ग्रीन NFT के बारे में जानने लायक जरूरी बातें


हाइलाइट्स

अधिकांश NFT, Ethereum ब्लॉकचेन पर बनाए गए हैं.
हर NFT 223.85 किलोवाट प्रति घंटे बिजली की खपत करता है.
NFT के ट्रांजेक्शन में 124.86 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड रिलीज होती है.

क्रिप्टो निवेशकों के एक बड़े वर्ग का मानना है कि अब तक बने NFT, ऊर्जा और भारी-संसाधन प्रक्रियाओं का उपयोग करके बनाए गए हैं. हालांकि, अधिकांश क्रिप्टो और NFT एक्सचेंज पर एक सरसरी नज़र डालें तो इस तथ्य की पुष्टि होती है कि अब स्टेबल और ग्रीन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके नए NFT का निर्माण शुरू कर दिया गया है. अगर आपने ग्रीन NFT के बारे में नहीं सुना है, तो यहां इसके बारे में पूरी जानकारी दी गई है.

अधिकांश NFT को प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) ब्लॉकचेन पर बनाया जाता है, जिन्हें अपनी माइनिंग प्रक्रिया के लिए भारी मात्रा में कंप्यूटिंग पावर की जरूरत होती है. अधिकांश NFT, Ethereum ब्लॉकचेन पर बनाए गए हैं और Ethereum एनर्जी कंजम्पशन इंडेक्स का अनुमान है कि Ethereum ब्लॉकचेन पर बनाया गया हर NFT 223.85 किलोवाट प्रति घंटे बिजली की खपत करता है. वास्तव में PoW के मुताबिक, Ethereum ब्लॉकचेन पर एक NFT के ट्रांजेक्शन में 124.86 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड रिलीज होती है. जाहिर है कि NFT की नई जनरेशन को पर्यावरण के अनुकूल और कार्बन पॉजिटिव बनाने के लिए कुछ बदलाव करना जरूरी है, ताकि अन्य पारंपरिक NFT को चलन से बाहर किया जा सके.

ग्रीन NFT का परिचय
ग्रीन NFT के इस्तेमाल को इम्पैक्ट NFT भी कहा जाता है. ग्रीन NFT को प्रूफ ऑफ स्टेक (PoS) ब्लॉकचेन पर या मामूली कार्बन माइनिंग प्रक्रिया का उपयोग करके बनाया जाता है. यह सुनिश्चित करता है कि इस तरह से बने टोकन पर्यावरण के अनुकूल होते हैं और कुछ मामलों में वे क्लाइमेट पॉजिटिव भी हो सकते हैं. वास्तव में इसे सुनिश्चित करने के लिए संपूर्ण Ethereum ब्लॉकचेन PoS प्रणाली में शिफ्ट होने वाला है, ताकि भविष्य में NFT का पर्यावरण पर बहुत कम नकारात्मक प्रभाव हो.

ZebPay क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के CEO अविनाश शेखर का कहना है कि ‘निर्वहनीयता समय की जरूरत है, चाहे वह कंस्ट्रक्शन हो या टेक्नोलॉजी. भारत में लाखों शानदार स्थानीय कलाकार और कारीगर हैं और ग्रीन NFT मार्केटप्लेस उनके काम को बेहतर बनाने और उनकी सुरक्षा के नए अवसर प्रदान कर सकता है.’ क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र में कई कंपनियां कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए अक्षय ऊर्जा स्रोतों की ओर रुख कर रही हैं. हालांकि, अभी यह नया स्पेस है जिसके लिए कई क्रिप्टो कंपनियां समाधान खोजने के लिए प्रयास कर रही हैं.

अन्य टेक्नोलॉजी जैसे कि Solana और Cardano व उनके टोकन इम्पैक्ट NFT की अवधारणा को और भी बेहतर बनाते हैं. यही वजह है कि ये बेहद कम समय में काफी लोकप्रिय हो गए हैं. अगर आप सोच रहे हैं कि आपको ये टोकन कहां मिल सकते हैं, तो भारत के सबसे पुराने क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक ZebPay पर जाएं और 100 अन्य लोकप्रिय टोकन में से इन्हें चुनें.

ग्रीन NFT की ओर रुख करने वाले आर्टिस्ट
डिजिटल आर्टिस्ट माइक विंकेलमान, जिन्हें बीपल के नाम से जाना जाता है, अधिक निर्वहनीय भविष्य के लिए NFT पर भरोसा करने वालों में से एक हैं. उन्होंने अपनी कलाकृति ‘एवरीडेज : द फर्स्ट 5000 डेज’ को क्रिस्टी में $69 मिलियन में बेचकर NFT के प्रति जुनून को एक नई दिशा दी है. बीपल ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि उनकी कलाकृति कार्बन न्यूट्रल या नेगेटिव होगी, जिसका अर्थ है कि भविष्य में वातावरण से CO2 कंज़्यूम करने वाले प्रोजेक्ट अक्षय ऊर्जा, संरक्षण परियोजनाओं या टेक्नोलॉजी में निवेश करके अपने NFT से CO2 जैसे उत्सर्जन को पूरी तरह से रोकने में सक्षम होंगे.

डोजा कैट और जॉन लेजेंड जैसे संगीतकारों ने भी क्विंसी जोन्स के NFT को बिक्री के लिए मार्केटप्लेस में उतारा है. अन्य डिजिटल आर्टिस्ट जैसे नैन्सी बेकर काहिल और जूलियन ओलिवर भी ग्रीन NFT पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. अगर NFT आपका ध्यान खींचने में सफल रहा है, लेकिन आप लोकप्रिय ब्लॉकचेन पर खरीदने और बेचने के पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में चिंतित हैं, तो निश्चिंत रहें आपके लिए विकल्प मौजूद हैं.

ग्रीन NFT और उन आर्टिस्ट पर शोध करने के लिए बस थोड़ा समय दें जिन्होंने कार्बन न्यूट्रल या पॉजिटिव प्रोजेक्ट की घोषणा की है. साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि ट्रांजेक्शन के लिए ZebPay जैसे भरोसेमंद क्रिप्टो एक्सचेंज के साथ आपका खाता हो. तो, बड़ा सवाल यह है कि क्या आप पर्यावरण प्रेमी हैं और NFT कलेक्ट करने में दिलचस्पी रखते हैं? इसका जवाब है हां, लेकिन इससे जुड़ी आसान टेक्नोलॉजी और इसके आगे बढ़ने के बेहतर तरीके के साथ.

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