आईईडी मामला: दिल्ली-हिमाचल-पंजाब और जम्मू-कश्मीर में प्लांट किए गए एक जैसे विस्फोटक, अब तक जांच में हुआ ये खुलासा


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत कुमार
Updated Sat, 19 Feb 2022 07:43 PM IST

सार

सीमापार से ही इस पूरे षडयंत्र की साजिश रची जा रही है। देश के अलग-अलग हिस्सों में मिले विस्फोटक के बाद खुफिया एजेंसियों ने सभी राज्यों पुलिस को अलर्ट कर अपने इलाकों पर नजर रखने के लिए कहा है।

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सीमापुरी और गाजीपुर में आईईडी मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, उससे यह बात पूरी तरह साफ होती जा रही है कि देश को दहलाने की साजिश का कनेक्शन सीमा पार में बैठे आतंकी संगठन व पड़ोसी देश की खुफिया एंजेंसी से जुड़ा है। सूत्रों का कहना है कि गाजीपुर, सीमापुरी, हिमाचल के कुल्लू व पंजाब और जम्मू-कश्मीर मिले विस्फोटक को किसी एक ही ग्रुप ने प्लान किया है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि पंजाब या राजस्थान और कश्मीर के रास्ते सीमापार से आईईडी बनाने का सामान भारत पहुंचा। इसके बाद यहां मौजूद इन संगठन के स्लीपर सेल की मदद से इन सभी आईईडी को प्लान कर देश को दहलाने की कोशिश की गई। माना जा रहा है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में इन संगठनों के स्लीपर सेल मौजूद हैं। अब सुरक्षा एजेंसियां इनकी पहचान कर इन तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक एनआईए व दूसरी एजेंसियों ने जो जानकारी सांझा की उसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। गाजीपुर और सीमापुरी में मिले आईईडी तो बिल्कुल एक ही जैसे थे। इसके अलावा 29 जनवरी को कुल्लू में पार्किंग में हुए ब्लास्ट में जो सबूत मिले थे, वह भी इन आईईडी से मेल खा रहे थे। आईईडी में लगाए मैगनेट और टाइमर की बनावट बिल्कुल एक जैसी थी। इसके अलावा जिस लोहे के बॉक्स में विस्फोटक रखा गया था। वह भी इसी तरह का था। इसी तरह जम्मू कश्मीर व पंजाब में भी ठीक इसी तरह का सामान मिला था।
 

डंप डाटा के आधार पर करीब 50 नंबरों की पहचान…

दिल्ली पुलिस सूत्रों के अनुसार छानबीन के दौरान पुलिस ने गाजीपुर से सीमापुरी के बीच डंप डाटा के आधार पर करीब 50 मोबाइल नंबरों की पहचान की है। गाजीपुर में मिले आईईडी के बाद 25 से 30 नंबर को इंटरसेप्ट किया गया था। अब सीमापुरी में मिले आईईडी के बाद पुलिस की जांच का दायरा बढ़ गया है। उसके आधार पर इन नंबरों से जुड़े लोगों की पहचान करने का प्रयास कर रही है। पुलिस का कहना है कि इसके आधार पर दिल्ली, यूपी, पंजाब समेत दूसरे हिस्सों में छापेमारी की जा रही है।

 

काले रंग की मोटरसाइकिल से खुल सकते हैं कई राज
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दो संदिग्धों के स्केच तैयार कर लिए गए हैं और जल्द से जल्द पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। गाजीपुर मामले में एकत्र किए गए एक सीसीटीवी फुटेज में देखा गया है कि एक काले रंग की हीरो स्प्लेंडर मोटरसाइकिल पास में खड़ी थी। वहीं सीमापुरी में आईईडी बरामद होने के बाद पुलिस ने दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन के पास से ऐसी ही एक बाइक बरामद की। जांच करने वाली टीम का मानना है कि यह वही मोटरसाइकिल है जो गाजीपुर मौके से एकत्र किए गए सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रही है।

विस्तार

सीमापुरी और गाजीपुर में आईईडी मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, उससे यह बात पूरी तरह साफ होती जा रही है कि देश को दहलाने की साजिश का कनेक्शन सीमा पार में बैठे आतंकी संगठन व पड़ोसी देश की खुफिया एंजेंसी से जुड़ा है। सूत्रों का कहना है कि गाजीपुर, सीमापुरी, हिमाचल के कुल्लू व पंजाब और जम्मू-कश्मीर मिले विस्फोटक को किसी एक ही ग्रुप ने प्लान किया है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि पंजाब या राजस्थान और कश्मीर के रास्ते सीमापार से आईईडी बनाने का सामान भारत पहुंचा। इसके बाद यहां मौजूद इन संगठन के स्लीपर सेल की मदद से इन सभी आईईडी को प्लान कर देश को दहलाने की कोशिश की गई। माना जा रहा है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में इन संगठनों के स्लीपर सेल मौजूद हैं। अब सुरक्षा एजेंसियां इनकी पहचान कर इन तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक एनआईए व दूसरी एजेंसियों ने जो जानकारी सांझा की उसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। गाजीपुर और सीमापुरी में मिले आईईडी तो बिल्कुल एक ही जैसे थे। इसके अलावा 29 जनवरी को कुल्लू में पार्किंग में हुए ब्लास्ट में जो सबूत मिले थे, वह भी इन आईईडी से मेल खा रहे थे। आईईडी में लगाए मैगनेट और टाइमर की बनावट बिल्कुल एक जैसी थी। इसके अलावा जिस लोहे के बॉक्स में विस्फोटक रखा गया था। वह भी इसी तरह का था। इसी तरह जम्मू कश्मीर व पंजाब में भी ठीक इसी तरह का सामान मिला था।

 



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