Hijab Controversy: हिजाब विवाद में हाईकोर्ट में शुक्रवार तक दलीलें पूरी करेंगे वकील, जल्द आएगा फैसला 


एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Published by: सुभाष कुमार
Updated Thu, 24 Feb 2022 09:21 PM IST

सार

पीठ ने वकीलों से कहा, आप शुक्रवार तक अपनी बहस पूरी करें। इसके अलावा दोनों पक्ष दो से तीन दिन के भीतर अपने अपने अंतिम आवेदन दाखिल करें।

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हिजाब विवाद की सुनवाई कर रहे हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को दोनों पक्षों को अपनी अपनी दलीलें शुक्रवार तक पूरी करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की पीठ ने साथ ही संकेत दिया कि जल्द ही इस मामले में फैसला सुनाया जाएगा। 

पीठ ने वकीलों से कहा, आप शुक्रवार तक अपनी बहस पूरी करें। इसके अलावा दोनों पक्ष दो से तीन दिन के भीतर अपने अपने अंतिम आवेदन दाखिल करें। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील देवदत्त कामत ने पीठ के सामने दोहराया कि उनकी मुवक्किल एक को एड कॉलेज में दो साल पहले ही दाखिला लिया है। उसे हिजाब पहनने की आदत है और उसे अब अचानक इसे पहनने से रोका जा रहा है। उन्होंने कोर्ट से 5 फरवरी के सरकारी आदेश को खारिज करने की मांग की जिसमें हिजाब पहनने से रोका गया है। उनके अनुसार अनुच्छेद 25 के तहत सरकार इस तरह का आदेश जारी नहीं कर सकती। इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा, एक संस्थान में जहां यूनिफार्म तय है, आप हिजाब पहनने पर जोर कैसे दे सकते हैं? साथ ही पूछा कि याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकार कौन कौन से हैं? उन्होंने कामत से यह सिद्ध करने को भी कहा कि हिजाब एक धार्मिक प्रथा का हिस्सा है। चीफ जस्टिस ने कहा, हम किसी प्रतिबंध की बात नहीं कर रहे। हम सिर्फ उस अधिकार के बारे में पूछ रहे हैं आप जिस पर जोर दे रहे हैं। जवाब में कामत ने कहा, ये अधिकार कुरान से मिले हैं। 

परीक्षाओं में शामिल होने पर संशय
स्कूल-कॉलेजों में छात्राओं को हिजाब पहनकर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है, जिस कारण कई स्थानों पर विवाद भी हो रहा है। गुरुवार को उडुपी के एमजीएम कालेज में भी ऐसा ही मामला सामने आया। यहां प्रिंसिपल ने हिजाब पहनी छात्राओं को प्रवेश की अनुमति नहीं दी। इस बीच 28 फरवरी से छात्राओं की प्रायोगिक परीक्षाओं का आयोजन किया जाना है। छात्राओं का कहना है कि ऐसे में वह परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएगी। इसके लिए छात्राओं ने हाईकोर्ट का भी रुख किया है। 

कर्नाटक सरकार ने सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट को सौंपा सीएफआई का ब्योरा
कर्नाटक सरकार ने बृहस्पतिवार को सीलबंद लिफाफे में कॉलेज फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) की कुंडली हाईकोर्ट को सौंप दी है। चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की पीठ ने एक दम से इस संगठन का नाम सामने आने पर हैरानी जताते हुए बुधवार को इसका पूरा ब्यूरो सरकार से मांगा था। कर्नाटक सरकार की ओर से राज्य के एडवोकेट जनरल प्रभुलिंग नवादगी ने पीठ को बताया कि सीएफआई के खिलाफ उडुपी जिले के सरकार बालिका पीयू कॉलेज के अध्यापकों की शिकायत पर एक एफआईआर भी दर्ज की गई है।

शिवमोगा में हालात शांतिपूर्ण: ज्ञानेंद्र
कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने बृहस्पतिवार को कहा, शिवमोगा में हालात शांतिपूर्ण हैं और स्थिति नियंत्रण में है। बजरंग दल कार्यकर्ता हर्ष की हत्या के बाद यहां आगजनी और हिंसा की कई घटनाएं हुई और तनाव बढ़ गया था। पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ जारी है। सभी पहलुओं को टटोला जा रहा है और हत्या की बारीकी से जांच हो रही है।

विस्तार

हिजाब विवाद की सुनवाई कर रहे हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को दोनों पक्षों को अपनी अपनी दलीलें शुक्रवार तक पूरी करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की पीठ ने साथ ही संकेत दिया कि जल्द ही इस मामले में फैसला सुनाया जाएगा। 

पीठ ने वकीलों से कहा, आप शुक्रवार तक अपनी बहस पूरी करें। इसके अलावा दोनों पक्ष दो से तीन दिन के भीतर अपने अपने अंतिम आवेदन दाखिल करें। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील देवदत्त कामत ने पीठ के सामने दोहराया कि उनकी मुवक्किल एक को एड कॉलेज में दो साल पहले ही दाखिला लिया है। उसे हिजाब पहनने की आदत है और उसे अब अचानक इसे पहनने से रोका जा रहा है। उन्होंने कोर्ट से 5 फरवरी के सरकारी आदेश को खारिज करने की मांग की जिसमें हिजाब पहनने से रोका गया है। उनके अनुसार अनुच्छेद 25 के तहत सरकार इस तरह का आदेश जारी नहीं कर सकती। इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा, एक संस्थान में जहां यूनिफार्म तय है, आप हिजाब पहनने पर जोर कैसे दे सकते हैं? साथ ही पूछा कि याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकार कौन कौन से हैं? उन्होंने कामत से यह सिद्ध करने को भी कहा कि हिजाब एक धार्मिक प्रथा का हिस्सा है। चीफ जस्टिस ने कहा, हम किसी प्रतिबंध की बात नहीं कर रहे। हम सिर्फ उस अधिकार के बारे में पूछ रहे हैं आप जिस पर जोर दे रहे हैं। जवाब में कामत ने कहा, ये अधिकार कुरान से मिले हैं। 

परीक्षाओं में शामिल होने पर संशय

स्कूल-कॉलेजों में छात्राओं को हिजाब पहनकर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है, जिस कारण कई स्थानों पर विवाद भी हो रहा है। गुरुवार को उडुपी के एमजीएम कालेज में भी ऐसा ही मामला सामने आया। यहां प्रिंसिपल ने हिजाब पहनी छात्राओं को प्रवेश की अनुमति नहीं दी। इस बीच 28 फरवरी से छात्राओं की प्रायोगिक परीक्षाओं का आयोजन किया जाना है। छात्राओं का कहना है कि ऐसे में वह परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएगी। इसके लिए छात्राओं ने हाईकोर्ट का भी रुख किया है। 

कर्नाटक सरकार ने सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट को सौंपा सीएफआई का ब्योरा

कर्नाटक सरकार ने बृहस्पतिवार को सीलबंद लिफाफे में कॉलेज फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) की कुंडली हाईकोर्ट को सौंप दी है। चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की पीठ ने एक दम से इस संगठन का नाम सामने आने पर हैरानी जताते हुए बुधवार को इसका पूरा ब्यूरो सरकार से मांगा था। कर्नाटक सरकार की ओर से राज्य के एडवोकेट जनरल प्रभुलिंग नवादगी ने पीठ को बताया कि सीएफआई के खिलाफ उडुपी जिले के सरकार बालिका पीयू कॉलेज के अध्यापकों की शिकायत पर एक एफआईआर भी दर्ज की गई है।

शिवमोगा में हालात शांतिपूर्ण: ज्ञानेंद्र

कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने बृहस्पतिवार को कहा, शिवमोगा में हालात शांतिपूर्ण हैं और स्थिति नियंत्रण में है। बजरंग दल कार्यकर्ता हर्ष की हत्या के बाद यहां आगजनी और हिंसा की कई घटनाएं हुई और तनाव बढ़ गया था। पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ जारी है। सभी पहलुओं को टटोला जा रहा है और हत्या की बारीकी से जांच हो रही है।



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