क्रिप्टो स्कैम : निवेशकों से क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर कैसे ठगे गए 1,200 करोड़ रुपये, समझें पूरा मामला


हाइलाइट्स

केरल के निशाद के. ने लोगों से क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर कथित तौर पर 1,200 करोड़ रुपये ठगे थे.
यह मामला इस साल जनवरी में सामने आया था.
ईडी ने इस मामलें कार्रवाई करते हुए निशाद की कई संपत्तियां जब्त कर ली थी.

नई दिल्ली. जनवरी 2022 में 1,200 करोड़ रुपये का क्रिप्टो स्कैम सामने आया था. इसमें ईडी ने केरल के निशाद के. को मास्टरमाइंट बताया था. पुलिस ने इसे गिरफ्तार भी किया था लेकिन जमानत पर बाहर आने के बाद ये देश छोड़कर चला गया. हालांकि, लोगों के मन में सवाल था कि आखिर यह स्कैम हुआ कैसे था.

निशाद और उसके परिवार ने आईसीओ (इनिशियल कॉइन ऑफर) के नाम पर कथित तौर पर कई लोगों से रुपये जुटाए थे. इसका नाम उन्होंने मॉरिस कॉइन क्रिप्टोकरेंसी रखा था. आईसीओ को क्रिप्टोकरेंसी के आईपीओ के रूप में समझा जा सकता है. जैसे कोई कंपनी बाजार से पैसा जुटाने के लिए आईपीओ लाती है वैसे ही अगर कोई व्यक्ति नया क्रिप्टो कॉइन, ऐप या सर्विस लॉन्च करना चाह रहा हो तो आईसीओ लाता है. लोग नया टोकन प्राप्त करने के लिए इसमें निवेश करते हैं.

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ऐसे दिया घोटाले को अंजाम

फेक क्रिप्‍टोकॉइन “Morris Coin” को 2020 में कोयंबटूर बेस्‍ड क्रिप्‍टोकरेंसी एक्‍सचेंज Franc Exchange के साथ लिस्ट करने का दावा किया गया था. हालांकि, ये कॉइन कभी लिस्ट नहीं हुए. इसे उसी प्रकार लोगों के सामने पेश किया गया जैसे आईपीओ को पेश किया जाता है. 10 मोरिस कॉइन की कीमत 15,000 रुपये रखी गई थी और इसका लॉक-इन पीरियड 300 दिन था. इन्‍वेस्‍टर को एक ई-वॉलेट भी दिया गया था. इस फेक क्रिप्‍टोकरेंसी के प्रोमोटर ने इन्‍वेस्‍टर्स का जल्‍द ही इसके महंगे होने का झांसा दिया. इसमें निवेश के लिए लोगों को मनाने वाले एजेंट्स को 10-30 फीसदी का कमीशन भी दिया गया था.

फर्जी कंपनियों को भेजी रकम

निशाद ने लोगों से पैसा जुटाकर पहले अपने बैंक खाते में भेजा और फिर वहां से फर्जी कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया. उसने ये पैसा वैध तरीके से रियल इस्‍टेट में निवेश किया. ज्‍यादातर निवेश केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में किया गया.

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ईडी की कार्रवाई

ईडी ने कई एफआईआर दर्ज होने के बाद निशाद के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था. इसके बाद पीएमएलए के तहत उसकी 14 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई. ईडी ने एक उससे संबंधित एक हॉस्पिटल के बैंक अकाउंट में रखी संपत्ति और तमिलनाडु में 52 एकड़ कृषि योग्य भूमि जब्त कर ली.

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