Haryana News: सीएम निवास का नाम हुआ ‘संत कबीर कुटीर’, मुख्यमंत्री ने रोहतक में की थी घोषणा


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Wed, 15 Jun 2022 12:47 AM IST

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हरियाणा के मुख्यमंत्री का चंडीगढ़ स्थित निवास स्थान अब संत कबीर कुटीर हो गया है। मंगलवार को संत कबीर की जयंती पर मुख्यमंत्री निवास के बाहर ‘संत कबीर कुटीर’ की पट्टिका लगा दी गई है। रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रोहतक में संत कबीर जयंती पर आयोजित समारोह में इसकी घोषणा की थी। 

मुख्यमंत्री का कहना है कि हमें ऐसा समाज बनाना है, जिसमें जाति के आधार पर कोई भेदभाव न हो। हमारा एक ही उद्देश्य है हरियाणा एक हरियाणवी एक। मुख्यमंत्री ने सभी से अपील की है कि सभी जातपात के भेदभाव को भूलकर मानवमात्र से प्रेम करने का संकल्प लें। मनुष्य को सभी का मान-सम्मान व सत्कार करना चाहिए। 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि हमें अपने संतों और महापुरुषों की सदा याद कर और उनके दर्शाए हुए मार्ग पर चल कर अपन जीवन सफल बनाना चाहिए। महापुरुषों के बताए मार्ग पर चलकर ही हमें जीवन का सही लक्ष्य हासिल होगा। वे मानते हैं कि संतों-महापुरुषों का अनुसरण कर व्यक्ति शरीर, मन और आत्मा को एकाकार कर सकता है। मुख्यमंत्री निवास का नाम ‘संत कबीर कुटीर’ करने के कई मायने हैं। ये बताता है कि राज्य के मुख्यमंत्री जाति व्यवस्था में विश्वास नहीं रखते हैं, उनके लिए इंसान के कर्म ही उसकी पहचान हैं।

दक्षिणी हरियाणा में भी ट्रैकिंग को बढ़ावा देने पर काम कर रही सरकार: मनोहर 
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में एडवेंचर को भी सामान्य खेल की तर्ज पर आगे बढ़ाने के लिए जो भी इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता होगी, उसे पूरा किया जाएगा, ताकि एडवेंचर खेलों में भी हमारे युवा अपनी धमक जमा सके। एडवेंचर स्पोर्ट्स के जरिये प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा दिया जाएगा। मोरनी में सरदार मिल्खा सिंह क्लब की स्थापना कर कई गतिविधियां संचालित की जा रही है। इसके अलावा अरावली की पहाड़ियों में भी ट्रैकिंग के रास्तों की तलाश की जा रही है, ताकि दक्षिण हरियाणा में भी एडवेंचर स्ट्रक्चर बढ़ाया जा सके। 

सीएम ने कहा कि हरियाणा के गांवों के जीवन में एडवेंचर रचा बसा है। इसलिए 1100 युवाओं को ट्रेनिंग देकर एडवेंचर स्पोर्ट्स के व्यवसाय में लाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार पर्वतारोही दल में 100 विद्यार्थी भाग भाग ले रहे हैं। इनमें 22 दिव्यांग हैं। मुख्यमंत्री ने कैथल की संजली, गुरूग्राम की मंजु, सोनीपत के जयदीप और श्रवण व वाणी बाधित मुस्कान व गौरव से सीधी बातचीत की और अपने स्वैच्छिक कोष से एडवेंचर क्लब को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की। 

उन्होंने विद्यार्थियों से उनके समक्ष आने वाली चुनौतियों और समस्याओं के बारे में जाना। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्कूली विद्यार्थियों के लिए पर्वतारोहण की एक अनूठी योजना चलाई है। इसके तहत जो विद्यार्थी पहाड़ों की सबसे ऊंची 10 चोटियों में से किसी एक की चढ़ाई करने पर 5 लाख रुपये की राशि पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाती है।

13 दिन के कार्यक्रम पर खर्च होंगे 40 लाख रुपये
शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि 13 दिन के पर्वतारोहण कार्यक्रम पर स्कूल एजूकेशन एकेडमिक सेल की ओर से 40 लाख रुपये खर्च किए जाएगे। इस पर्वतारोहण दल में जाने वाले 6111 मीटर की ऊंचाई पर लाहौल के भरतपुर युनाम पर्वत की चढ़ाई करेंगे। इस मौके पर एडवेंचर क्लब के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्य सचिव हरियाणा एस सी चौधरी व निदेशक मौलिक स्कूल शिक्षा डॉ. अंशज सिंह ने भी अपने विचार रखे।

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हरियाणा के मुख्यमंत्री का चंडीगढ़ स्थित निवास स्थान अब संत कबीर कुटीर हो गया है। मंगलवार को संत कबीर की जयंती पर मुख्यमंत्री निवास के बाहर ‘संत कबीर कुटीर’ की पट्टिका लगा दी गई है। रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रोहतक में संत कबीर जयंती पर आयोजित समारोह में इसकी घोषणा की थी। 

मुख्यमंत्री का कहना है कि हमें ऐसा समाज बनाना है, जिसमें जाति के आधार पर कोई भेदभाव न हो। हमारा एक ही उद्देश्य है हरियाणा एक हरियाणवी एक। मुख्यमंत्री ने सभी से अपील की है कि सभी जातपात के भेदभाव को भूलकर मानवमात्र से प्रेम करने का संकल्प लें। मनुष्य को सभी का मान-सम्मान व सत्कार करना चाहिए। 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि हमें अपने संतों और महापुरुषों की सदा याद कर और उनके दर्शाए हुए मार्ग पर चल कर अपन जीवन सफल बनाना चाहिए। महापुरुषों के बताए मार्ग पर चलकर ही हमें जीवन का सही लक्ष्य हासिल होगा। वे मानते हैं कि संतों-महापुरुषों का अनुसरण कर व्यक्ति शरीर, मन और आत्मा को एकाकार कर सकता है। मुख्यमंत्री निवास का नाम ‘संत कबीर कुटीर’ करने के कई मायने हैं। ये बताता है कि राज्य के मुख्यमंत्री जाति व्यवस्था में विश्वास नहीं रखते हैं, उनके लिए इंसान के कर्म ही उसकी पहचान हैं।



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