हरियाणा: सीएम मनोहर बोले- हमारा भरोसा रोजगार के मौके देने में, पड़ोसी राज्यों की तरह मुफ्त में सुविधाएं देने में नहीं


रोजगार देने से व्यक्ति ऊपर उठेगा, मुफ्त देने से नहीं। हमारे दोनों पड़ोसी राज्य फ्री में सुविधाएं देने की बात कहते हैं, लेकिन दोनों राज्य रोजगार बढ़ाने के लिए कुछ नहीं कर रहे। हमारा मुफ्त के बजाय रोजगार के मौके देने में विश्वास है। पंजाब की हालत हमसे ज्यादा खराब है। हमें 6 प्रतिशत की दर पर कर्ज मिलता है जबकि पंजाब को यह कर्ज 10 प्रतिशत की दर पर लेना पड़ता है। यह कहना है हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल का। सीएम ने बजट को लेकर तीन बार पंजाब और एक बार दिल्ली का नाम लिया। 

वह शनिवार को हिसार के गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय (जीजेयू) के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में हरियाणा बजट से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर लोगों को संबोधित कर रहे थे। सीएम मनोहरलाल ने अपने संबोधन में दिल्ली-पंजाब के सीएम का जिक्र करते हुए उन्हें पहले राजा कहा। अगली ही लाइन में सीएम ने कहा कि उन्हें राजा नहीं, सेवक ही कहना चाहिए।

सीएम ने अपने बजट की तुलना पंजाब और दिल्ली से की। उन्होंने दिल्ली-पंजाब की ओर से फ्री की सुविधाओं को लेकर भी सवाल उठाए। वहीं, पंजाब में आम आदमी का भारी बहुमत आने के बाद सीएम के भाषण में पंजाब-दिल्ली का जिक्र आना हरियाणा की राजनीति पर असर माना जा रहा है।  

सीएम ने बताया कि बजट पेश करने से पहले 8 बैठकें कर 550 लोगों से इस संबंध में सुझाव लिए गए। 74 विधायकों की 8 कमेटी बनाकर इस पर चर्चा की गई। 2 मार्च से 22 मार्च तक चले बजट सत्र में 12 बैठकें हुईं, 50 घंटे चर्चा चली। पिछले वर्ष 1 लाख 53 हजार करोड़ रुपये का बजट था। इसमें 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हुए 1 लाख 77 हजार करोड़ रुपये किया गया है।

प्रदेश के बजट को नई दिशा देने का काम किया है। यह डायमंड बजट है, जिसमें गुणात्मक वृद्धि पर जोर दिया है। इसमें समर्थ हरियाणा, अंत्योदय, सतत विकास और पर्यावरण जैसे विषयों पर विशेष तौर पर फोकस किया गया। इस अवसर पर डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता, राज्यसभा सांसद डीपी वत्स, विधायक विनोद भयाना, कुलपति बीआर कांबोज, कुलसचिव अवनीश वर्मा, जिला अध्यक्ष कैप्टन भूपेंद्र मौजूद रहे।

तय पैरामीटर पर बना हरियाणा का बजट
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा बजट केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक की ओर से तय पैरामीटर के अनुरूप है। डेबिट-टू-जीएसडीपी अनुपात 25 प्रतिशत तय है। हरियाणा का यह अनुपात 24 प्रतिशत है। पड़ोसी राज्य पंजाब की बात करें तो उनका डेबिट-टू-जीएसडीपी अनुपात 48 प्रतिशत पहुंच गया है। यह डेबिट-टू-जीएसडीपी सीमा से नीचे है, तभी प्रदेश को 6 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण देने वालों की लाइन लगी है। 

आर्गेनिक खेती के लिए बनेंगे 100 कलस्टर
किसान जीरो बजट खेती, ऑर्गेनिक खेती के लिए 25-25 एकड़ के 100 कलस्टर बनाए जाएंगे। इस खेती में यदि किसानों को घाटा होगा तो तीन साल तक सरकार उसे पूरा करेगी।

आयुर्वेद और एलोपैथी मिलकर करें काम
सीएम ने कहा कि योग, आयुर्वेद, एलोपैथी को मिलकर काम करने की जरूरत है। इसके लिए प्रदेश की किसी एक यूनिवर्सिटी में इस पर काम शुरू कराएंगे। प्रदेश में 2 हजार वेलनेस सेंटर खोले जाएंगे। यहां 1 आयुर्वेदिक डॉक्टर, एक योग शिक्षक, 1 डाइटिशियन होगा। प्रदेश में एमबीबीएस की 3 हजार सीटें करने का लक्ष्य है। 

500 मॉडल संस्कृति स्कूल खोले जाएंगे
प्रदेश में अभी 138 मॉडल संस्कृति स्कूल की संख्या को 500 किया जाएगा। इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या डबल हो गई है। गवर्नमेंट कम्यूनिटी पार्टनरशिप (जीसीपी) के साथ मिलकर काम करेगी। शिक्षा नीति को 2025 तक लागू करने का लक्ष्य है।

सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण पर जोर
सीएम ने कहा कि बजट में सतत विकास के 17 पैरामीटर को रखा गया है। गरीबी, भुखमरी, विकास, पानी विषयों पर लगातार कार्य किया जाएगा। 5 हजार रिचार्जेबल वेल की घोषणा की है। पिछले वर्ष 1 लाख एकड़ पर धान की खेती को कम किया गया है।
 
फर्जी डिग्री वालों को साफ करेंगे
शिक्षा का जिक्र आने पर सीएम ने कहा कि कुछ लोग बिना पढ़े ही डिग्री ले आते हैं। फर्जी डिग्री का बाजार लगा हुआ है। नार्थ ईस्ट, छत्तीसगढ़, बिहार में फर्जी यूनिवर्सिटी हैं। हिमाचल में एक यूनिवर्सिटी पकड़ी गई है जिसमें 48 हजार फर्जी डिग्री बांटी हैं। हो सकता है उन फर्जी डिग्री से 5-10 हजार हमारे यहां नौकरी लेकर बैठे हों। फर्जी डिग्री वालों को साफ करेंगे। ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं छोडे़ंगे। 



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