हिजाब विवाद: राजनाथ ने हाई कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, कहा- सभी करें ड्रेस कोड का पालन


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Tue, 15 Mar 2022 08:58 PM IST

सार

हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने छात्राओं की याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है।

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शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने के मुद्दे पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाया। अदालत ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाई कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए। स्कूल/कालेज के ड्रेस कोड का पालन सभी धर्म के सभी लोगों को करना चाहिए।

प्रह्लाद जोशी ने भी किया फैसले का स्वागत
वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी हाइकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि छात्रों का मूलभूत काम अध्ययन और ज्ञान अर्जित करना है। सब लोग एक होकर पढ़ाई करें।

एमजे अकबर ने भी दिया बयान
भाजपा नेता एमजे अकबर ने ‘कश्मीरी पंडितों’ के पलायन पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से किए गए अपने सवाल को याद किया। उन्होंने कहा कि वो समस्या काफी दर्दनाक थी, उस वक्त की घटनाओं से मैं काफी दुखी हूं। मुझसे नहीं देखा गया कि हमारे मुल्क के एक कौम को शरणार्थी बनना पड़ा। 

हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने छात्राओं की याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। स्कूल-कॉलेज में छात्र यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है। 

अदालत ने कहा कि स्कूल यूनिफॉर्म को लेकर बाध्यता एक उचित प्रबंधन है। छात्र या छात्रा इसके लिए इंकार नहीं कर सकते हैं। फैसला आने के बाद सभी न्यायाधीशों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस मामले की सुनवाई के लिए नौ फरवरी को चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच का गठन किया गया था। लड़कियों की ओर से याचिका दायर कर मांग की गई थी कि क्लास के दौरान भी उन्हें हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि हिजाब उनके धर्म का अनिवार्य हिस्सा है। 

25 फरवरी को पूरी कर ली थी सुनवाई
कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस ममाले में 25 फरवरी को सुनवाई पूरी कर ली थी। साथ ही कोर्ट ने अपना फैसला भी सुरक्षित रख लिया था। फैसले को देखते हुए एहतियातन दक्षिण कन्नड़ के जिला कलेक्टर ने आज (15 मार्च) सभी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी का आदेश दिया है। इसके साथ ही धारा 144 भी लागू की गई है। 

बता दें कि यह विवाद उड्डुपी जिले में एक कालेज में हिजाब पहनकर आने के बाद शुरू हुआ था। कुछ लड़कियां कालेज हिजाब पहनकर आई थी, जिस वजह से उन्हें क्लास में बैठने से रोक दिया गया था। इसके बाद क्लास में पढ़ाई के दौरान हिजाब पहनने से रोके जाने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद इस मुद्दे को लेकर कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।

विस्तार

शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने के मुद्दे पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाया। अदालत ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाई कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए। स्कूल/कालेज के ड्रेस कोड का पालन सभी धर्म के सभी लोगों को करना चाहिए।

प्रह्लाद जोशी ने भी किया फैसले का स्वागत

वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी हाइकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि छात्रों का मूलभूत काम अध्ययन और ज्ञान अर्जित करना है। सब लोग एक होकर पढ़ाई करें।

एमजे अकबर ने भी दिया बयान

भाजपा नेता एमजे अकबर ने ‘कश्मीरी पंडितों’ के पलायन पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से किए गए अपने सवाल को याद किया। उन्होंने कहा कि वो समस्या काफी दर्दनाक थी, उस वक्त की घटनाओं से मैं काफी दुखी हूं। मुझसे नहीं देखा गया कि हमारे मुल्क के एक कौम को शरणार्थी बनना पड़ा। 

हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने छात्राओं की याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। स्कूल-कॉलेज में छात्र यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है। 

अदालत ने कहा कि स्कूल यूनिफॉर्म को लेकर बाध्यता एक उचित प्रबंधन है। छात्र या छात्रा इसके लिए इंकार नहीं कर सकते हैं। फैसला आने के बाद सभी न्यायाधीशों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस मामले की सुनवाई के लिए नौ फरवरी को चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच का गठन किया गया था। लड़कियों की ओर से याचिका दायर कर मांग की गई थी कि क्लास के दौरान भी उन्हें हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि हिजाब उनके धर्म का अनिवार्य हिस्सा है। 

25 फरवरी को पूरी कर ली थी सुनवाई

कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस ममाले में 25 फरवरी को सुनवाई पूरी कर ली थी। साथ ही कोर्ट ने अपना फैसला भी सुरक्षित रख लिया था। फैसले को देखते हुए एहतियातन दक्षिण कन्नड़ के जिला कलेक्टर ने आज (15 मार्च) सभी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी का आदेश दिया है। इसके साथ ही धारा 144 भी लागू की गई है। 

बता दें कि यह विवाद उड्डुपी जिले में एक कालेज में हिजाब पहनकर आने के बाद शुरू हुआ था। कुछ लड़कियां कालेज हिजाब पहनकर आई थी, जिस वजह से उन्हें क्लास में बैठने से रोक दिया गया था। इसके बाद क्लास में पढ़ाई के दौरान हिजाब पहनने से रोके जाने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद इस मुद्दे को लेकर कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।





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