Home in Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर में मकानों की बिक्री 19 फीसदी गिरी, नोएडा के ग्राहक बुरे फंसे


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दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में अप्रैल-जून तिमाही में मकानों की बिक्री 19 फीसदी गिरकर 15,340 पर आ गई। जनवरी-मार्च के दौरान 18,835 घर बिके थे। ऐसा इसलिए क्योंकि घर की कीमतें बढ़ने के साथ भारतीय रिजर्व बैंक ने दो बार ब्याज दरों में भी इजाफा कर दिया, जिससे कर्ज महंगा हो गया है। 

नहीं बिकने वाले मकानों की संख्या 7 फीसदी गिरी
एनारॉक के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में नहीं बिकने वाले मकानों की संख्या में 7 फीसदी की गिरावट आई और यह 1.41 लाख यूनिट रह गई। मार्च, 2022 में यह 1.51 लाख यूनिट थी। गुरुग्राम में मकानों की बिक्री 8,850 से घटकर 7,580 पर आ गई, जबकि नए लॉन्च की संख्या 7,890 यूनिट से घटकर 2,830 पर आ गई। 

नोएडा में 1,650 मकान ही बिके
आंकड़ों के अनुसार, नोएडा में जून तिमाही में केवल 1,650 मकान बिके हैं। मार्च तिमाही में 3,450 घर बिके थे। 390 नए घर बने, जबकि मार्च में एक भी घर नहीं बने थे। गाजियाबाद में मार्च तिमाही में 2,080 घर बिके थे, जो जून तिमाही में घटकर 1,650 रह गए। इसी दौरान नए लॉन्च मकानों की संख्या 220 से बढ़कर 740 हो गई। 

फरीदाबाद, दिल्ली और भिवाड़ी में भी गिरी बिक्री
फरीदाबाद, दिल्ली और भिवाड़ी में अप्रैल-जून तिमाही में 1,710 घर बिके थे, जबकि जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान 2,410 घर बेचे गए थे। नए घरों की लॉन्चिंग 920 यूनिट से घटकर 110 यूनिट पर रह गई। कुल बिना बिके घरों में सबसे ज्यादा हिस्सा दिल्ली, एनसीआर और गुरुग्राम का है जो 7 फीसदी कम होकर 59,120 रह गया है। 

ग्रेटर नोएडा में 28,875 घर नहीं बिके
आंकड़ों के अनुसार, ग्रेटर नोएडा में 28,875 घर नहीं बिके। एक तिमाही पहले की तुलना में इसमें 8 फीसदी की कमी आई है। गाजियाबाद में 5 फीसदी की गिरावट के साथ 17,990 घर नहीं बिक पाए। एक तिमाही पहले इनकी संख्या 18,900 थी। नोएडा में मार्च तिमाही में कुल 13,800 घर थे जो जून तिमाही में 12 फीसदी घटकर 12,150 पर आ गया। दिल्ली, फरीदाबाद और भिवाड़ी में जून तिमाही में 23,100 घर नहीं बिक पाए जो कि मार्च में 24,700 घर नहीं बिके थे। 

नोएडा के घर खरीदार बुरे फंसे 
रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा में घर खरीदने वाले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। पूरा भुगतान करने के बाद भी इनको घर नहीं मिल पाए। देश के सात शहरों में 4.48 लाख करोड़ रुपये के 4.79 लाख घर फंसे पड़े हैं या इनके बनने में देरी हो रही है। इसमें से करीबन 50 फीसदी हिस्सा दिल्ली और एनसीआर में ही है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा का हिस्सा 70 फीसदी है। 

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दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में अप्रैल-जून तिमाही में मकानों की बिक्री 19 फीसदी गिरकर 15,340 पर आ गई। जनवरी-मार्च के दौरान 18,835 घर बिके थे। ऐसा इसलिए क्योंकि घर की कीमतें बढ़ने के साथ भारतीय रिजर्व बैंक ने दो बार ब्याज दरों में भी इजाफा कर दिया, जिससे कर्ज महंगा हो गया है। 

नहीं बिकने वाले मकानों की संख्या 7 फीसदी गिरी

एनारॉक के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में नहीं बिकने वाले मकानों की संख्या में 7 फीसदी की गिरावट आई और यह 1.41 लाख यूनिट रह गई। मार्च, 2022 में यह 1.51 लाख यूनिट थी। गुरुग्राम में मकानों की बिक्री 8,850 से घटकर 7,580 पर आ गई, जबकि नए लॉन्च की संख्या 7,890 यूनिट से घटकर 2,830 पर आ गई। 

नोएडा में 1,650 मकान ही बिके

आंकड़ों के अनुसार, नोएडा में जून तिमाही में केवल 1,650 मकान बिके हैं। मार्च तिमाही में 3,450 घर बिके थे। 390 नए घर बने, जबकि मार्च में एक भी घर नहीं बने थे। गाजियाबाद में मार्च तिमाही में 2,080 घर बिके थे, जो जून तिमाही में घटकर 1,650 रह गए। इसी दौरान नए लॉन्च मकानों की संख्या 220 से बढ़कर 740 हो गई। 

फरीदाबाद, दिल्ली और भिवाड़ी में भी गिरी बिक्री

फरीदाबाद, दिल्ली और भिवाड़ी में अप्रैल-जून तिमाही में 1,710 घर बिके थे, जबकि जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान 2,410 घर बेचे गए थे। नए घरों की लॉन्चिंग 920 यूनिट से घटकर 110 यूनिट पर रह गई। कुल बिना बिके घरों में सबसे ज्यादा हिस्सा दिल्ली, एनसीआर और गुरुग्राम का है जो 7 फीसदी कम होकर 59,120 रह गया है। 

ग्रेटर नोएडा में 28,875 घर नहीं बिके

आंकड़ों के अनुसार, ग्रेटर नोएडा में 28,875 घर नहीं बिके। एक तिमाही पहले की तुलना में इसमें 8 फीसदी की कमी आई है। गाजियाबाद में 5 फीसदी की गिरावट के साथ 17,990 घर नहीं बिक पाए। एक तिमाही पहले इनकी संख्या 18,900 थी। नोएडा में मार्च तिमाही में कुल 13,800 घर थे जो जून तिमाही में 12 फीसदी घटकर 12,150 पर आ गया। दिल्ली, फरीदाबाद और भिवाड़ी में जून तिमाही में 23,100 घर नहीं बिक पाए जो कि मार्च में 24,700 घर नहीं बिके थे। 

नोएडा के घर खरीदार बुरे फंसे 

रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा में घर खरीदने वाले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। पूरा भुगतान करने के बाद भी इनको घर नहीं मिल पाए। देश के सात शहरों में 4.48 लाख करोड़ रुपये के 4.79 लाख घर फंसे पड़े हैं या इनके बनने में देरी हो रही है। इसमें से करीबन 50 फीसदी हिस्सा दिल्ली और एनसीआर में ही है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा का हिस्सा 70 फीसदी है। 



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