Covid 19 Deaths: 2020 में कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र में हुईं, इस आयु वर्ग पर कहर बनकर टूटा वायरस


सार

साल 2020 में कोरोना से 160,618 मौतें हुईं, जिनमें से 1,14,217 पुरुष और 46,401 महिलाएं थीं। इस दौरान कुल 9 फीसदी मौतें हुईं।  

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साल 2020 में महाराष्ट्र में कोविड-19 से सबसे अधिक मौतें हुई हैं और इसके बाद मणिपुर और उत्तर प्रदेश का नंबर रहा। साल 2020 में देश में कोरोना से कुल 1.6 लाख लोगों की मौत हुई थी। देश में साल 2020 में कुल पंजीकृत मौतों की संख्या  81,15,882 रही, जिनमें से 18,11,688 चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित मौतें थीं। ‘मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ कॉज ऑफ डेथ 2020’ की रिपोर्ट के अनुसार 70 वर्ष आयु वर्ग में कोविड-19 के कारण सबसे अधिक मौतें (29.4 प्रतिशत) हुईं। इसके बाद 55-64 वर्ष (23.9 प्रतिशत) की मृत्यु कोरोना से हुई। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की सिफारिश के अनुसार, कोविड-19 के कारण होने वाली मौतों को दर्शाने के लिए कोड को पहली बार एक अलग प्रमुख कारण समूह के रूप में दर्ज किया गया है।

कोरोना के कारण हुई 9 फीसदी मौतें 
कोविड-19 के कारण हुई मौतों में चिकित्सकीय प्रमाणित मौतें 8.9 प्रतिशत रहीं। साल 2020 में कोरोना से 160,618 मौतें हुईं, जिनमें से 1,14,217 पुरुष और 46,401 महिलाएं थीं। 2020 में पंजीकृत चिकित्सकीय प्रमाणित मौतों के अनुसार, महाराष्ट्र में 17.7 प्रतिशत लोगों की मौत कोविड-19 से हुई। इसके बाद मणिपुर (15.7 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (15.0 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश (13.5 प्रतिशत), उत्तराखंड (12.8 फीसदी), आंध्र प्रदेश (12.0 फीसदी), पंजाब (11.9 फीसदी) और दिल्ली (10.8 फीसदी) रहा। रिपोर्ट में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश-वार कोविड-19 मौतों की वास्तविक संख्या नहीं दिखाई। 2020 के दौरान अरुणाचल प्रदेश और लक्षद्वीप में कोई चिकित्सकीय प्रमाणित कोविड-19 मौत दर्ज नहीं की गई। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गुरुवार तक देश में अब तक कुल 5,24,525 कोविड मौतें हो चुकी हैं, जिनमें महाराष्ट्र में 1,47,857, केरल में 69,643, कर्नाटक में 40,106, तमिलनाडु से 38,025, दिल्ली में 26,207, उत्तर प्रदेश से 23,519 और पश्चिम बंगाल से 21,203 मौते हुईं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक मौतें सहरुग्णता (comorbidities) के कारण हुईं। सबसे अधिक मौतें (29.4 प्रतिशत) 70 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग में हुई हैं, इसके बाद 55-64 वर्ष (23.9 प्रतिशत) में सबसे अधिक मौतें हुईं। 65-69 आयु वर्ग, जिसमें केवल 5 वर्ष का वर्ग अंतराल है, उसमें भी मौतों की महत्वपूर्ण संख्या (14.5 प्रतिशत) दर्ज की गई है।  
 

विस्तार

साल 2020 में महाराष्ट्र में कोविड-19 से सबसे अधिक मौतें हुई हैं और इसके बाद मणिपुर और उत्तर प्रदेश का नंबर रहा। साल 2020 में देश में कोरोना से कुल 1.6 लाख लोगों की मौत हुई थी। देश में साल 2020 में कुल पंजीकृत मौतों की संख्या  81,15,882 रही, जिनमें से 18,11,688 चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित मौतें थीं। ‘मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ कॉज ऑफ डेथ 2020’ की रिपोर्ट के अनुसार 70 वर्ष आयु वर्ग में कोविड-19 के कारण सबसे अधिक मौतें (29.4 प्रतिशत) हुईं। इसके बाद 55-64 वर्ष (23.9 प्रतिशत) की मृत्यु कोरोना से हुई। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की सिफारिश के अनुसार, कोविड-19 के कारण होने वाली मौतों को दर्शाने के लिए कोड को पहली बार एक अलग प्रमुख कारण समूह के रूप में दर्ज किया गया है।

कोरोना के कारण हुई 9 फीसदी मौतें 

कोविड-19 के कारण हुई मौतों में चिकित्सकीय प्रमाणित मौतें 8.9 प्रतिशत रहीं। साल 2020 में कोरोना से 160,618 मौतें हुईं, जिनमें से 1,14,217 पुरुष और 46,401 महिलाएं थीं। 2020 में पंजीकृत चिकित्सकीय प्रमाणित मौतों के अनुसार, महाराष्ट्र में 17.7 प्रतिशत लोगों की मौत कोविड-19 से हुई। इसके बाद मणिपुर (15.7 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (15.0 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश (13.5 प्रतिशत), उत्तराखंड (12.8 फीसदी), आंध्र प्रदेश (12.0 फीसदी), पंजाब (11.9 फीसदी) और दिल्ली (10.8 फीसदी) रहा। रिपोर्ट में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश-वार कोविड-19 मौतों की वास्तविक संख्या नहीं दिखाई। 2020 के दौरान अरुणाचल प्रदेश और लक्षद्वीप में कोई चिकित्सकीय प्रमाणित कोविड-19 मौत दर्ज नहीं की गई। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गुरुवार तक देश में अब तक कुल 5,24,525 कोविड मौतें हो चुकी हैं, जिनमें महाराष्ट्र में 1,47,857, केरल में 69,643, कर्नाटक में 40,106, तमिलनाडु से 38,025, दिल्ली में 26,207, उत्तर प्रदेश से 23,519 और पश्चिम बंगाल से 21,203 मौते हुईं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक मौतें सहरुग्णता (comorbidities) के कारण हुईं। सबसे अधिक मौतें (29.4 प्रतिशत) 70 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग में हुई हैं, इसके बाद 55-64 वर्ष (23.9 प्रतिशत) में सबसे अधिक मौतें हुईं। 65-69 आयु वर्ग, जिसमें केवल 5 वर्ष का वर्ग अंतराल है, उसमें भी मौतों की महत्वपूर्ण संख्या (14.5 प्रतिशत) दर्ज की गई है।  

 



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