लगा है। नया शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों में वर्दी खरीद के लिए होड़ लग गई थी। पूरे प्रदेश में दुकानों पर रोजाना कतार लगना शुरू हो गईं। गर्मी में पूरा-पूरा दिन अभिभावक दुकानों के आगे खड़े रहने लगे।

इसी बीच यह अफवाह फैला दी गई कि बाजार में बच्चों की स्कूल वर्दी की कमी हो गई है, इससे अभिभावकों में भय का माहौल बन गया। चूंकि, अगर बच्चे के पास वर्दी नहीं होगी, तो वह स्कूल नहीं जा सकेगा। इसे लेकर स्कूल शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के पास अनेक शिकायतें पहुंची।

इसके मद्देनजर शनिवार को स्कूल शिक्षा विभाग ने हरकत में आते हुए बड़ा निर्णय लिया। सभी संस्कृति मॉडल और अन्य स्कूलों के लिए आदेश जारी कर दिए कि जुलाई 2022 तक किसी भी बच्चे को वर्दी खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। स्कूल किसी भी दुकान अथवा दुकानों को वर्दी खरीदने के लिए अधिकृत अथवा अनुमोदित नहीं कर सकते हैं।

यदि इस संदर्भ में कोई भी शिकायत विभाग को प्राप्त हुई तो स्कूल मुखिया व संचालक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे सरकारी व निजी स्कूलों के 35 लाख से अधिक बच्चों को राहत मिलेगी। सरकारी स्कूलों में नया सत्र 13 अप्रैल के बाद शुरू होना है, जबकि निजी स्कूलों में कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। निजी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने वाले अनेक अभिभावकों ने वर्दी खरीद ली है, जबकि काफी जद्दोजहद कर रहे हैं।

शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर का कहना है कि कोविड के बाद नियमित तौर पर बच्चे इसी सत्र से स्कूल जाना शुरू होंगे। पहले कभी स्कूल चले, कभी बंद हुए। बाजार में वर्दी खरीद को लेकर अफरातफरी का माहौल बना दिया गया, जिससे अभिभावकों को काफी दिक्कत होने लगी। इसकी शिकायतें सरकार के पास पहुंची थी। इसलिए जुलाई तक सभी स्कूलों में वर्दी अनिवार्य न करने का निर्णय लिया है। जून के महीने में स्कूलों में वैसे भी ग्रीष्मकालीन अवकाश रहता है।

विस्तार

हरियाणा सरकार ने लाखों स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। जुलाई महीने तक बच्चे बिना वर्दी के स्कूल आ सकेंगे। उन्हें वर्दी खरीदने के लिए सरकारी, निजी स्कूल बाध्य नहीं कर पाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शनिवार को सभी डीईओ, डीईईओ को व्हाट्सएप ग्रुप पर आदेश जारी कर दिए हैं। लिखित आदेश सोमवार को भेजे जाएंगे।

सरकार के ताजा निर्णय से वर्दी माफिया को बड़ा झटका लगा है। नया शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों में वर्दी खरीद के लिए होड़ लग गई थी। पूरे प्रदेश में दुकानों पर रोजाना कतार लगना शुरू हो गईं। गर्मी में पूरा-पूरा दिन अभिभावक दुकानों के आगे खड़े रहने लगे।

इसी बीच यह अफवाह फैला दी गई कि बाजार में बच्चों की स्कूल वर्दी की कमी हो गई है, इससे अभिभावकों में भय का माहौल बन गया। चूंकि, अगर बच्चे के पास वर्दी नहीं होगी, तो वह स्कूल नहीं जा सकेगा। इसे लेकर स्कूल शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के पास अनेक शिकायतें पहुंची।

इसके मद्देनजर शनिवार को स्कूल शिक्षा विभाग ने हरकत में आते हुए बड़ा निर्णय लिया। सभी संस्कृति मॉडल और अन्य स्कूलों के लिए आदेश जारी कर दिए कि जुलाई 2022 तक किसी भी बच्चे को वर्दी खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। स्कूल किसी भी दुकान अथवा दुकानों को वर्दी खरीदने के लिए अधिकृत अथवा अनुमोदित नहीं कर सकते हैं।

यदि इस संदर्भ में कोई भी शिकायत विभाग को प्राप्त हुई तो स्कूल मुखिया व संचालक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे सरकारी व निजी स्कूलों के 35 लाख से अधिक बच्चों को राहत मिलेगी। सरकारी स्कूलों में नया सत्र 13 अप्रैल के बाद शुरू होना है, जबकि निजी स्कूलों में कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। निजी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने वाले अनेक अभिभावकों ने वर्दी खरीद ली है, जबकि काफी जद्दोजहद कर रहे हैं।

शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर का कहना है कि कोविड के बाद नियमित तौर पर बच्चे इसी सत्र से स्कूल जाना शुरू होंगे। पहले कभी स्कूल चले, कभी बंद हुए। बाजार में वर्दी खरीद को लेकर अफरातफरी का माहौल बना दिया गया, जिससे अभिभावकों को काफी दिक्कत होने लगी। इसकी शिकायतें सरकार के पास पहुंची थी। इसलिए जुलाई तक सभी स्कूलों में वर्दी अनिवार्य न करने का निर्णय लिया है। जून के महीने में स्कूलों में वैसे भी ग्रीष्मकालीन अवकाश रहता है।



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