Hypothermia Causes: हाइपोथर्मिया की चपेट में आ रहे ठंडे इलाकों में जाने वाले लोग, एक्सपर्ट से जानें बचाव के तरीके


Hypothermia Prevention Tips: पिछले कुछ महीनों में चार-धाम की यात्रा के दौरान कई लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं. इनमें से कुछ यात्री ऐसे थे, जिन्हें ‘हाइपोथर्मिया’ की वजह से जान गंवानी पड़ी. 30 जून से अमरनाथ की यात्रा शुरू हो रही है और इस यात्रा पर जाने वाले लोगों को हाइपोथर्मिया के बारे में जरूर जान लेना चाहिए. मैदानी इलाकों में रहने वाले लोग जब समुद्र तल से 8000 या 10000 फीट की ऊंचाई पर बेहद ठंडे इलाकों में पहुंचते हैं, तो वहां हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है. एक्सपर्ट से जानेंगे कि यह बीमारी क्या है, इसके क्या लक्षण होते हैं और इससे किस तरह बचा जाए.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

डॉ. राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल (नई दिल्ली) के मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. अजय चौहान के मुताबिक हाइपोथर्मिया एक ऐसी कंडीशन होती है, जिसमें लोगों के शरीर का हीट कंजर्वेशन मैकेनिज्म काम करना बंद कर देता है और शरीर का तापमान तेजी से गिरता है. ऐसी परिस्थिति में सही समय पर इलाज न मिलने से व्यक्ति की मौत हो सकती है. शरीर का सामान्य तापमान लगभग 98.6 डिग्री फारेनहाइट होता है. अत्यधिक ठंडे इलाकों में सर्दी और बर्फीली हवाओं की वजह से तापमान 95 डिग्री या इससे काफी कम होने का खतरा रहता है. हाइपोथर्मिया का सबसे ज्यादा असर हार्ट और तंत्रिका तंत्र पर होता है. इससे कार्डियक अरेस्ट और मल्टी ऑर्गन फेलियर का खतरा होता है.

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क्या हैं हाइपोथर्मिया के लक्षण?

डॉ. अजय चौहान कहते हैं कि शरीर नीला पड़ना, पल्स वीक हो जाना, बेहोशी की स्थिति, सांस लेने में दिक्कत, हाथ पैरों की उंगलियों का कटना, शरीर की एनर्जी कम होने जैसे लक्षण हाइपोथर्मिया के होते हैं. आमतौर पर यह परेशानियां बहुत ज्यादा सर्दी में सही कपड़े न पहनने और बर्फीले पानी व हवा के संपर्क में आने पर होती हैं. बच्चों और बुजुर्गों के लिए हाइपोथर्मिया सबसे ज्यादा खतरनाक हो सकता है. इसके अलावा जो लोग कुपोषण का शिकार हैं, उनके लिए भी इसका खतरा ज्यादा होता है.  यह बीमारी स्वस्थ लोगों को भी हो सकती है.

हाइपोथर्मिया से कैसे करें बचाव?

डॉ. अजय चौहान कहते हैं कि जो लोग गर्म इलाकों में रहते हैं, उन्हें ठंडे इलाकों में जाकर अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है. सर्दी में गर्म कपड़े पहनने चाहिए, लेयर्ड क्लॉथिंग करनी चाहिए और हाथ और पैरों का गर्म रखना चाहिए. ऐसी जगहों पर स्नोबूट पहन सकते हैं. जिन लोगों के सिर पर बाल कम हैं, उन्हें टोपी लगाकर रहना चाहिए. खाने में पौष्टिक और गर्म चीजें लेनी चाहिए. आप अपने साथ कंबल लेकर जाएं और परेशानी महसूस होने पर खुद को गर्म रखने की कोशिश करें. अगर फिर भी परेशानी आती है तो व्यक्ति को नार्मल टेंपरेचर में ले जाएं और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें.

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Tags: Fitness, Health, Lifestyle

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