नीलम रत्न नहीं पहन सकते तो धारण कीजिए लीलिया, खुल जाएंगे तरक्की के रास्ते


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ज्योतिष विज्ञान में ग्रह शांति और सफलता के लिए रत्नों का बहुत महत्व है। हर ग्रह का एक रत्न कारक है जिसे धारण करने पर ग्रह शुभ फल देता है। लेकिन कई बार महंगा होने के कारण सब लोग रत्न नहीं धारण कर सकते, ऐसे में रत्न के उपरत्न को धारण करके शुभ फल पाए जा सकते हैं। ऐसा ही एक उपरत्न है लीलिया जिसे नीलम के बदले ज्योतिषी धारण करने की सलाह देते हैं। इसी नीलिया और नीली भी कहा जाता है। 

जी हां, शनि का रत्न कहा जाने वाला नीलम काफी मूल्यवान है और हर किसी के बस में इसे खरीदना भी नहीं है। ऐसे में जातक नीलम के उपरत्न लीलिया को धारण करके नीलम के ही शुभ फल को प्राप्त कर सकते हैं। 

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चलिए जानते हैं लीलिया के बारे में 

लीलिया नीलम का उपरत्न है। यह हल्के नीले रंग का चमकीला रत्न है  जिसमें थोड़ी सी रक्तिम ललाई भी होती है। आमतौर पर लीलिया गंगा यमुना और अन्य नदियों के रेतीले किनारों पर मिल सकता है। इसे भी नीलम की तरह ज्योतिषी द्वारा सुझाई गई रत्ती के अनुसार धारण किया जाए तो यह तरक्की के रास्ते खोल सकता है औऱ भाग्योदय कर स सकता है।

कौन करे धारण

वृष राशि, मिथुन राशि, कन्या राशि, तुला राशि, मकर राशि और कुंभ राशियों को लीलिया धारण करने की सलाह दी जाती है। लेकिन वो राशियां जिनकी शनिदेव से शत्रुता है, उन्हें लीलिया धारण करने से मना किया जाता है। 

अगर आपकी कुंडली में शनि की स्थिति देखकर ज्योतिषी आपको नीलम पहनने की सलाह देते हैं और आप नीलम खरीदने की स्थिति में नहीं है तो आप बेहिचक लीलिया को खरीद कर पहन सकते हैं। 

लीलिया को नीलम की तरह धारण करना चाहिए। इस रत्न को शनिवार को दोपहर के समय मध्यमा अंगुली में धारण करना चाहिए। इसका साइज चोकोर होना चाहिए यह अंगुली की त्वचा को छूता रहे, इस बात का ध्यान रखना चाहिए।  चूंकि यह शनि का रत्न है इसलिए इसे धारण करने के बाद मांस मदिरा का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है। 



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