इन 10 टिप्‍स की मदद से बढ़ाएं अपने बच्चों की याददाश्त, पढ़ाई में बनेंगे अव्वल


बच्चों के विकास के लिए स्वस्थ याददाश्त बेहद जरूरी है। कमजोर याददाश्‍त पढ़ाई से लेकर सभी क्षेत्र में बच्‍चों के सीखने और विकास करने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। कई बच्‍चों की याददाश्त काफी कमजोर होती है। वे बचपन से ही चीजों को रख कर भूल जाते हैं। शुरुआत में माता-पिता इस समस्याओं को आम समझकर इग्नोर कर देते हैं, लेकिन बाद में यह चिंता का विषय बन जाती है। अगर शुरुआत में ही इनके उपाय करें तो यह गंभीर रूप नहीं लेती। आज का हमारा लेख भी उन्हीं उपायों पर है। आज हम आपको 10 ऐसे ही टिप्‍स देने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपने बच्‍चों की याददाश्त को बढ़ा सकते हैं।

1. लर्निंग को बनाएं मजेदार

बच्‍चों की लर्निंग क्षमता को बढ़ाने के लिए उसे मजेदार बनाना जरूरी है। बुक से नॉर्मल पढ़ाई से बच्‍चे बोर होने लगते हैं, जिससे उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता। आप बच्‍चों को लाइब्रेरी ले जाएं और वहां उन्‍हें विभिन्‍न बुक के माध्‍यम से पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही किसी विषय को समझाने के लिए उन्‍हें साइंस म्यूजियम और आर्ट गैलरी जैसी जगह भी घुमाएं। यह बच्‍चों की याददाश्त बढ़ाने में मदद करेगी। क्‍योंकि किसी विषय के विजुअलाइजेशन से बच्चों को वह तेजी से याद होता है। बच्चों के टीवी देखने का टाइम कम करें। इसके बजाय, उन्हें पढ़ने और अन्य बाहरी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें।

2. व्यायाम कराएं

व्यायाम करना एक ऐसी आदत है जो हर किसी को करना चाहिए। बच्चे जितनी जल्दी प्रतिदिन व्यायाम करने की आदत विकसित करें, उनके लिए उतना ही अच्छा है। शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से दिमाग को तेज रहने में मदद मिलती है और दिमाग अच्‍छे से कार्य करता है।

3. जोर-जोर से पढ़ने की आदत डालें

किसी भी विषय को अगर बच्चे मन में पढ़ेंगे तो उन्हें जल्दी से याद नहीं होगा, वे उस विषय को जल्दी भूल जाएंगे। ऐसे में आप अपने बच्चों से कहें कि वह जो भी कुछ पढ़ रहे हैं उसे जोर जोर से पढ़ें। इससे उन्हें खुद अपनी आवाज सुनाई देगी और याद करने में आसानी होगी। जोर-जोर से पढ़कर याद करने से बच्चों को वह बातें याद रहती हैं।

4. अच्‍छा श्रोता बनाएं

कभी-कभी दूसरों की बातों को सुनना भी जरूरी होता है। अगर हम बिना किसी की बात सुने अपनी बात रखेंगे तो हो सकता है कि लोग उसका गलत मतलब निकालें। ऐसे में माता पिता का फर्ज है कि वह अपने बच्चे को एक अच्छा श्रोता बनाएं। इसके लिए वह सबसे पहले अपने बच्चे को अपनी बात को सुनने के लिए प्रेरित करें। ऐसा करने से उनके अंदर न केवल धैर्य का विकास होगा बल्कि वे दूसरों की बातों को सुनेंगे और समझेंगे।

5. पैटर्न का प्रयोग कर पढ़ाए

बच्‍चों को पैटर्न का प्रयोग कर पढ़ाना उनकी याददाश्त में सुधार करने का एक अच्‍छा तरीका है। पैटर्न के माध्‍यम से आप उन्‍हें वर्णमाला सीखने से लेकर वस्तुओं को वर्गीकृत करने तक की जानकारी दे सकती हैं। पैटर्न में कोडिंग और उसे श्रेणीबद्ध कर अभ्यास करने से यह लंबे समय तक याद रहता है।

6. पढ़ाई के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक जरूर लें

लंबे समय तक पढ़ाई के दौरान ध्यान केंद्रित करने के लिए मानसिक विराम लेना जरूरी है। क्‍योंकि दिमाग को जानकारियां स्‍टोर करने के लिए थोड़ा समय चाहिए होता है। ब्रेक के दौरान बच्‍चे पानी पीने, खड़े होने, घूमने, या हल्का व्यायाम जैसे कार्य कर सकते हैं।

7. ब्राइट कलर का उपयोग करें

अपने बच्चों को पढ़ाते समय ब्राइट कलर्स का उपयोग करना भी याददाश्‍त बढ़ाने में मदद करता है। ब्राइट कलर्स एक ऐसी चीज है जो हमारे दिमाग में आसानी से आ जाती है और इसलिए इसे आप बच्‍चों को कुछ समझाने में जरूर इस्तेमाल करें। विभिन्न ब्राइट कलर्स के साथ प्रमुख घटनाक्रमों को हाइलाइट करना और सिलेबस में स्टिकी नोट्स का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है।

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8. पोषक तत्वों की पूर्ति

जब बच्चे एंटीऑक्सिडेंट और ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर संतुलित आहार का सेवन करते हैं तो याददाश्त काफी हद तक बढ़ जाती है। चीनी और उच्च कैलोरी वाले भोजन से बचें। इससे बच्चे की याददाश्त के विकास में और मदद मिलेगी। कुछ रिसर्च यह बताती हैं कि अगर डाइट में विटामिन डी विटामिन b1, b12, b6, आयरन, आयोडीन आदि को जोड़ा जाए साथ ही इन सब के साथ एंटीऑक्सीडेंट तत्व को बच्चों की डाइट में जोड़ा जाए तो इससे उनके सोचने समझने की शक्ति पर प्रभाव पड़ता है।

9. नींद है जरूरी

अगर आपका बच्चा भरपूर नींद लें तो इससे उसकी स्मरण शक्ति बढ़ सकती है। नींद में बच्चों की सोचने, समझने और याद करने की शक्ति को बढ़ावा मिलता है। ऐसे में अगर बच्चे भरपूर नींद नहीं लेते तो इससे उनकी सोचने, समझने की शक्ति पर प्रभाव पड़ता है।

10. बच्चों को लेकर जाएं बाहर घुमाने

आपके बच्चे जब बाहर घूमने जाएंगे तो इससे वे नई नई चीजों के बारे में जानेंगे, समझेंगे और उन्हें अपने मन ही मन में बार-बार दोहराएंगे। इससे न केवल उनकी नॉलेज बढ़ेगी बल्कि उनका मानसिक विकास भी होगा। यह प्रैक्टिस बच्चों की स्मरण शक्ति को बढ़ाने में भी मददगार है। ऐसे में बच्चों के दायरे को केवल घर तक सीमित ना रखें। उन्हें बाहर घुमाने भी लेकर जाएं।

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