कर्नाटक हिजाब विवाद : सिख समुदाय तक पहुंचीं मामले की आंच, बेंगलुरु में पगड़ी पहनीं छात्रा को नहीं मिली कॉलेज में एंट्री


सार

Karnataka Hijab Row Controversy Updates: कर्नाटक उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश और लंबित सुनवाई के बावजूद  लगातार हिजाब को लेकर नए विवाद सामने आ रहे हैं। इस मामले की आंच अब सिख समुदाय तक भी पहुंच गई है।

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Karnataka Hijab Controversy: कर्नाटक में हिजाब को लेकर शुरू हुआ आंदोलन लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कर्नाटक उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश और लंबित सुनवाई के बावजूद लगातार हिजाब को लेकर नए विवाद सामने आ रहे हैं। इस मामले की आंच अब सिख समुदाय तक भी पहुंच गई है।
हिजाब, भगवा गमछे समेत अन्य धार्मिक कपड़े और प्रतीक धारण कर कर कक्षाओं में आने पर लगी पाबंदी के बीच, बेंगलुरु के कॉलेज में पगड़ी पहनीं अमृतधारी सिख छात्रा को प्रवेश नहीं करने दिया गया। इसे लेकर परिजनों ने नाराजगी जताई है। वहीं, मामले में पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सिख समुदाय धार्मिक प्रतीक चिह्नों की बेअदबी सहन नहीं करेगा।  

कॉलेज प्रबंधन बोला- हमने आदेश से अवगत कराया था

कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि उसने संस्थान के खुलने यानी 16 फरवरी से पहले ही सभी छात्र-छात्राओं और अभिभावकों को कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश से अवगत करा दिया था। आदेश के अनुसार, हिजाब मामले में अंतिम फैसला आने तक सभी शिक्षण संस्थानों में हिजाब, भगवा गमछे, शॉल और स्कार्फ समेत सभी प्रकार के धार्मिक संकेतों वाले वस्त्र पहनने पर पाबंदी है। इन्हें उतारने पर ही कक्षाओं में प्रवेश दिया जा सकता है। 
 

विवाद में कैसे हुई सिख छात्रा की एंट्री?

हाल ही में, कॉलेज के दौरे पर गए प्री-यूनिवर्सिटी एजुकेशन के डिप्टी डायरेक्टर ने जब छात्राओं के एक समूह को हिजाब में देखा तो उन्हें हाईकोर्ट के आदेश के बारे में बताते हुए हिजाब उतारने को कहा था। इस दौरान कुछ लड़कियों ने सिख छात्राओं के पगड़ी पहने रहने का मुद्दा भी उठाया था। मुस्लिम छात्राओं ने कहा कि आदेश के अनुसार तो सिख छात्राओं को भी पगड़ी के साथ प्रवेश नहीं देना चाहिए। इसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने सिख छात्राओं के परिजनों से इस संबंध में बात की थी। 
  

परिजन बोले- अंतरिम आदेश में सिख पगड़ी का जिक्र नहीं, लेंगे कानूनी सलाह

वहीं, न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों के अनुसार, छात्रा अमृतधारी सिख परिवार से है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमृतधारी परिवार की लड़कियां भी सिर पर पगड़ी धारण करती हैं। छात्रा के परिवार का कहना है कि मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट की ओर से जारी अंतरिम आदेश में सिख समुदाय और पगड़ी का उल्लेख नहीं था। ऐसे में कॉलेज प्रबंधन द्वारा प्रवेश से रोकना अनुचित है। परिवार इस मामले में कानूनी विकल्प तलाश रहा है।  

 

सुखबीर बादल बोले- तत्काल हस्तक्षेप करें मुख्यमंत्री

वहीं, घटनाक्रम को लेकर पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने ट्वीट कर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से तत्काल हस्तक्षेप करने और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है। बादल ने कहा कि सिख समुदाय सरबत दा भला सिद्धांत के साथ सभी धर्मों का सम्मान करता है, लेकिन इसके साथ ही वह अपनी परंपराओं पर गर्व भी करता है। ऐसे में सिख मान्यताओं का अपमान सहन नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री बोम्मई तत्काल दखल देकर बेंगलुरु के कॉलेज में हुए घटनाक्रम का दोहराव रोकने के संबंध में जरूरी निर्देश जारी करें। 

विस्तार

Karnataka Hijab Controversy: कर्नाटक में हिजाब को लेकर शुरू हुआ आंदोलन लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कर्नाटक उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश और लंबित सुनवाई के बावजूद लगातार हिजाब को लेकर नए विवाद सामने आ रहे हैं। इस मामले की आंच अब सिख समुदाय तक भी पहुंच गई है।

हिजाब, भगवा गमछे समेत अन्य धार्मिक कपड़े और प्रतीक धारण कर कर कक्षाओं में आने पर लगी पाबंदी के बीच, बेंगलुरु के कॉलेज में पगड़ी पहनीं अमृतधारी सिख छात्रा को प्रवेश नहीं करने दिया गया। इसे लेकर परिजनों ने नाराजगी जताई है। वहीं, मामले में पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सिख समुदाय धार्मिक प्रतीक चिह्नों की बेअदबी सहन नहीं करेगा।  



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