हिजाब विवाद में नया मोड़: छात्राओं ने हाईकोर्ट से कहा, स्कूल यूनिफॉर्म के रंग से मेल खाता हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेंगलुरु
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Mon, 14 Feb 2022 08:05 PM IST

सार

स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने की अनुमति देने की मांग करने वाली छात्राओं का कहना है कि हिजाब पहनना एक अनिवार्य धार्मिक प्रथा है और इसके इस्तेमाल पर रोक लगाना देश के संविधान के अनुच्छेद 25 में प्रदत्त अधिकारों का उल्लंघन है।

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कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद में अब नया मोड़ आ गया है। राज्य सरकार की ओर से स्कूल-कॉलेजों में शांति और कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को चुनौती देते हुए कुछ छात्राओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट में हिजाब के पक्ष में याचिका दायर की थी। अब इन छात्राओं ने सोमवार को हाईकोर्ट से कहा है कि हमें स्कूल यूनिफॉर्म के रंग से मेल खाता हुआ हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए। 

उडुपी के पीयू कॉलेज की इन छात्राओं ने यह दलील हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ऋतु राज अवस्थी, न्यायाधीश जेएम काजी और कृष्णा एम दीक्षित की पूर्ण पीठ के सामने रखी। छात्राओं की ओर से पेश हुए अधिवक्ता देवदत्त कामत ने पीठ से कहा कि हम केवल सरकार के आदेश को चुनौती नहीं दे रहे हैं बल्कि स्कूल यूनिफॉर्म के रंग का हिजाब पहनने की अनुमति देने वाले सकारात्मक शासनादेश जारी करने की मांग भी कर रहे हैं।

कामत ने यह दावा भी किया कि केंद्रीय स्कूलों में मुस्लिम लड़कियों को यूनिफॉर्म के रंग का हिजाब पहनने की अनुमति रहती है और यही व्यवस्था यहां भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिजाब पहनना एक अनिवार्य धार्मिक प्रथा है और इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि पीयू कॉलेज के द्वितीय वर्ष की छात्राएं दो साल पहले नामांकन के समय से हिजाब पहनती आ रही हैं।

हाईकोर्ट मामले की सुनवाई सोमवार को भी करेगा। 

विस्तार

कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद में अब नया मोड़ आ गया है। राज्य सरकार की ओर से स्कूल-कॉलेजों में शांति और कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को चुनौती देते हुए कुछ छात्राओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट में हिजाब के पक्ष में याचिका दायर की थी। अब इन छात्राओं ने सोमवार को हाईकोर्ट से कहा है कि हमें स्कूल यूनिफॉर्म के रंग से मेल खाता हुआ हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए। 

उडुपी के पीयू कॉलेज की इन छात्राओं ने यह दलील हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ऋतु राज अवस्थी, न्यायाधीश जेएम काजी और कृष्णा एम दीक्षित की पूर्ण पीठ के सामने रखी। छात्राओं की ओर से पेश हुए अधिवक्ता देवदत्त कामत ने पीठ से कहा कि हम केवल सरकार के आदेश को चुनौती नहीं दे रहे हैं बल्कि स्कूल यूनिफॉर्म के रंग का हिजाब पहनने की अनुमति देने वाले सकारात्मक शासनादेश जारी करने की मांग भी कर रहे हैं।

कामत ने यह दावा भी किया कि केंद्रीय स्कूलों में मुस्लिम लड़कियों को यूनिफॉर्म के रंग का हिजाब पहनने की अनुमति रहती है और यही व्यवस्था यहां भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिजाब पहनना एक अनिवार्य धार्मिक प्रथा है और इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि पीयू कॉलेज के द्वितीय वर्ष की छात्राएं दो साल पहले नामांकन के समय से हिजाब पहनती आ रही हैं।

हाईकोर्ट मामले की सुनवाई सोमवार को भी करेगा। 



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