भारत ने रूस का ये ऑफर मान लिया तो मिल सकता है सस्ता तेल, अमेरिकी प्रतिबंध भी होंगे बेअसर


नई दिल्लीः यूक्रेन (Ukraine)  से जंग की वजह से प्रतिबंधों की मार झेल रहे रूस (Russia) ने भारत को आयातित सामानों के भुगतान के लिए एक ऑफर दिया है. भारत सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है. डॉलर में भुगतान बंद होने की वजह से रूस के केंद्रीय बैंक ने पेमेंट का एक सिस्टम विकसित किया है. भारत मुख्य तौर पर रूस से कच्चा तेल और हथियारों का आयात करता है. इसके अलावा यूक्रेन से सप्लाई बाधित होने की वजह से इसी महीने भारत ने रूस से सूरजमुखी के तेल का बड़ा सौदा किया है.

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, रूस के मेसेजिंग सिस्टम एसपीएफएस (SPFS) के इस्तेमाल से भारत रुपये-रूबल में भुगतान कर सकता है. हालांकि, अभी तक भारत सरकार ने इस प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं किया है. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लैवरोव (Sergei Lavrov) गुरुवार को दो दिन की भारत यात्रा पर आ रहे हैं. इस दौरान इस प्रस्ताव पर विचार होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसके बदले में भारत को कम कीमत पर रूस से कच्चा तेल मिलने की उम्मीद से इन्कार नहीं किया जा सकता. अगर ऐसा हुआ तो भारत के लिए यह बड़ी राहत होगी.

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ऐसे काम करेगा रूस का यह सिस्टम

सूत्रों ने बताया कि इस प्रस्ताव के तहत रूसी मुद्रा रूबल को भारतीय बैंकों में जमा किया जाएगा और इसे भारतीय मुद्रा रुपये में बदल दिया जाएगा. ठीक इसी तरह रुपये को रूबल में बदल कर भुगतान किया जाएगा. इसके अलावा रूस भारतीय और रूसी बैंकों की ओर से जारी कार्डों को एमआईआर पेमेंट्स सिस्टम (MIR payments system) से जोड़ना चाहता है.

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भारत आएंगे रूसी अधिकारी

सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्ताव पर रूस के केंद्रीय बैंक के अधिकारियों से विस्तार से चर्चा होगी. इसके लिए रूस के केंद्रीय बैंक के अधिकारी अगले हफ्ते भारत आ सकते हैं. रूसी हथियारों पर भारतीय सेना की निर्भरता और अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी के चलते भारत रूस से सस्ता तेल खरीदने का इच्छुक है. रूस पर अंतराराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद सस्ते तेल की उम्मीद में भारत द्विपक्षीय व्यापार जारी रखना चाहता है. साथ ही अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देशों से कहा है कि चीन की सैन्य आक्रामकता के चलते रूस से हथियार खरीदना जारी रखना भारत के लिए जरूरी है.

अगर रूस का यह ऑफर भारत स्वीकार कर लेता है तो इससे न सिर्फ भारत की विदेशी मुद्रा बचेगी बल्कि भारतीय मुद्रा और मजबूत होगी.

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