चंडीगढ़: सड़क किनारे फेंका निर्माण व तोड़फोड़ अपशिष्ट तो लगेगा 5500 रुपये का जुर्माना, हर साल 500 रुपये की होगी वृद्धि


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Wed, 02 Feb 2022 12:14 PM IST

सार

चंडीगढ़ प्रशासन ने निर्माण व तोड़फोड़ अपशिष्ट प्रबंधन नीति-2022 की अधिसूचना जारी की है। अब निर्माण अपशिष्टों को बाहर फेंकने पर मनाही होगी। 

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया

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चंडीगढ़ प्रशासन ने मंगलवार को निर्माण व तोड़फोड़ अपशिष्ट प्रबंधन (कंस्ट्रक्शन व डिमोलिशन वेस्ट मैनेजमेंट) नीति-2022 की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके अनुसार अब अगर किसी ने निर्माण सामग्री व तोड़फोड़ अपशिष्टों को सड़क किनारे फेंका तो उस पर 5500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने की राशि हर साल एक अप्रैल को 500 रुपये बढ़ जाएगी।

प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने बताया कि इस नीति को लाने का मकसद है कि मकान को तोड़ने के बाद जो भी अपशिष्ट सामग्री बचती है, उसका 100 फीसदी निपटारा करना है। सामग्री को इधर-उधर फेंकने के बजाय उसे रिसाइकल कर अन्य चीजों का निर्माण किया जाएगा। यह नीति आम नागरिकों, निजी ठेकेदार और सरकारी विभागों के लिए एक समान होगी। 

सलाहकार ने कहा कि अभी तक जो लोग मकानों के अपशिष्ट को इधर-उधर फेंक देते थे, इस नीति के आने से उन पर लगाम लगेगी। एक हेल्पलाइन नंबर 0172-2787200 भी जारी किया गया है, जहां प्रबंधन की जानकारी के लिए लोग कॉल कर सकेंगे। नंबर पर कॉल कर लोग निगम की गाड़ी को मंगवा सकेंगे।

लोगों के सामने होंगे दो विकल्प, निगम को दें या खुद करें निपटारा
नीति के अनुसार पुराने मकान को तोड़कर नया मकान बनाते समय लोगों को दो विकल्प दिए जाएंगे। एक वह अपशिष्टों को नगर निगम को दे दें और दूसरा वह खुद निपटारा करें। बिल्डिंग प्लान अप्रूवल के साथ ही दोनों में एक विकल्प को चुनना होगा। अगर वह खुद निपटारे की बात को कबूल करते हैं तो बताना होगा कि वह कैसे और कहां अपशिष्टों का इस्तेमाल करेंगे। अगर वह निगम को देना चाहेंगे तो उसके लिए लोगों को बिल्डिंग प्लान की मंजूरी के शुल्क के साथ अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

विस्तार

चंडीगढ़ प्रशासन ने मंगलवार को निर्माण व तोड़फोड़ अपशिष्ट प्रबंधन (कंस्ट्रक्शन व डिमोलिशन वेस्ट मैनेजमेंट) नीति-2022 की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके अनुसार अब अगर किसी ने निर्माण सामग्री व तोड़फोड़ अपशिष्टों को सड़क किनारे फेंका तो उस पर 5500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने की राशि हर साल एक अप्रैल को 500 रुपये बढ़ जाएगी।

प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने बताया कि इस नीति को लाने का मकसद है कि मकान को तोड़ने के बाद जो भी अपशिष्ट सामग्री बचती है, उसका 100 फीसदी निपटारा करना है। सामग्री को इधर-उधर फेंकने के बजाय उसे रिसाइकल कर अन्य चीजों का निर्माण किया जाएगा। यह नीति आम नागरिकों, निजी ठेकेदार और सरकारी विभागों के लिए एक समान होगी। 

सलाहकार ने कहा कि अभी तक जो लोग मकानों के अपशिष्ट को इधर-उधर फेंक देते थे, इस नीति के आने से उन पर लगाम लगेगी। एक हेल्पलाइन नंबर 0172-2787200 भी जारी किया गया है, जहां प्रबंधन की जानकारी के लिए लोग कॉल कर सकेंगे। नंबर पर कॉल कर लोग निगम की गाड़ी को मंगवा सकेंगे।

लोगों के सामने होंगे दो विकल्प, निगम को दें या खुद करें निपटारा

नीति के अनुसार पुराने मकान को तोड़कर नया मकान बनाते समय लोगों को दो विकल्प दिए जाएंगे। एक वह अपशिष्टों को नगर निगम को दे दें और दूसरा वह खुद निपटारा करें। बिल्डिंग प्लान अप्रूवल के साथ ही दोनों में एक विकल्प को चुनना होगा। अगर वह खुद निपटारे की बात को कबूल करते हैं तो बताना होगा कि वह कैसे और कहां अपशिष्टों का इस्तेमाल करेंगे। अगर वह निगम को देना चाहेंगे तो उसके लिए लोगों को बिल्डिंग प्लान की मंजूरी के शुल्क के साथ अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

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