बेंगलुरु. दिग्गज शेन वॉर्न (Shane Warne) के निधन को 4 दिन बीत चुके हैं लेकिन अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) इस दुखद खबर पर अब भी भरोसा नहीं कर पा रहे हैं. अश्विन ने मंगलवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया के महान गेंदबाज ने स्पिन गेंदबाजी को नए सिरे से परिभाषित किया और इस गेंदबाजी कला को आक्रामकता दी. वॉर्न का शुक्रवार को थाईलैड के कोह समुइ में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.
35 वर्षीय रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘वॉर्न ने स्पिन गेंदबाजी को विश्व क्रिकेट के पटल पर अग्रणी बनाया. दुनिया में सर्वाधिक विकेट लेने वाले 3 गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन, शेन वॉर्न और अनिल कुंबले स्पिनर ही हैं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘वह (वॉर्न) दिलचस्प इंसान थे. ऑस्ट्रेलिया के इतने महान खिलाड़ियों ने उनके बारे में अच्छी बातें की हैं. मैं अब भी यह स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं कि जीवन कितना क्षणभंगुर है. कोई कयास नहीं लगा सकता कि आगे क्या होगा.’
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अश्विन ने कहा, ‘शेन वॉर्न रंग-बिरंगी शख्सियत थे. उन्होंने गेंदबाजी को नए सिरे से परिभाषित किया और 1000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय विकेट लिए. यह बहुत दुर्लभ उपलब्धि है.’ वॉर्न ने इंग्लैंड के माइक गैटिंग को ‘सदी की सर्वश्रेष्ठ गेंद’ फेंकी थी लेकिन वह अश्विन की पसंदीदा वॉर्न की गेंद नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘शेन वॉर्न ने क्रिकेट जगत में स्पिन गेंदबाजी को आक्रामक बनाया. हर कोई माइक गैटिंग को फेंकी उनकी गेंद की बात कर रहा है लेकिन मेरी पसंदीदा 2005 एशेज में एंड्रयू स्ट्रॉस को डाली उनकी बॉल थी. उस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के लिए उन्होंने अकेले मोर्चा संभाला. वह असाधारण इंसान थे और अपने जीवन को भरपूर जिया.’
अश्विन ने कहा, ‘मैं कोच राहुल द्रविड़ से बात कर रहा था जो बहुत दुखी थे. एक स्पिनर के शरीर का ऊपरी हिस्सा और कंधे बहुत मजबूत होने चाहिये क्योंकि गेंद को स्पिन कराने के लिए कई रोटेशन लेने पड़ते थे. लेग स्पिनर के लिए तो यह और भी जरूरी है. वॉर्न के कंधे बहुत मजबूत थे. लगता है कि राहुल भाई ने उनसे पूछा था कि उनके कंधे इतने मजबूत कैसे हैं, यह अनूठी कहानी है. ऑस्ट्रेलिया रूल्स फुटबॉल एक खेल है जो रग्बी जैसा है. वह इसे खेलना चाहते थे लेकिन उनकी कद-काठी उसके लायक नहीं थी. इस खेल को खेलने वाले खिलाड़ी लंबे-चौड़े होते हैं.’
बचपन में वॉर्न के पैर की 2 हड्डियां टूट गई थी जब दूसरा बच्चा ऊंचाई से उनके ऊपर कूद गया था. दोनों पैरों पर प्लास्टर होने से वह व्हीलचेयर पर शरीर के ऊपरी हिस्से से मूवमेंट करते थे जिसससे उनके कंधे मजबूत हो गए. अश्विन ने कहा, ‘वह तब चल नहीं पाते थे और बिस्तर पर थे. अपने हाथों का सहारा लेकर वह सरकते थे. इससे उनके कंधे मजबूत हुए. यही उन्होंने राहुल भाई को बताया. हम सभी के जीवन में चुनौतियां आती हैं लेकिन वॉर्न ने सिखाया कि उसे सफलता की सीढ़ी कैसे बनाना है.’
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