नयी दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने रणवीर सिंह (Ranveer Singh) अभिनीत ‘जयेशभाई जोरदार’ (Jayeshbhai Jordar) को रिलीज किए जाने की मंजूरी देते हुए फिल्म निर्माताओं को मंगलवार को निर्देश दिया कि वे इसके कुछ दृश्यों के प्रसारण के दौरान भ्रूण के लिंग निर्धारण की अवैधता को लेकर एक ‘डिस्क्लेमर’ (अस्वीकरण) दिखाएं. न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने फिल्म से एक विशेष दृश्य को हटाने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान ‘यशराज फिल्म्स’ को निर्देश दिया कि वह फिल्म के दो दृश्यों में एक ‘डिस्क्लेमर’ प्रमुखता से दिखाएं. पीठ ने कहा, ‘‘यदि आप कोई संदेश दे रहे हैं, तो इसे प्रमुखता से दें.’’
उसने कहा, ‘‘हम इस संदेश की सराहना करते हैं, लेकिन आपको लोगों को यह बताना होगा कि यह अपराध है.’’ पीठ ने प्रासंगिक चेतावनियां फिल्म के दौरान प्रसारित करने के संबंध में फिल्मकारों के वचन को दर्ज किया. उसने फिल्मकारों से कहा, ‘‘सुनिश्चित कीजिए कि डिस्क्लेमर दोनों बार दिखाए जाएं.’’ सुनवाई के दौरान फिल्म के प्रासंगिक हिस्से को अदालत को दिखाया गया. यह फिल्म 13 मई को रिलीज होगी.
फिल्म निर्माताओं को एक सप्ताह का समय दिया
फिल्मकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने कहा कि फिल्म किसी कानून का उल्लंघन नहीं करती और संबंधित दृश्यों में अंग्रेजी और हिंदी में प्रमुखता से डिस्क्लेमर दिखाए जाएंगे. अदालत ने यूट्यूब समेत फिल्म के दृश्य के अन्य प्रारूपों में भी डिस्क्लेमर शामिल करने के लिए फिल्म निर्माताओं को एक सप्ताह का समय दिया.
फिल्म डिस्क्लेमर के साथ ही शुरू होती है
फिल्मकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि फिल्म एक डिस्क्लेमर के साथ शुरू होती है, जिसे पूरी स्क्रीन पर दिखाया जाएगा और इसकी कहानी ‘‘एक सामाजिक बुराई और कुछ प्रथाओं में अंधविश्वास’’ पर आधारित है तथा इसके संदेश को इस संदर्भ में देखा जाना होगा. केंद्र सरकार के वकील अनुराग अहलूवालिया ने कहा कि फिल्म को सीबीएफसी (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) ने प्रमाणित किया है, बशर्ते उसमें डिस्क्लेमर दिखाया जाए.
याचिकाकर्ता ‘यूथ अगेंस्ट क्राइम’ की ओर से पेश वकील पवन प्रकाश पाठक ने अदालत के समक्ष दलील दी कि फिल्म के कुछ दृश्यों में लिंग निर्धारण तकनीकों को बढ़ावा दिया गया, जो गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक कानून का उल्लंघन है.
लिंग निर्धारण करने संबंधी दृश्य पर जताई चिंता
इससे पहले, नौ मई को अदालत ने ‘जयेशभाई जोरदार’ के ‘ट्रेलर’ में भ्रूण का लिंग निर्धारण करने संबंधी दृश्य पर चिंता जतायी थी और निर्माताओं से कहा था कि अवैध चलन को नियमित तरीके से नहीं दिखाया जा सकता. पीठ ने यशराज फिल्म्स से फिल्म के प्रासंगिक हिस्से उसे दिखाने के लिए कहा था. पीठ ने कहा था कि ‘‘कुल मिलाकर संदेश’’ अच्छा हो सकता है लेकिन यह नहीं दिखाया जा सकता कि गर्भवती महिला को भ्रूण के लिंग का पता लगाने के लिए सोनोग्राम मशीन वाले किसी क्लिनिक में ले जाया जा सकता है. पीठ फिल्म से कुछ दृश्यों को हटाने के अनुरोध वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: DELHI HIGH COURT, Ranveer Singh
FIRST PUBLISHED : May 10, 2022, 19:51 IST