नई दिल्ली. नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) देश के 117 जिलों में हाईवे बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना ला रहा है. एनएचएआई की योजना देश के आकांक्षी जिलों (Aspirational Districts) को बेहतरीन रोड सुविधाओं से जोड़ने के लिए 1 ट्रिलियन (1 लाख करोड़) से भी ज्यादा रुपए खर्च करने की है. इसके लिए इन जिलों में 221 प्रोजेक्ट्स की पहचान की गई है.
अभी तक इन जिलों में हाईवे निर्माण पर 66,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, एनएचएआई से जुड़े दो सूत्रों ने बताया है आगामी योजना पर जल्द काम शुरू हो जाएगा. अब तक देश के इन आकांक्षी जिलों में हाईवे से जुड़े 222 प्रोजेक्ट्स पूरे हो चुके हैं. अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया इन जिलों में नए हाईवे प्रोजेक्ट्स (New Highway Projects) के लिए कुल 1.04 ट्रिलियन रुपए और खर्च करेगी.
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क्या है आकांक्षी जिला कार्यक्रम (What Is Aspirational Districts Programme )
आकांक्षी जिला कार्यक्रम की शुरूआत चार साल पहले की गई थी. इन कार्यक्रम का उद्देश्य देश के सबसे ज्यादा पिछड़े जिलों में तेजी से विकास लाना है. ऐसा केंद्र और राज्य सरकार मिलजुल कर कर रही है. नीति आयोग (NITI Aayog) आकांक्षी जिलों की पहचान स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और वाटर रिसॉर्स, वित्तीय समावेशन, स्किल डेवलपमैंट और मूलभूत ढांचे जैसी कसौटियों के आधार पर करता है. राज्य और केंद्र के अधिकारी मासिक डिस्ट्रिक रैकिंग में इनकी समीक्षा करते हैं.
इन राज्यों में ज्यादा बनेंगे हाईवे
उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र ओडिशा में आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत सबसे ज्यादा हाईवे बनेंगे. गुजरात, तेलंगाना, राजस्थान और कुछ अन्य उत्तर भारतीय राज्यों के हिस्से में से कम हाईवे प्रोजेक्ट आएंगे. रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार आकांक्षी जिलों को पहले ही हाईवे से जोड़ा जा चुका है. अब इस कार्यक्रम के विस्तार कार्यों से इन जिलों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.
6575 किलोमीटर हाईवे बन चुका है
पिछले पांच सालों में करीब 6575 किलोमीटर हाईवे का निर्माण इन आकांक्षी जिलों को जोड़ने के लिए किया जा चुका है. वर्तमान में चल रहे और आगे शुरू होने वाले प्रोजेक्ट्स से अगले पांच सालों में इन जिलों में हाईवे की लंबाई 18000 किलोमीटर हो जाएगी. विशेषज्ञों का कहना है कि कनेक्टिविटी से इन आकांक्षी जिलों में विकास को बढ़ावा मिल रहा है. इन जिलों में करीब 250 मिलियन लोग रहते हैं. इन्फ्रास्ट्रक्चर एक्सपर्ट वैभव डांगे का कहना है कि-“ कनेक्टिविटी इन जिलों में मेन ग्रोथ ड्राइवर है. क्योंकि, बेहतरीन रोड अन्य सेवाओं को इन जिलों में तेजी से पहुंचाने में मदद करते हैं. इससे शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और निर्माण सामग्री जैसी सभी चीजों को तेजी से बढ़ावा मिलता है.”
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बजट में भी इजाफा
बजट 2022 (Budget 2022) में भी इस सड़क, राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय को 68 फीसदी ज्यादा बजट दिया गया है. पिछले बजट में मंत्रालय का बजअ 1.18 ट्रिलियन था. इस बजट में इसे बढ़ाकर 1.99 ट्रिलियन कर दिया गया है. बढ़े हुए बजट का एक बड़ा भाग एचएचएआई को दिया गया है. इससे इसके बजट में 133 फीसदी का इजाफा हुआ है और यह 76665 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.34 ट्रिलियन रुपए हो गया है. हाईवे निर्माण का लक्ष्य भी इस साल पिछले साल से दोगुना कर दिया गया है. वित्तवर्ष में 12000 किलोमीटर था जिसे 25000 किलोमीटर कर दिया गया है.
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