नई दिल्ली. केरल से नोरोवायरस संक्रमण के दो पुष्ट मामलों हुई है. इसके बाद केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल राज्य निगरानी कार्यालय (एसएसओ) से मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. एक अधिकारी ने बताया कि नोरोवायरस एक वायरल बीमारी है जो विश्व स्तर पर आंत्रशोथ का सबसे आम कारण है. नोरोवायरस की बीमारी लगने के बाद रोगी को तेज दस्त और उल्टी की शिकायत होती हैं. उभरते हुए सबूत बताते हैं कि नोरोवायरस संक्रमण आंतों की सूजन, कुपोषण से जुड़ा है और लंबे समय तक बीमारी का कारण बन सकता है.
पांच साल के कम उम्र के बच्चों को ज्यादा जोखिम
विश्व स्तर पर एक अनुमान के मुताबिक नोरोवायरस के सालाना 68.5 करोड़ मामले देखे जाते हैं, जिसमें पांच साल से कम उम्र के बच्चों में 20 करोड़ मामले शामिल हैं. अधिकारी के अनुसार, केरल में नोरोवायरस का पहला मामला पिछले साल जून में अलप्पुझा जिले में दर्ज किया गया था. अलप्पुझा नगरपालिका और आसपास की पंचायतों से 2021 में नोरोवायरस से जुड़ी तीव्र डायरिया संबंधी बीमारियों के लगभग 950 मामले सामने आए. इस बीमारी का दौर करीब डेढ़ महीने रहा था.
तेजी से इसका प्रकोप फैल रहा
अधिकारी ने कहा, हालांकि इसका प्रकोप तेजी से फैल रहा था लेकिन यह बीमारी बहुत घातक नहीं थी और 92 प्रतिशत से अधिक रोगियों को बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) देखभाल की आवश्यकता थी. अलप्पुझा में संक्रमण का स्रोत दूषित पानी पाया गया. अधिकारी ने कहा, एसएसओ, केरल को एक विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है, जिसे जल्द ही भेजा जाएगा.
कैसे फैलता है नोरोवायरस
नोरोवायरस आमतौर पर दूषित पानी, दूषित खाने और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है. इसके शुरुआती लक्षण उलटी और दस्त होते हैं, जो वायरस के संपर्क में आने के एक या दो दिन बाद शुरू होते हैं. मरीज को उलटी जैसा अहसास होता और पेट में दर्द, बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द महसूस होता है.
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FIRST PUBLISHED : June 06, 2022, 23:21 IST