विदेश में पढ़ाई के लिए लेना है एजुकेशन लोन तो पहले इन बातों को जान लें, फायदे में रहेंगे


नई दिल्‍ली. पढ़ाई पर खर्च हर साल बढ़ता ही जा रहा है. एक अनुमान के अनुसार, इसमें सालाना 15 फीसदी की दर से बढ़ोतरी हो रही है. अगर कोई व्‍यक्ति विदेशों में अपने बच्‍चों को पढ़ाना चाहता है तो खर्च कई गुना और बढ़ जाता है. फॉरेन एजुकेशन के लिए सरकारी और प्राइवेट बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां लोन (Education Loan) उपलब्‍ध कराती हैं. एजुकेशन लोन की वजह से बहुत से छात्रों का विदेशों में पढ़ाई का सपना साकार होता है.

लेकिन, ऐसा भी नहीं है कि हर किसी को विदेशों में पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन मिल जाता है. लोन देने से पहले बैंक पूरी जांच-पड़ताल करते हैं और अपनी नियम और शर्तों पर खरा उतरने वाले कैंडिडेट को ही फॉरेन एजुकेशन के लिए लोन देते हैं. अगर आपका इरादा भी एजुकेशन लोन लेने का है तो लोन अप्‍लाई करने से पहले आपको भी एजुकेशन लोन के सभी पहलुओं पर गौर करके इसके नफा-नुकसान को देख लेना चाहिए. इसके बाद ही आपको अप्‍लाई करना चाहिए. बिना जांच-पड़ताल किए लिया गया लोन आपके जी का जंजाल भी बन सकता है.

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कौन-कौन से खर्च शामिल हैं?
मनीकंट्रोल डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, विदेशों में पढ़ाई के लिए लोन लेने से पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि यह लोन किन-किन खर्चों के लिए दिया जा रहा है. ज्यादातर बैंक ट्यूशन फीस, रहने के खर्च, हेल्थ इंश्योरेंस और स्टडी मैटेरियल का खर्च एजुकेशन लोन में शामिल करते हैं. उदाहरण के लिए, बैंक ऑफ बड़ौदा ऊपर के सभी खर्च को प्रोजेक्ट कॉस्ट मानता है. बैंक ऑफ बड़ौदा में जनरल मैनेजर (मॉर्टगेज एंड अदर रिटेल एसेट्स) एचटी सोलंकी ने का कहना है कि इनके अलावा बैंक हवाई जहाज का किराया, लैपटॉप और स्टेशनरी, स्टडी टूर, प्रोजेक्ट वर्क और थिसिस पर होने वाले खर्च को भी ध्‍यान में रखकर लोन देता है.

लेकिन लोन लेने से पहले आपको पता होना चाहिए कि एजुकेशन लोन में कौन-कौन से खर्चे शामिल नहीं हैं, जिनका इंतजाम आपको स्‍वयं करना होगा. अतिरिक्‍त कोचिंग, पर्सनल खर्च जैसे कार या बाइक लेना और कोर्स के दौरान वापस घर आने और वापस जाने में होने वाला खर्च एजुकेशन लोन में शामिल नहीं होता है.

अलग-अलग बैंकों की ब्‍याज दरें
फॉरेन स्‍टडी के लिए एजुकेशन लोन लेने से पहले ब्‍याज दरों को जरूर जांच लें. ऐसा करना इसलिए जरूरी है, क्‍योंकि ब्‍याज दर से ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आप समय पर यह कर्ज वापस कर सकते हैं या नहीं. वर्तमान में सरकारी बैंक सात साल की अवधि के लिए 20 लाख रुपये के एजुकेशन लोन पर 6.85 से 8.20 फीसदी ब्‍याज ले रहे हैं. प्राइवेट बैंक एजुकेशन लोन 8.45 फीसदी से 14.25 फीसदी ब्‍याज दर पर ऑफर कर रहे हैं. एसबीआई का इंटरेस्ट रेट 7.25 फीसदी, केनरा बैंक का 7.30 फीसदी और बैंक ऑफ बड़ौदा का 7.45 फीसदी है. आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक जैसे प्राइवेट बैंक 10.50 से 13.70 फीसदी इंटरेस्ट लेते हैं.

लोन अवधि
विदेशों में पढ़ाई के लिए लोन लेने से पहले आपको लोन कितने वर्षों में चुकाना है, यह जानना बेहद जरूरी है. लोन अवधि का निर्धारण बहुत सोच-समझकर करना चाहिए. एजुकेशन लोन की रिपेमेंट की अधिकतम अवधि 15 साल है. इसलिए लोन लेने से पहले आपको पता होना चाहिए कि आप कितने वर्षों में यह लोन चुका पाएंगे.

टैक्‍स बेनेफिट का रखें ध्‍यान
एजुकेशन लोन पर इनकम टैक्‍स के सेक्‍शन 80 सी के तहत टैक्‍स छूट मिलती है. लेकिन, खास बात यह है कि यह छूट बैंकों से लिए एजुकेशन लोन पर ही मिलती है. इसलिए अगर कोई व्‍यक्ति किसी फिनटेक कंपनी से लोन ले लेता है तो वह कर छूट का हकदार नहीं होता.

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किस एसेट पर मिलता है आसानी से लोन
Leverage Edu के फाउंडर एवं सीईओ अक्षय चतुर्वेदी का कहना है कि बैंक एग्रीकल्चर लैंड और ओपन प्लॉट्स को कोलैटरल के रूप में स्वीकार नहीं करते हैं. यही बात, शेयरों और म्यूचुअल फंड्स के साथ लागू होती है. इसका कारण यह है कि ऐसी परिसंपत्तियों की कीमतों में उतार-चढ़ाव बहुत ज्यादा होता है. ये फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह लिक्विड भी नहीं होती है. इसलिए अगर कोई पेरेंट अपने बच्‍चों को इन एसेट्स पर एजुकेशन लोन दिलाने की सोच रहे हैं तो उन्‍हें पहले बैंक में जाकर जरूर इस बारे में बातचीत करनी चाहिए.

Tags: Banking, Education Loan, Personal finance

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